पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७७६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
  • -मकर

झ-स्कृत और हिन्दो प्यननयन का नयमय'.(म. पु. ) झटाप्ति झट। भन्पेपरि । घयगंका चतुर्ध पसर । इनमा उगारणकाम माता | RRAH १ ममायाम, वर्षा मिमो ईमेल कधी २ परिमित ममय और उचारणम्यान तान् है। अगा | नर. दरवाद । अनवयंच, अनका गिरना। ४ रण करते समय प्राभ्यन्तरिक प्रयास में शिक्षा पयभाग झिगट्रीगएक प्रकारका गम्द। ५ देवगुरु हरपति। सारा ताम्न मार्ग होता है। इगो याच प्रयम मयार, | (ध्वनि. गुजार गष्ट । 0 भगवान, मोम बागु, नेश नाद पोर घोया या महामायणाम परिचित है। था। टेन्यगा। • माकान्यामकान वामकरानि मूलमें मका न्याम मया (EिE. टोकरा, लाया। किया जाता है। समाप मतमे इमको घोषयत् माझ ( .) १ धातु गड पाम्पर टप्सगर्मग मिकमा ६। यह कुण्डनी, मोहरूपिणी, विशु जनाको भौति र चा गया थियारोका गल। कार, अञ्चन तंत्रा मर्षदा नत्य, रश: मोर मम: इन | झंकना (Eि कि०) मीतमा देवी। तीन गुणाम यह प्रशदेवमय, परमाणमय, विविन्दु पोर झकाई (Eि.पु.) विगतिमा है। (मनुसम्प्र) अंकापना (Eि क्रि.) झनझन गद ज्ञापन होगा। रमका ध्याग- भगमा (Eि.शि.) झोपना, पपात्ताप करना, गम "पानमसा प्रसामि गप्प मानने । पामा । माप्तहेमवर्गाभा हलामाविभूषिताम् । भंपाद (हि.पु.) १ एक प्रकारका घना पोर कटियार रनारनामसांनी समस्यनिवितान् । पौधा । २ कोटेदार पौधों का समूह निप्पास या पतुर्दशभुज का रसदारो । पढ़ जिमई पत्ते झट गये हो । यसमा पराश धौर. प्पासा परपस मदापा" कार्टर। (i ) मंगरा ( .) मिशा मा पा सासदार गोल माभिधानत मामेरमा पापक गट- झोपा, बोग। गुए, मार्मा, र, यामु, मम्मम, जय, दायिणी, गाद, अंगा (ES देने। quit. fxET, मल, दिति, पिरान्द्र धनुईम्त, कफंग, झगुप{ पु.) पुरनों की पोरगे तोमरो पड़ी श्री गाद, कुम दया, मप, पाकम्पित, मगरन, महिया नामह गम मगाएती। इस, मर, पामासान, मिष्टा. पमहल, कनमेंट (हि.बी.) , मयंका झगदा, टा, गप्रिय. यामा, पामार न. पुपर्षक समाग, TR | धड़ा। S'मा पोर मार नाभा EPE Irs ) R el, मगमन पर माaamमरम प्रथम विन्दामभयपरमर चोला (HITRI ) मंझर (Fes. ) दे।