पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८०५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मोसोको रानो पासपर परम पभिमायमें मेना को करने मगे। स्थित मोती हो । दोपानी और फौजदारीमा , गम हि पोर एक में ना मेरो । पवको पार मौके मिया परवप पोर धारक यो... मदागिय पदो पर पीर मामी नाये गये। मई याद के पाझमण निवारण लिए प्रयाम्प पियाम मी . रामोको गामगदशसाको देप कर दुईप गस पोर अगको विगेप सब रहता था। उन्होंने नगर में भी दममि मी गामामाव धारण किया। दूम मेमा या, पयोंकि उनको ऐमो धारणा यो कि गा. समान एक गम को पराजित कर पन्दी कर लिया। पुरुषोंको उनको पभिमाय जान कर मनाप होगा।' : म याद मो एक गव ने उनका मामना किया । झामो परना उनको धारपा फस्नयनी न हुई। राजपुरुषों को । में मोमको ट्रोवर पोरदा गभ्य है। इस राज्य रानी पर मन्देश या. उम मन्दरमे पर शताका रुप दोगाम नयेतो झोमो पासमा करने के लिए योम जार धारण कर लिया। पेज-मेगाति मर शिरोज गनो मेमाई माघ येमवती नदोके किनारे पहुंचे। यह नदो के वित्त मांगोको ओर चल पड़े। - - झामोमे नजदीक की। ममय रानी पाम पधिक ग्रेजी मेनाके झामो के विकर पग्रसर होने पर मनाम थी। पेस गयमंगटन झामो अधिशार कर दपारमें गड़बड़ो फेल गई यो।' ममोक मिटिंग गय. मेनाको माया घटा दो घो, तोप और वापद पाटि भी नट | मंगटकै अधिकार पा जानेमे यदुतगे पुराने कर्मचारि- कर दी थी। परन्तु रानी रुममे भीत या कर्तव्ययिमुप न यो'को मोविका नट हो गई थी। गमोन जब पपने हुई। सम्हाने मई मेना एकहो कर युद्ध करना शुरू कर पात साधमयो वन पर पंजओ में युद्ध करने का नियय .. दिया। उनके पामग्वणमे झामों के मदार लोग मगर | कर लिया, तब वहांफो योर रमणियों भी युडके पायो पच को ले कर उपस्थित हुए। रानीने पपने वायन जनमें उनको संहायता करने लगी। मे मोमोको रक्षा की थी। पावर्ती दतिया पोर टेरो| ___ गयनर जनरल नाई कनि पोर पम्पको गयमर गग्य कधारीन मौका देगा उगा गन्ध पर पाक्रम लाई एनफिनटोनी झोमी पधिकार करमा परम धाम किया था, पर चलतकार्य न हो मझे। दतिया पोर यकीय समझा था। २३ मार्चयो घओं ने झाँसीक टेली दोनों राक्ष्य मिटिंग गवर्मेट अनुप्रय पात्र विरुद्ध युद्ध करना शुरू किया था। पीछे मोतिया टोपी पुए। याहुतसो मेना ले कर झोसोको महायता करने पाये थे। झांमोगग्य जम ग्रेजोंक हायमे निकल गया था, | रणपारदगिनो रामो सयं दुर्गप्राकार पर पीसकर सब मनोचाई नियमितरुपमे उसका दश माम तफ मनाको समाहित घोर ससेजित कर रही थी। परन्तु मामनकार्य पमाया था। उनके ममयमें से निकरामना, पग्रेजों ने अपनो अधिकतर समसा पोर रपन पुष्यों विचारकार्य, शान्सिस्यापन पादि प्रत्येक विषय में प्रमा. कारण विजय प्राम की। प्रेमी सेना नगर में प्रयोग माम्य कर्मदवता माथ काम लिया जाता था। जो फरने पर लशोधाई दुर्ग के भीतर चली गई। पहले गुहकुगन मामी मेनापति उनके यिमा पड़े हुए थे. पग्रेजों को रगद कार फरीय करोध निपट की वे भी रानीकी धमता पर मुग्ध हो कर लिए गये कि यी, किन्तु मातिया पोल पराजित धोम पोर' नको "रानोको गोरय, मनिक और पनुप पर उनकी रसद प्रादि पर पोका अधिकार की जान में पंओं

मोम पदारसा पोर मर्यप्रकार पिम विपत्तियों में उनकी मेमा समतापस हो उठी। पीर सोमिए पलों के

दतान में मका प्रभूत समसापन और भयाय प्रति- पाक्रमका प्रतीकार करमा रानो लिए प्रयाध्य हो : भी कर दिया था।"... . गया। '. रानी प्रतिदिन दिनों सोनकी, कभी पुरुप दूमरा कोई उपाय न देष, रागोने यि को माग अपन, पोर भी सो मैप, दरबारने २-मानेका मियय किया। तदनुसार ये 8 पनकी रातको • •sh lara kisor Dreparel, Afri Sil 1:34. पपर्ने पनुरोमाघ दुर्ग जागे निकम हो।