पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७९१

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७२० झझरक-मलवां झरक (म.पु. ) भर मनायो कन् । कान्तियुग।, यह आवाज जो हाथोके कामों के फड़फड़ान निक- भरा (म० वो०) झझते निन्दाते इति झझ मन में लतो है। . . . . . . . . . .. . झर्म पर म्तियां टाप । १ येग्या, रण्डी। २ जल- झलझम्त (Eि स्त्री०) चमक, दमक। . . . गदविशेष. पानोको अावाज। ३ arराटेवो। झलझलाना ( हिं० कि.) चमकमा, चमचमाना। भर्भरावतो ( म० श्री.) भझरा अन्यथं मतुप । झलझलाहट (हि. म्यो० ) चमक. दमक । . ... मम्य य: नियां डोप । १ गङ्गा । २ झण्टो, कटमर या । झलना (हि. कि०) १ किसो दूसरो धोनसे हमालगना। भरिका ( म. म्तो. ) १ तारिणो, तारादेवो। २ वा वा ध्यार करने के लिए कोई चीज हिलाना । २ ममो, पापड़। झलमल (हिं. पु०) थोड़ा प्रकाग, अलफी रोगनी। - भरिन (म. पु.) भर्भर अन्त्यर्थे पनि । शिवभन्तमला ( हि० वि० ) चमकीला, घमकता हुपा। . महादेव। " गदी स्वं शरी पापी सहांगी झसरी नया:" मनमनाना (हि० कि.) १ चमचमाना। २ निकम्मले (भारत शा० २८६ १०) हुए प्रकाशका हिलमा. डोलना, . . पम्थिर ज्योप्ति .. झझरो (म यो ) भर गोरादित्वात् डीप। निकलना। झर्मर वाद्यविगेय. झांझ नामक बाजा।.. झनरो (म' स्रो०) झल-रा-३ । १ हुडक नामका यात्रा। "गोम्बादम्बराणाग भेरीना मुरज; सद। २ झर्मर वाद्यविशेष, बजानेकी झांझ। . जसरी डिण्टिमानाग व्यधूयन्त महासनाः " ( हरि श) मलया-बल चिस्तानकी कलान रियामतका एक विभाग । झझरोक ( म० पु. ) झार-प्कन् । १ गरोर, देह ।। यह पक्षा० २५ २८ मे २८२१७० घोर देगा ६५ २ देग । ३ चित्र। से ६७ २० पू०में अवस्थित है ! भूपरिमाण २११२८ वर्ग- झरी (दि. पु० ) १ व्या पक्षी । २ एक प्रकारको छोटी | मोल है । दमके उपारमै सरया देश, दक्षिणमें लसला. चिड़िया। राज्य, पूर्व में काशी पौर मिन्धु तथा पग्निममें खारा पीर झग्या (हि. पु०) बया नामको चिड़िया । मकर है। सिन्धु और मलवांको सोमा १८५३.४ १.में भल (हि.पु.) १ दाम, जनन । २ उपकामना, किमो निर्धारित हुई और १८६१.२६ में बांधी गई । दूमरो' विषयको उत्कट इच्छ।। ३ मम्भोगको कामना, काम जगह अब भी विना निहारित मीमा है । म प्रदेश की इच्छा। ४ क्रोध, गुम्सा । ५ अगड़ समूह। का दक्षिणी भाग ढालू तथा बड़े बड़े पहाड़से घिरा झनक (Eि स्त्री०) १ | ति, भाभा, चमक, दमक। है। इसके परिममें गरी पहाड़, दक्षिणमें मध्य बाई २.प्रतिविम्ब, पाझतिका ग्राभाम । पहाड़ तथा मध्यमें कई पक छोटे छोटे पहाड़ हैं जिनमें- झनकटार (हि. वि. ) जिममें चमक दमक हो, चम मे दीवान जिल, हुगतिर, गागन और डाखेल प्रधान है। कोला। यहाँ सबमे बड़ी नदो हिंगोल ' तथा इसकी महायक झलफना (हि. मि.) १ चमकना, दमकना। २ कुछ। नदियां मुश्काई, परं. मूल पोर इव प्रयाहित हैं। कुछ प्रकट होना। १७वीं शताम्दोमें यह प्रदेश सिन्धु रायगके हायसे झनका (हि.पु. ) गरीरका यस झाला नो चलने या अरवोंके हाथ लगा। उम समय हमका नाम तुर्ग था रगड़ लगनेमे हो गया हो। . पौर इसको राजधानी खुजदारमें घो। फिर गजनयियों . झलकाना (Eि'• कि.) १. चमकाना,, दमकाना। २]. घोर गोरियोंने उसे पधिक्षार किया। इसके पीछे मुगनी- पाभास देना, दिपनाना. दरमाना। का राज्य हुमा। चक्रेजखांको वान उमका धारक है। झलकी (दि स्त्री०) झलक देगी। सिन्धुम समर तथा सुग्म यंगझे अभ्युत्यानके समय आटने झनझनाम स्त्री०) मनमान इत्ययास गदः पस्त्यस्य इस प्रदे पर अपना अधिकार जमाया, किन्तु १५वी इति भलमान-पन् । हस्तिकर्यास्फाननजात शदविशेष, गताम्दोके मध्य वे मिरवारोसे मार भगाये गये। रम• ..