पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१०७

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... मुराद-मुरादावाद

कमानका व्यवहार किया था। १४४३ ई०में अपने पुत्र । पिताके कहनेसें दाक्षिणात्य जोतनेको गया । यहाँ १५६६
द्वितीय महम्मदको राज्यभार सौंप आप घोर चिन्तामें ईमें इसकी मृत्यु हुई।

. समय विताने लगा। किन्तु पुत्रको राजकार्य चलानेमें मुरादनगर-युक्तप्रदेशके मोरट जिलान्तर्गत एक बड़ा असमर्थ देख वह फिरसे राजसिंहासन बैठा। इस | गाँव। यह मीरट नगरसे । कोस पश्चिममै अवस्थित समय इसने विख्यात योद्धा सिकन्दर बेगको परास्त है। इरी सदोके पहले मिर्जा महम्मद मुराद मुगलने किया और हंगेरियोंको छिन्न भिन्न कर डाला। विख्यात | इस नगरको बसाया। उसकी बनाई हुई एक बड़ी ऐतिहासिक गिवनके मतले १४५१ ई०में इसकी मृत्यु | सराय और मसजिद आज भी इसको प्राचीन समृद्धि हुई। इसके पुत्र महम्मदने कुश्तुनतुनियाको जोता था। घोषणा करती है। मुराद (३य सुलतान )-एक तुर्क सुलतान। पिता मुरादावाद-युक्तप्रदेशके रोहिलखण्ड विभागका एक श्य सलीमके मरने पर १५७४ ईमें यह कुस्तुनः जिला। यह अश्या० २८२० से २६१६३० तथा तुनियाके सिंहासन पर बैठा। पारस्यराजले इसने देशा० ७८४ से ७६ पू०के मध्य विस्तृत है। भू

अर्मेनिया, मिदिया और तौरो नगर तथा हंगेरी-राजसे परिमाण ३२८५ वर्गमील है। इसके उत्तरमें बिजनौर
गियानो जोता था। १५९५ ई०में इसको मृत्यु हुई। और नैनीताल, पूर्वमें रामपुर राज्य, दक्षिणमें बुदौन और

. यह फतुहत उस सियाम नामसे एक ग्रन्थ लिख गया है। पश्चिममें गङ्गानदी है। . मुराद (४र्थ सुलतान )-एक तुकै सम्राट: १म अह्मदका | इस जिले हो कर गड़ा, सोन और रामगड़ा मदो पुत्र । . १६२३ ईमें चचा मुस्ताफाको राज्यच्युतिके बहती है। नदीतीरवती तथा प्रामसनिहित स्थानों में . वाद यह कुस्तुनतुनियाके सिंहासन पर अधिरूढ़ हुआ। खेतीवारी होती है। अन्यान्य स्थान प्रायः जङ्गलमय है। १६३७ ई०में इसने वोगदाद नगरको जोता था। १४४० रघुवाला और चहारपुरमें दो बड़े बड़े पहाड़ नजर आते - ई० में अधिक शराब पीनेके कारण इसका देन्त हुआ। हैं। सोत नदीमें सभी समय जल रहता है। नदीमें मुरादअली-एक मुसलमान कवि । यह बहुत-सी कविता सेवार वहुत है, इस कारण नाव ले जानेमें बड़ी दिक्कत लिख गया है जिनमेंसे एक नोचे देते हैं। होती है। अलाया इसके दाम और शेवला नदीका "मत करोरे कोई बात अयानी ऐसी वातां जल दूपित होनेके कारण लोगोंका खास्थ्य ठीक नहीं का ख निगहबानी। रहता। यहां मलेरिया ज्वरका अधिक प्रकोप देखा समझ समझ कर मुखते निकासो जाता है। उस समय खेतीहर अपने अपने खेतोंसे निकसो बात और हुई है वेगानी ।। यथासमय अनाज काट कर नहीं ला सकते। मुरादअली अब सांची कहत है , ___ बहुत पहलेसे हो रोहिलखण्ड विभाग पाञ्चालके . .. . किस घिरते पर तत्ता पानी. ॥" अहीर राजाओंके अधिकारमें चला आ रहा था। इस मुराद वक्स-गुजरातका एक सुलतान, सम्राट शाहजहां जिलेके दक्षिणपूर्व अशमें आज भी अहीर लोग कुंछ को छोटा लड़का। सम्राट्ने इसे गुजरात, उट्ट और परगनोंका भोग कर रहे हैं। वरेलोके अन्तर्गत अंहि- • भोखर प्रदेशका शासनकर्ता बनाया था । सम्राट च्छलापुरीमें उनको राजधानी थी। पीछे मुरांदावादके आलंमंगोरने इसे पकड़ा और वन्दीभाउमें ग्वालियर दुर्ग सम्बलनगर जब वाणिज्य-व्यवसायसे बहुत उन्नत हो भेज दिया। १६४२ ई में औरङ्गजेबके आदेशसे यह दुर्गमें गया, तब राजधानी यहीं पर उठा कर लाई गई। . . मार डाला गया। चीनपरिव्राजक यूएनचुवंग ७वी सदीके आरम्भमें मुराद मिर्जा-सम्राट अकवर शाहका दूसरा लड़का। काशीपुर और अहिच्छला नगरको देख गये हैं। किन्तु • फतेपुर सिकरीमें सेख सलीम चिस्तीके घर १५७० ई०में | उन्होंने सम्वल-राजधानीका कोई उल्लेख · नहीं . . इसका जन्म हुआ था। १५६५ ई० में सुलतात मुसद । किया है। भारतवर्ष में मुसलमानो अमेलके कुछ समय