पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/११९

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मुर्शिद कुलो खाँ अपना मतलव निकालनेको कोशिश करने लगे। इस | एक मात्र पुत्र होने पर भी नवावने उसे मरवा डाला था। समय सम्राट फर्रुखसियरके साथ राजपूतराज इस प्रकार एक नहीं, कितनी न्यायपरता वे दिखला अजित्सिंहको कन्याके विवाहको बाचचीत चल रही गये हैं। थी। किन्तु सम्राटके पीड़ित रहनेके कारण विवाह ___एमानुद्दीन नामक हुगलोके कोतवालने एक मुगलको स्थगित होने पर था। इसी समय डाक्टर हुमिल्टन कन्या पर बलात्कार किया था, पर हुगलोके फौजदारने साहदने सम्राटको चंगा कर अपना मतलव निकाल | इसका ठोक इन्साफ नहीं किया। मुगलने नवायके पास लिया। पहले इन लोगोंने आजिम उस्सानसे कलकत्ता नालिश पेश की । नबावने कुरानके विधानानुसार सुतालुटी और गोविन्दपुर ये तीन ग्राम खरोदनेकी अनुः | अपराधीको पत्थर फेक कर मार डालनेका हुकुम मति पाई थी। अभी सम्राटसे ३८ ग्राम और भी खरी- दिया। दनेका हुकुम मिला। इसी समयसे कलकत्तेमें श्रीवृद्धिका वे सप्ताहमें दो दिन विचारालयमें बैठते थे तथा सूत्रपात हुआ। खूनी मुकदमेका स्त्रयं विचार करते थे। जिससे पक्षपात १७१८ ई में कुली खाँने विहार प्रदेशको भी दीवानी न हो, इस विषयमें वे विशेष सावधान रहते थे। वे दान- पाई । १७१६ ई०में फर्रुखसियरके मारे जाने पर महम्मद में हातम और विचारमें नसरू खाँके जैसे थे। धर्मकार्य- शाह सम्राट् हुए। उन्होंने भी मुर्शिद कुलीको पूर्वपद | मे वे मुक्त हस्तसे दान करते थे। महम्मदके जन्मोत्सव पर कायम रखा। में सौ हजार आदमोको खिलाया जाता था । अपने हाथ- नवावने डकैतोंका दमन करने के लिये नाना प्रकारका | से कुरान लिख कर मक्का, मदोना, वोगदाद आदि तीर्थ- उपाय अवलम्बन किया था। कहते हैं, कि उनके समय स्थानोंमें भेजते थे। एक घाटमें बाघ और बकरी पानी पीती थी। वे खय विद्वान् थे और विद्वान् व्यक्तिका आदर भो नवावने अपनो अतिम अवस्था देख कर मकबरा करते थे। विलासिताको वे दिलसे घृणा करते थे। धनानेका हुकुम दिया। मुराद फर्रास नामक एक व्यक्ति नसेरूवानु नामक एकमात्र विवाहिता स्त्री पर ही हमेशा के ऊपर यह भार सौंपा गया । मुरादने आस पासके , अनुरक्त थे। उस समयके मुसलमान समाज में अपनी सभी हिन्दू मन्दिरोंको तोड़ फोड़ कर उनके माल मसाले- स्त्री पर अनुरक्त रहनेकी अपेक्षा गौरवका और कोई भी से छः महीने के भीतर मसजिद और मकरा तैयार कर विषय न समझा जाता था। दिया। हिन्दु मोंके मन्दिरके बदले में अपने अपने मकान- देशको उन्नत बनानेकी कामनासे वे अनाजोंको रफ के सामान देने पर भी मुराद उसे लेनेको राजी नहीं तनी होने नहीं देते थे। जो कोई बाजारकी दर बढ़ा हुआ था। इस प्रकार मुर्शिद कुलीने हिन्दुओंके प्रति देता उसे गदहे पर चढ़ा कर नगरके चारों ओर घुमाया जैसा अत्याचार किया था, वह वर्णनातीत है। जाता था। उस समय एक रुपयेमें १६ मन चावल अपने नाती सरफराज खाँको अपना उत्तराधिकारी मिलता था। लोग मासिक २२३ रु० आयसे ही प्रति दिन धना कर मुर्शिद कुली खाँ १७२५ ई में इस लोकसे चल | हलुभा पूरी खा सकता था। साधारणतः लोगोंकी सुख वसे। स्वच्छन्दता बहुत बढ़ गई थी। चोर डकैतोंका बिलकुल 'टार राजस्वके कारण भयन था। केवल हिन्द मुसलमान ऐतिहासिकोंने मुर्शिद कुलीको एक आदर्श | महापुरुष वतलाया है। परवत्तीं मुसलमान लोग पीरकी बुरी तरह सताये जाते थे। तरह उनकी पूजा करते थे। यथार्थमें उन्होंने रोमक | ____ गणितमें उनको अच्छी व्युत्पत्ति थी। स्वयं सभी सम्राट व टसकी तरह जैसी न्यायपरता दिखलाई थी वह प्रकारका हिसाव देखते थे । विना शुल्कके अंगरेजोंको पृथिवो भरके लिये दृष्टान्त स्वरूप है। उनके पुतने किसी वे वाणिज्य नहीं करने देते थे। विवाहिता स्त्रीके साथ बलात्कार किया था, इस अपराधमें मुर्शिद कुली खाँको दोषने विलकुल छुआ ही नहीं था,