पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७५०

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वर ६८५ प्रदाधिक दर ( Inflammatory ferer -म , मास्टर पोर १२ पेन मिठरियट पाफ पामोनिका चरम मस्तक, पोठ पोर प्रत्यछमें वेदना. गरीर पन्यास पानो मिना कर मादिनने ३४ यार मदन गाना गम्म, नाड़ोष्ट. पत्यमा ट गया. मान पो थोड़ा मृब, . चाहिये। धमनीकी शिया धोने का मताका कोठवहता, चालण्य, चिन्ता पादि मन प्रकट होते प्रयोग करें। पचमा पयमाद का नन्द्रा लोने पर ममाक है। पिगड पोर धमनी वा गिरा अत्यधिक उजित पर पता दिया जा सकता दूमरे वाहन । होनेमे यह वर नापन्न सोता है। प्रोढ़. पधि कमेट- माधारणतः नन REE HE मियदंगाम यिगिष्ट, श्रीधो, पपरिमिताहारी पोर पत्यन्त व्यायाम. यावर देखा जाता है । म र ममुद्र म पोषक गीन व्यक्यिोंको यह बर होता है। प्रत्यन्त शीतन रूपी यावन होता है। कई माघ utrite of पीर पत्यन्त उपदेगर्म प्रदाहिक ज्वरका प्रकोप देखा motash पोर muriate of ammoma का मिय पया जाता है। citrate या tartarnt. of pata-hवावधारम यह उबर मरियागे मी उत्पय हो सकता है। यघट नाम परच माना भी वाभाया वरमाप. मलेरिया ममष्ट न होनेमे पदाहिया ज्या गाध हो टप. विराम ग्यरकै ममान हो जाता है। पिरामायन्याम शान्त हो जाया करता है। sulphatu or quintine यायक्षार करना चाहिये। माधारणतः शारीरिक किमी यम्यकी विकृति, इ.ठिन। विशयर ( Thlio-gastric fever ) गोला कम्प, यामाही कोई उत्पात न होने पर मरल पदाधिक। परिपान क मा पोर पित्तको यिति ये मय रम ज्वर होता है। गीत और दमनात्र में यह जर वा निदान है। रोग फठिन रोग पर रागोका गरोर दिखा देता। मरम पवस्था में यह उपर विफल भी पोना ही आता उरण एनटलममि पोर नाति. मामक या देगथापक नहीं होता। गोतोय प्रटेगमें ग्राम और गरकानमे या गोग देश यह रोग जितना बढ़ता है, उपमर्ग भी उतने हो। म्यापक पपया कभीमा पत्यमा यप पीर बाद पाने में चढ़त रहीं: जियामास पीर सूख जातो , म बाद यह मंझामको झामा पिधान पोर मादक नींद नहीं पासो। म रोगमै बामकीको सता तया मेवी व्यमिााँको यह रोग होगा। को प्रलाप सोता है। मामको उपमों का आयय सामाय और अनिल पदार्य मद कर पियालय होता पोर सुबह पमीना हो कर उपमर्गाको मिति | मरोरम पिट सीने पर मया पवन पथया रामको होतोमाधारणत: यह थर १४ दिममे ज्यादा नहीं। गोतम वायुमेवन, पपरिमित पाहार या पाग, पावना सहरमा कठिन प्रदाक्षिक परम गेगी प्रायः मर जाते ! परियम पोर क्रोध प्रकट करनेमे पर व्या सीता । १। यह ग्यर रमे दिन म रता है। पार करने पर प्रफट होगर परिमे पयमाद, पियमिपा, हानि, गोधे या परिव दिन गंगी ओवमा पना हो पोठ मोर प्रत्या वेदना, निमाम्य, नि:शाम दुर्गम माता गुह, जिला पोसवणं पोर में मातम, मुग उपयामा, मा-मरम पीर फठिन दोनों की मक्षारके। परचि पादि मचाए उपसित पति । पोरगी प्रदाधिक मामे एक तरको वा दो आती । प्रथमा रिपोड़ा, यमन, दार, पम्पिरता, पनिदा, ददरदमा, मस्या भूमिधाक पनुमार गिरा पोर धमनोमे रह च मारामारा, मुख राय, पाम न कर पीर मोरपको प्ययम्पा को पा सकती है। पाद विरमक नाड़ी हुम, पन्या विमा. पितमय मनिगम, मूब पोपध व्यवसाय। रम परमे, किमो भो बारक्षम गोड़ापौर कामा, स्यादि मत प्रकट होते। म यमशरो पोपा मगो पारिये। Nitration कभी कभी ग म मेयरमा गरम tasth, nitrate ofaile पीरmatiate of amo सरसा। uis chaमाई ममय वाम य ६६ पक्ष सपन ई पापा दिन स स ARY Vol. VIII. 17