पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८१०

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'वृक्ष। मामर-मोखरापाटन ७३८ •, झामर (स'• पु०) झाम रामि रा-क । १ तर्कशान, टेकुत्रा झारिक ( पु०) झझर-ठक् । शासर देती। रगड़नेको सान, सिम्ली। . एक प्रकारका आभूपण | झाल (हिं. पु.) १ वामिका बना हुथा ताल देनेका 'जिमे स्त्रियां पैरोंमें पैननकी तरह पहनती हैं। वाद्य, झांझ। २ खाँचा, टोकरी। (स्त्री०) ३ जाड़े माम्मोदार बम्बई प्रदेश के अन्तर्गत गुजरातके काठिया: | तुको दो तीन दिनको लगातार जल इष्टि । ४ या विभागको एक छोटी नमान्दारो। यह लाखतासे तीक्ष्णता, चरपराहट। ५ तरंग लहर। ६ कामेच्छा। .१० मील दक्षिण, वधान मुशनसे १० मोल पूर्व ; बम्बई | मालकाटी (महाराजगन्न)-१ बङ्गालशे वाखरंपर्श जिले- बोटा और मेन्द्रल-इण्डिया रेलपथ पर अवस्थित है। का एक शहर। यह प्रचा० २२° ३८ ७० और देशा• यहाँके तालुकदार झालावंशीय राजपूत है। ८.१३ पूम मालकाटी और नालचोटो दोनों नदियों झार्य झार्य (हिं स्त्रो०) १ झनकार, झन् झन् शम्द।। के सङ्गमस्थान पर अवस्थित है। पूर्व वालमें यह भी '२ सुनसान स्थानमें इवाका शब्द । वोममरगेका एक प्रधान वन्दर है। विशेषकर मुन्दरी भाव झावं (अनु॰ स्त्री० ) १ तकरार, हुनत । २ बक काठ यहांसे विदेगको भेजा जाता है। दूर दूर देशोंसे यहाँ वाद, बकवक । जितनी चीजे पाती है, उनमें नमक प्रधान है। यहाँ झार (हि. वि०) १ एकमाव, निपट, केवल, सिर्फ । | प्रतिवर्ष कार्तिक मासमें दीवालोके ममय एक मेला २ संपूर्ण, कुल, मव । ३ समूह, इंड। (स्त्रो०) ४ दे, लगता है। यहाँ तेलका एक कारखाना है। लोकस'स्या डाह। ५ पग्निशिखा, ज्वाला, लपट। ६ झाल, चर | मायः १२३४ है। परापन। (पु.)७ झरना, पोना। एक प्रकारका | झालड़ (हि' स्त्री० पूजा अादिके ममय बजाये जानेका घड़ियाल । झारखंड (हि. पु०) वैद्यनाथमे नगवाथ पुरो तक | झालना (हिं० ० ) धातुकी वस्तुपोंमें टाँका दे कर • विस्टत एक जङ्गला जोड़ लगाना। झारन (हिं. कि.) शान देखो। झालर (दि स्त्री०) १ किमी चोजके किनारे पर लटकता झारना (हि.क्रि.) १ बालको मैल निकालने के लिये | हुपा हागिया जो सिफ योभाके लिये लगाया जाता • कंधो करना । २ पृथक करना, अलग करना। है। झालर में खूबसूरती बेलबूटे भी लगे रहते हैं। झारफुक (हि स्त्रो०) भाइक। २ झालरके पाकारको कोई चोज । ३ किनारा, छोर । झारा (हि. पु०)१ पसलो छनो हुई भाग। २ अनाजको | ४ झांझ, माला। ५ पूजा आदिके ममय वजाये जानेका साफ कास्ना, झारना। घड़ियाल झारो (Eि. स्त्रो०) एक प्रकारका लम्बोदर पाव। यह झालरदार (हि.वि.) जिसमें भालर लगो हो। "लुटियाको तरह होती है और जल गिराने के लिये इसमें झालरापाटन-रानपूतानके पन्तर्गत झालावाड़ राज्य- एक पोर टोटोनगो रहती है। इस टोटोमसे धार बंध को पाटन तहसीलका एक गहर। यह प्रक्षा०२४ ३२ • कर मल निकलता है। । २० और देया '७६१० पू० पर अग्निकोणमे वायुकोष भारू (हिं० पु.) झाइ देवो । तक पिस्टत एक पर्व तयेगीक नीचे अपस्थित है। झारीतो-राजपूतानेके पन्तर्गत सिरोहो राज्यका एक लोकमत्या प्रायः ७८.५५ है । नमरके उत्तर-पशिम नगर । यह प्रक्षा० २४५५७० और देशा० ७३४ पू० पर्वतकी अधित्यकासे निकले हुए जलको समा रखने के पर' उदयपुरमे प्राय: ५१ मील उत्सर-पथिममें तथा | लिये एक सुदृढ़ प्राय: मील नुम्बा एक बांध पद्धत सिरोहीसे १० मील पूर्व दक्षिण अवस्थित है। हुआ है। इस बांध पर बहुतसे देवमन्दिर पीर मोधा- झाझर (स• पु०) झझरवादन पिल्पमस्य झार-पण ।। यली विद्यमान है । नगरमे ले कर पर्वतके निग्रस्थान झर्भरवादाकारी, वह जो भान झन शब्द करता हो। सकके उद्यान इसो भरोवरके सलमे सीधे जाते है । सरो.