पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७९३

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भलाबोर-भाष झन्ता शोर ( पु.) मादी पाटिका चोड़ा पंचल भो । झलक (मली) मच्छ क्षिप्त नाति ला-क' पाता फलायतनका बुना दुपा होता है। २ कारचोटी । ३ / झन स्वाघु कन् । काम्यनिर्मित करताल याद्यपिगेप, पातिगामी का एक भेद । ४ चमक, दमक । (वि:)कासेका बना करतान। .. ५ चमकीला, पोपटार। "शियागारे शाध्य सूर्योगारे च शंसकम् ।" . झलि ( मं० सो.) क्रमुक, सुपारी। दुर्गागरे पंशिवाय.मधुरोग न वादयेत् ।" (तिथितस्य झलिटा (मानदा)-१ छोटानागपुर विभाग अन्तर्गत झमकण्ठ (स.पु.-सो) झनो लक्षण्या तत्वा इय मानभूमजिनेका एक परगना। इसका क्षेत्रफल १२८०३८ कण्ठ गम्य, बहुम्रो । पारावर, परेवा । . . मग मीन। | भोवरा (म० सीमा परन् पृयोदरादि० । १ मर्मर २ छोटानागपुर विभाग अन्तर्गत मानभूम जिन्न-वाद्यविगेप, धजानेकी झांझ । २ एडया नामका के झम्लिदा परगनका प्रधान नगर । यह प्रता.२३:२२ बाजा! ३ वालककेग, छोटे छोटे लड़कों के धान्न । ४ उ०पौर देशा० ८५°५८ पू० पथस्थित है। पहले यहां शुङ।५ रोद, खेद, पमोना। ६ बानचा । यन्दूक तथा कट सम्तादि प्रस्तुत होते थे। भी शस्त. भसरो (स. स्त्री०) शहार देखो। पाइन हो जानसे इसका पूर्व गौरव जाता रहा। यहां झला (हिं• पु०) १ बड़ा टोकरा, खाँचा । २ राष्टि, वर्षा । एक पत्थरकी गोमूर्ति है। प्रवाट है कि पहने एक ३ वोछार। ४ पके हुए तमाखके पत्तों पर पड़े हुए कपिला गायन पञ्चकोट-राजवंगके प्रादिपुरुपको अरण्य. दाने । (वि.) ५ जो गादा न हो. जिममें पानी म पालन किया था, बाद वह उमी स्थानमें पत्थर हो । बहुत मिन्ना हो। . . . . . गई। यह माह तथा छूरो घर बनाने का व्ययमाय | . . झमाना (हिं. फ्रि.) बहुत चिदमा, विजलाना। अधिक होता है । यहाँको लोकमग्या प्राय: ४८०७ है। झलिका (मस्ती ) झली क क पृपो० । १ उदनयट झलु-मुक्त प्रदेशकै मिजनौर तहसीनका एक गहर। यह बदन पोछनेका कपड़ा, अगोहा, तोलिया । २ दोमि, भता. २८.२०१० उ० पीर देशा० ७८१५३.पू० प्रकाश!३ द्योत, धूप। ५ उपर्सनमन्त, गरी को घर पर बिजनौर नगरमे ६ मील पूर्व में भयस्थित है। यह मनसे जो किमी चीजसे मनने या पोछनसे निकले । ५ गार रुपिजास द्रश्योंके वाणिज्य के लिये प्रसिद्ध है। मूर्य रश्मिका तेज, सूर्य की किरणों का तेज। . मनोनी-युप्ताप्रदेशके ललितपुर जिलेको ललितपुर तह.! मोलका एक ग्राम । यह चन्देरीमे मायः १६ मील उत्तर- झलो (म० सी०.) झन हो । झझर वाय, झाझ । में पयस्थित है। इमके निकट ग्वालियरके पथ पर एक झलीपक (म' को. ) नृत्यभेद, एक प्रकारका नाच । पहा है, जिसके ऊपर प्रायः १८ फुट लम्बै एक खण्ड .... सौपरन्तु स्पयमेव कृष्ण सुवंशघोपं नादेव पाय ! चीर पर्थात् गिला-फलकौ १३५१ सम्बत् ( १२८४ ) का (हरिवंश ४८.१०). लिखा हुप्रा देवनागरी परमें एक शिलालेख है। . मामाला | भोलि (ग ) सर्व लासक, टेकुएको कोल ।. झल ( म० पु. सी.) मई किप, तं सातिमाको झोल (. पु.) भई किप, तथा भूत: सन् नौल: • प्रात्यनियमे उत्पन वर्ण कर जाति । मासा देखो। | पृषोदरा । झहाल देखा। ::::. . "यो मन राधामात् मात्सात् निरिडविरेच" (मनु) भय (म.की.) झप ग्रह प्रच। । २ मनुने रनको शक्ति निर्देश किया है। पन! (पु.-म्ती) झप कमणि घ। ३:मामा, मोन, , "बा महा नटाचैव पुरा प्रयतयः। महलो। "वंशोकलेन परिशेन सीरिवारमा । (आनन्द पूतानमधारय प्रपन्या रानसी गति:" . . ; ) : मकर, मगर "जयाणा मयास्मि (गीता २ विदूपफ वा मोड़। ज्वाला, लपट। ४ हुटका ५ मीनरागि। ६ ताप, गरमी।. ग्रोम , . . या पटप नाममा याजा । (स्त्री.) ५ महा होनका भाव।। ८ जतघरभेद. एक प्रकारका जलघर :