पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सलमानधर्म नियुक्त हैं। दो व्यक्ति-मनुष्यों के पाप पुण्यका हिसाव हो । दामाद हैं। सुन्नियोंके और चार उपविभाग है। रखते हैं। इन सवों में जिवाइल धर्म संस्थापनमें, माइकल शिया लोगोंका कहना है, कि पैगम्बरोंको महम्मदके भगवान्के विरोधो शैतानोंके दमन करनेमें, इसरायल | दामाद अलोके समीप अवश्य ही उपस्थित होना होगा। (अजरायल ) यमदून रूपले और इसराफिक कयामतके | अलीने महम्मदकी लड़की वोधी फात्माके साथ विवाह दिन भेरी बजाया करते हैं । इयलिस भगवत विद्वेषी हैं, किया था। शिया लोगोंने पहले प्राधान्य लाभ नहीं वावा आदमको सम्मान-रक्षा न कर सकनेके कारण स्वर्ग किया । महम्मदकी मृत्युके ३॥ वर्ष बाद वे प्रयल च्युत हुए हैं। हो उठे। वे महम्मदके १२ पैगम्वर कहते हैं। ये १२ यह देवदूत और मृत् आत्माओंमें मुसलमानोंने जिन इमाम या धर्म संस्कारकोंके नामसे विख्यात् हैं। अलो (उपदेवता ) नामसे अपर एक उपदेवताका उल्लेख किया उनके प्रथम पैगम्वर तथा भावू कासिम या मेंहदो है। देवदूतोंकी तरह इनकी अस्निमय देह होने पर भी भन्तिम हैं। महम्मदके देहावसानके २५८ वर्ष बाद एक अपेक्षा कृत मोटी देह कही गई है। ये अमर नहीं हो | अज्ञात ऐन्द्रजालिक उपायसे मेंहदीका भी देहावसान सकते हैं। मनुष्योंमें सबसे पहले नाना आझको पैदा हुआ। पृथ्वीके प्रलयके पहले फिर वे प्रादुर्भूत हुए। इस हुई । सृष्टिसे पहले ये लोग धराधाममें विचरण कर उनमें ३२ उपविभाग है। कोई-कोई अलीको महम्मदको गये हैं। अपेक्षा वड़ा समझते हैं। कोई सम्प्रदाय फिर अलोको मुसलमान शास्त्रोमें कहा गया है, कि शादमसे महम्मद ईश्वरका अवतार समझते हैं। किसी किसी अंशमें तक ८ लाख पैगम्वर पृथ्वीमें अवतीण हुए हैं। ये सभी शियाने सुन्नियोंकी अपेक्षा धम विषयमें अधिकतर आपसमें बड़े हैं और मृत्युलोकके पापोंसे मुक्त है। कठोर व्रत अवलम्वन किया था । वाञ्छाकल्पतरु भगवानने मानव जातिके हितके लिये ओहावियोंकी पैदाइस बहुत हालको है। आधी कभी-कभी उनके पवित्र धर्म की जो अभिव्यक्ति धरतीके | शताव्दो पहले इस सम्प्रदायका प्रादुर्भाव हुआ। मुसल- लोगोंके समीप अपने प्रेरित आदर्श पुरुप द्वारा प्रकटित मान धर्म की पवित्रताको रक्षा करना ही इनका उद्देश्य की है महम्मदके कथनानुसार उनकी संख्या १०४ है। इनकी धर्मान्धताके कारण उन्मत्तप्राय हो कर है। उनमें १० आदम, ५० शेथ, ३० इनक या इद्रिस, १० कई वार काफिरों के साथ युद्ध में प्रवृत्त हुए थे। इब्राहिम, १ मूमा ( Afoses ), १ दाउद ( David ), १ तुकों, मित्रो, अरवी और भारतीय मुसलमानों में ईसा (गसपेल). और १ महम्मदके (कुरान ) समोप | सुन्नियोंकी संख्या आधेसे अधिक है । भारतके ओहावीने अभिव्यक्त तथा पीछे उससे प्रकाशित हुआ। हिन्दू और बौद्ध धर्म से बहुतेरे प्रशद और वौद्ध कुसं . साम्प्रदायिक विभाग। स्कारोंको ग्रहण किया है। कहा गया है, कि महम्मदने जोवित अवस्थामें भविष्य भारतीय मुसलमान चार श्रेणियों में विभक्त हैं। गणना कर कहा है, कि उनके चलाये इस लामधर्मके ७३ / १ सैयद ( कहा गया है। ये पैगम्बर महम्मदके अशसे विभाग होंगे और एक धर्म के मतावलम्बी गण हो | पैदा हुए हैं। ).२ मुगल, ३ पठान और ४ शेख । यथार्थ यथार्थ मतका अनुसरण करेंगे। अन्यान्य श्रेणी भारतीय इन चार श्रेणोके मुसलमानोंको उत्पत्तिके के लोग केवल उसका अनुकरण करेंगे। . . सम्बन्धमें मुसलसमाजमें इस तरहको कहावत प्रसिद्ध वर्तमान समयमें इस लामधर्म के तीन विभाग दिखाई है:-पहले इसलामधर्मके प्रवर्तक महम्मद मुस्ताफा और उनके अनुचर शेख नामसे पुकारे, जाते थे। एक देते हैं। सुन्नी, शिया और ओहायो । सुन्नियोंका कहना है, कि हम महम्मदके यथार्थ उपासक हैं । सुन्नी भावूक- दिन स्वयं महम्मद दामाद अली, कन्या पुत्रो फातिमा और नाती हुसेन और हसनको साथ लेकर पांचो कर, आमर और ओसमानको पैगम्वर स्वीकार करते हैं। इनमें प्रथम दो महम्मदके ससुर हैं और तीसरे उनके | आदमी एकल बैठे थे। ऐसे समय खर्गीय दूत जिवाइल