पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७८८

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झपटना-मन 618 झपटना (दि. शि.) १ आक्रमण करना, टूटना, धाया। मथड़ ( पु.) पड़, झाप। करना। २ यात शीघ्रता पूर्वक पागे बढ़ कर चार मेना। मान (F• Ha) भार पादमीम उठानी एक प्रकार झपटाना (Eि. कि.) पाक्रमण करना. मना करना, की पहाड़ी मया। . . एमकाना, बढ़ावा देना। झयानी (हि.पु.) या काय मजा भयान झपमान (हि.पु. ) मीत पनुमार पोस मायापीका नाता है। एक तान्न, इममें चार पूर्व पीर दो पदं होती है। मका माझया ( मो.) एक प्रकारका गाना को काम- बोन इस प्रकार है- । में पहना जाता। झवठा (FE.f.) या देगी। झनधो (हि.सी.) गफमभको हानि नाम धा धा से टिन ना के धा 2 दिन यानो एक प्रकारको घाम। (गोता.) तमलेका धोम-धिन धा, धिन धिम धा, देस तामा झवरोरा-गुरुप्रगम गारानपुर प्रिनको महको मर तिन सिन ता । धा। मीना एक गार या गाटरामपुरमे १ मीम दक्षिण झपना (E.कि.)१पनीका बंद करना। मकना।। पूर्वम स्थित है। यह गामपुर जिन पूरी २ मत्रित होमा, गरमिंदा होना। एक गामनामा मयाय हाशिम शो मा एक झपनी ( प.) १ कोई भी ढोकनेको यश. मस्जिद पीर. एका । दकना।२ पिटारो। झरा (Eि. वि. ) जिम यत मंधन fast ९ए झपपाना (E. कि. ) मापनेशा काम किमो मरमान की। कराना। मरीना (रि.वि.) niti झपम (Eि. मो.) १ गुलाम मोनको किया। मगर मो.) मगहा, अगसाटा। झपमना (हि.कि.).मता या पडकी गापाका चना | झया (सिं-पु.१म या गून पाहिममे माता को कर फेममा। गुणा भी एकहों में बचा रहता है। २ डोरी बोटी झणमा (EिY.) गोममा शल्दो। (जि. वि.) २ भी एकदम गयी था बधी शोमीर. गुई। जीप्रतापूर्वक जन्दोमे। झमाझा-मुहप्रहग में फैशाशदधिने मां पाया झपाटा (वि.पु.) पाझमप, चपेट । नगर दक्षिण एक महोश पदाद। यरी माधारण भपाना (FE. कि.) बन्द करमा, मदना। मोगों का मिनाम मिट दुर्ग निर्माण ममय झपाव (हि.पु.) एक मकारका यस हिममें घाम माहा मी पपनी टोकरीको रम म्याम पर मारा काटो भातो। घरात घे, मोगे यह पहरामा पा गया । झपित (जि.वि.) १ दहा पा. मटा एप।२ रमो कारण यह मन्बामाटो नाममे प्रमिहरा मनित । ५ प्रिम माद भरीरो, दि. भाभा पोटी-मवाय रमेनगाहो यो । रमाने मरद मपिया ( किमी) समोसे पाकार प्रकारमा राता (E.. १२) माना सा गाना जो गर्म पाना जाता है। यह गाना माय: मारमे १५ मोम पूर्य मोरमा नाम सामने एक पट्टी डोम बातिको लियो परमती १२ पफो. पारी। JRमभिद मनपा दो। म मरिलो बनावट Rg. भर (पि .) गो। मपटगाEिlar) MERसेना। | ARE AR REकार, यो(हिपु.)ो । ! भद। पत्रपरेकी जान। Vol. VIRL. 10