पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८३६

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- -- मेलम् . गवर्मेण्टके निरीक्षण में सुदक्ष इनिमियरमे परिचालित गत कई वर्षोंसे विद्याकी विशेष उवति हुई है। . : होतो है... इस खानसे गंवर्मण्टको वार्षिक ३० वेदि खेमसिंह नामक किसो देशीय सम्भ्रान्त व्यशिक लाख रुपयेको श्रामदनी होती है। जरूरत पड़ने पर | यनमे प्रायः १८ वालिका-विद्यालय स्थापित हुए हैं। खानसे वार्षिक ४० लाख मन नमक निकाला जा सकता | सरकारो विद्यालय छोड़ कर और भो कई एक देशोय है। एक तरहका पथरोला कोयला इसके कई स्थानों पाठशालाए हैं। मिशनरोने यहां बहुतमे बालक और · में देखा जाता है। अभी मकराचखानसे बढ़िया कोयला वालिका विद्यालय स्थापन किये हैं। निकाल कर रेलवेके काम में लगाया जाता है। शासन और राजस्व वसूल करने की मुविधाके लिये यह . . , शिल्पात.। मेलम् और पिण्डदादनमें नाव बनाई जिला ४ तहसोनमें विभक्त है-झेलम्, पिण्डदाननखों, जाती है । - सुलतानपुरके निकट गरीने एक कांच का चकवाल मौरतनानी कारखाना खोला है। कई जगह तावे घऔर पोतलक | । मेलम् जिलेको प्रावहवा खराब नहीं है, किन्तु बरतन तथा रेशम और मूतो कपड़ा तैयार होता है। नामककी खानके कर्मचारो तरह तरह के कष्ट पाते हैं, यहाँका महोका बरतन बहुत मजबूत होता है। इसके | और सचराचर दुर्बल रहते हैं। गलगण्डरोग भो यहां मिवा और भी यहां कई तरहक पदाटी प्रस्तुत होते हैं। देखा जाता है । पिण्डदादनांक चारों ओर ज्वरका प्रकोप '. लवणपर्वतको निरिहोसे स्वर्णरेणु निकाल कर बहुतसे भधिक रहता है। वसन्त तथा प्लेग रोगमे भी बहुतांकी लोग जीविका निर्वाह करते हैं। मृत्यु होतो है। वार्षिक हटिपात प्रायः २४.११ च । .. लाहोरमे पेशावर तकको पक्की मड़क इस जिन्न के | २ पञ्जाब प्रदेशके झेलम जिले को पूर्वीय सहमोल । प्रायः ३० मोल तक दक्षिणमे उत्तरको गई है। इसके यह अक्षा० ३२.२८ से ३३ १५०० और देशा० ७३८ अलावा और दूसरो पको सड़क नहीं है, किन्तु और भो | से ७३.४८ पूमें भयस्थित है। इसका भूपरिमाण ८८८ ८५२ मील तक 'लगाड़ी जा सकती है। नदारण- वर्गमील है। इसके पूर्व और दक्षिण-पूर्व में मेलम् नदी टेट रेलवे जिले के दक्षिण-पूर्व को और प्रायः २८ मौन्त है। लोकसंख्या प्रायः १७०८७८ है। इसमें कुल ४३३ तक गया है। जिले के अन्तर्गत टेशनोंके नाम-झेलम्, ग्राम ओर ४ थाने लगते हैं। इस तहसोलको पाय २ दोना, दामेलो और मोहावा हैं। मियानी टेशनमे लाखसे अधिक रुपयेको है। यहां जिलेको सदर प्रदासत खिचराको नमककी खान तक शाखा-रेलपय गया है। प्रादि अवस्थित है। · झलम्के समीप वितम्ता नदोके ऊपर रेलवेका एक पुल ___३ पञ्जायके मेलम् जिलेका प्रधान नगर और मदर । ..है और एमके नीचे एक पृथक् अंश हो कर मनुष्यादिके यह पक्षा० ३२-५६० और देगा. ७३° ४० पू० पर पाने जानका गम्ता है। मेलम् जिलेके पूर्व वितस्ता वितम्ता (मेलम् ) नदीके दाहिने किनारे अवस्थित है। नदीमें प्रायः १२७ मील तक नाव पातो जाती है। रेलके यह शहर रेल द्वारा कलकत्ते से १२६० मील, बम्बईसे किनारे और प्रधान पंको सड़क बगलमें तारके खम्भे १४०३ मील और कराचोसे ८४८ मील दूर पड़ता है। 'गड़े हैं। चैत्र मामके शेष तोन दिन पर्यन्त यहां दो लोकसंख्या प्राय: १४८५१ हैं। बड़ा मेला लगता जिनमें से एक कतासनगरमें हिन्दुओंक यनसे और दूसरा चोया से दानशाह नगरमें मुसलमानों- .. वर्तमान में सम् नगर भाधुनिक है । माघीन नगर के यनसे होता है। प्रत्येक मेले में कमसे कम ५००००० वितस्ताके दाहिने किनारे पवस्थित था। सिख भासन- मनुष्य इक होते हैं। कालके समय यह स्थान प्रमिह नयाा गरेजके राज्य- . शासन-विभाग। १ डेपुटी कमियर, २ महकारी और भुक्त होने पर यहां एक सेनाकी छावनी स्थापित हुई। ... अतिरिक्त महकारो कमिश्नर, ४ तहसीलदार पौर कई वर्ष तक झोलममें विभागके कमिगर रपसे घे, पोछे उनके अधीनस्थ कर्मचारी तथा ३ मुन्सिफ हारा यासन १८५० ई में कमियरका प्रांफिस रावलपिण्डी में उठ कर और राजखकार्य चलाया जाता है।., . . । घना गया। अंगरेज शाननमें सया नामकको खानेके Vol. vu 192