पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७७३

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धारमाटा १२।पट मारो नाम धापित सोनों में गाने लिए वारका मान होना पाया। । म मायनोई शिनारे मौका पाटिकराने पर गदो सोनी मरफ पोर प्रमिलन पनि निरभार दर जामो १.मनि मनाए शेप में भारी। बस महायता पपानोपट पोर ग भार नदीनामा पाटिका महानादिगाम न पो मिया पोर मो परेश कारण थारमा मन का यदि पपिम या पन्य किमो टिगामे की, तो मे हैं। प्रनगम जो ज्वार उत्पनी है. पर ITE: मम ममाम चार अपयशी होती । कसना फिल्म नियमिनिम कारणाममुप महातमे पा करतो - मि. म प्रकारको पगिमयादिनो ममुद्री मिननयानो | १ चन्द्र पोर पर की पाप्रिय पार तरस ( Diuret मष्टियाम भार ममय थिममे पूर्व पर्यायीक पिप tiin ) सटि सारो का प्रयाशित २ । चन्द्र और सूर्य को एमटी भारता{ Semii किमी मामम चारप्रया पन पनी पानो यम Tirmatiile ) प्रामा पो उमले माटी फिर भाटा स्रोत शनी । कई गाणिक पोर सूर्य के पारगामिश पान पटमा रा । क्रममे पामो फिरमे यम जाता है पीर परिया नजन्य यार तरद ( Senni-lyrnetrnal anst फिर वह यार होने नगसोएं। ये टो सोनतीन ममय suini nuntal) की ययाक्रममे उम म्यान ज्याग्माटाको माम उग्रति ! ____पन के माय और भो कुछ पालतिय, परिपन गई पोर पयति । ममदाट धन्दरी चियर पास! कारण ज्यारमे कमायेगा होतो । यथा- मन्य कोने पर भी नदी के मुहान के लिए प्रयुगगी ।। ४ । थायुगगिको टाधम ममय ममय मोयेसी होमें राम म्यान अमरागिको परम ठयति पाद भोवत। कारप मागर उनकी कोसि पोर पयनति। . देर ना पानी नटी मुल प्रश परता। ५ घायुको गतिका मामा परियतम । ___उपलमे टूरवर्ती ममुर्म ज्वार होने पर उमझी। कर जो कुछ कहा गया है नममे प्यार विषय चनको भोता। नमध्यमागरम मबमे घो ज्या योडा पास भान ही महता । यह मार प्रसार पर ममा भी पानो २२ माय शोता है। इसका ममयम प्रथिवीम बहुत दूर तक याम होगा। इम कारण ज्वार समझाने के लिए प्रयियोको जो पानामति प्रमावगे गमार समुह भी कयरमे मोमे तक पामोहिम कम्पमा की गा मध्यमागर धमका एक पदांगमात सोता है। किन्तु वात भोर प्रहरी ममय मो ममुद्रका । मन ममपरिमाण एक मम्पर्ग पर्तुम पंगमे । अम प्रवाह मे भगदपा पो हिपविलियोन पधिक भियना पर भी कुछ फुट मोचे गिर रहा। ___ ममुखको गभोरता और पाकार पर तया छोप, | । पन्द्र को प्यारका प्रधान कारण यः परमें हो महापादिक प्रधान के कारण चार याम कुट येपम्प कहा जा चुका है। पार थियो दानों पर देगी माना है। पायनमें यह फर एक माधारण मारकेन्द्र बागे नगरको मारियायधिशाम गोपर मायः म | तरफ फिरत ए सूर्यको प्रतिमा है। ममुद्रा पद स्वारभाटा ममय और ताका विषय! पानी मा.पन्द्रमा मोघे पोर मम ठोक विपोम मिपा पागामिकों लिए का आमना समागम बघा पोता राम मकर दी मार.. हो। पोनालय (टो) सादि अनामयानाको सम् मयदा चन्द्र गाय मागे | मीरको परम पनि पोर परम पनि आनना दिली पाहि गतिराम मारतायो भेट का ही है। महामो नदि ममि त रा पहने भमकानो परम पगियामा रक्षा पगियो १. भारी ममी टोत कर पा र पातमे की पूर्ण नाहि फुट गई हो तो पो महापालिमा मानिए पनदियो। उममे साप नाप तोमवागमति