पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१७८

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दुस्ताको-मुस्ताफावाद मुस्ताको-दिल्लीवासी एक मुसलमान-कवि । इसका। दोपकै कारण थोडे. ही समयके अन्दर राज्यच्युते और असल नाम शेख रिजाक उल्ला था, किन्तु इसकी काल्यो । कारारुद्ध किया गया था। १६२१ ई०में अपने भतीजे पाधि मुख्ताको थी और इसी नामसे यह जनसाधारणमें ओसमानका काम तमाम कर फिरसे सिंहासन पर बैठा परिचित था। इसने सुलतान सिकन्दर वादशाहक सही, पर निज कमंदोषसे १६२३ ई०में अपने सेनादलके शासनकालमें वकायत्-मुस्ताको नामले एक इतिहास | हाथ मार डाला गया। लिखा। पारसी भाषामें रचित इसकी कवितादिमें मुस्ताफा ( श्य)-एक तुर्कसम्राट् । १६६५ ई०में यह मुस्ताकी तथा हिन्दी कविताओं 'राजन' भणिता देखने सिंहासन पर अधिरूढ़ हुआ। यह एक विख्यात में आती है । यह हिन्दी भाषामें 'जोतनिरञ्जन' नामक एक वीर था । तेमसया नामक स्थानमें इम्पिरियलिष्ट सुन्दर काव्य लिख गया है। इसका जन्म १४९५ और सेनादलको परास्त कर इसने मिनिसीय, पेलीय और भरण १५६१ ई में हुआ। रूसोंको हराया था। इसके बाद जयोल्लाससे विमुग्ध मुस्ताजव खाँ-गुलिस्तान-इरहमत नामसे इसने अपने हो यह आद्रियनोपल-नगरमें आमोद प्रमोदमें दिन विताने पिता हाफिज रहमत खाँका एक जीवन-इतिहास लिखा| लगा। इसी समय प्रजाओंने विद्रोही हो कर १७०३- है। १८३३ ई०में इसको मृत्यु हुई। ई०में इसे राज्यच्युत किया । इसके छः महीने बाद मुस्ताद ( स० पु.) मुस्तामत्तोति अद-अण । शूकर, उन्माद रोगसे इसकी मृत्यु हुई। जंगली सूअर । यह मोथेको जड़ खाता है। मुस्ताफा ( ३य )-तुर्कसम्राट अह्मद तृतीयका पुन । मुस्तादि ( स० क्ली० ) १ वातपैत्तिक ज्वरनाशक कषाय. १७५७ ई०में यह कुस्तुनतुनियाके सिंहासन पर बैठा । औषधविशेष। प्रस्तुत प्रणाली-मोथा, पित्तपापड़ा, | १७७४ ई०म इसको मृत्यु हुई । चिरायता, खसखसकी जड़ और लाल चन्दन कुल मिला मुस्ताफा (४र्थ )-एक तुर्क सुलतान । १८०७ ई०में कर २ तोला, जल ३२ तोला। जव जल ८ तोला रह | यह राजसिंहासन पर बैठा। उसके दूसरे हो वर्ष वह जाय, तव उसे उतार कर आध तोला चोनो ऊपरले डाल| राजच्युत और . निहत हुआ। . . दे। इसका सेवन करनेसे वार्तापत्तज्वर नष्ट होता है। मुस्ताफापुर-२४ परगने जिलेके वशीरहाट उपविभागके २ विषमज्वरनाशक औषधभेद । प्रस्तुत प्रणालो-मोथा, | अन्तर्गत एक बड़ा गांव । यहां राजा प्रतापादित्यका आँवला, गुलञ्च, सोंठ, भटकटैया कुल मिला कर २ तोला, प्रतिष्ठित एक बड़ा नवरत्न मन्दिर विद्यमान है। इसे ३२ तोले जलमें पाक करे। जब अल ८ तोला वच मुस्ताफानगर-मान्द्राज प्रदेशके अन्तर्गत एक नगर। . रहे, तब नीचे उतार कर पीपलका चूर्ण २ माशा और मुस्ताफा विन् महम्मद सैयद-अक्साम आयात् कुरान मधु २ माशा डाल कर सेवन करे। इससे विषमज्वर | नामक कुरानशास्त्रको पारसी टीकाका प्रणेता। अति शीघ्र नष्ट होता है। | मुस्ताफावाद-युक्तप्रदेशके मैनपुरी जिलान्तर्गत एक मुस्ताफा-इस्लामधर्म-प्रवत्तक मंहम्मदका एक नाम । वड़ा गांव। यह अक्षा० २०८से २७३१ उ० तथा मुस्ताफा खाँ-१ दिउ प्रदेशका एक मुसलमान शासन देशा० ७८ २० से ७८४६ पू०के मध्य अवस्थित है। कर्ता। यह तुकै जातिका था। १५३१ ई०में दिउ आक्र भूपरिमाण ३१८ वगैमोल और जनसंख्या डेढ़ लाखसे मणकालमें इसने पुर्तगीजोंको परास्त किया था। ऊपर है। इसमें एक शहर और २६५ ग्राम लगते हैं। २ वङ्गालका एक मुसलमान विद्रोही। यह नवाव | अरिन्द, सेङ्गर और सिरसा नामको तीन नदी बहती हैं। अलीवद्दों खांके विरुद्ध हो कर महाराष्ट्र दलमें मिल | यहां तहसील कचहरी तथा दीवानो और फौजदारी गया था। | अदालत है। मुस्ताफा (१)-एक तुर्क सुलतान। यह १६१७ ई०में मुस्ताफावाद-पञ्जाब प्रदेशके अम्बाला जिलान्तर्गत एक कुस्तुनतुनियाके सिंहासन पर बैठा, किन्तु अपने चरित्र- | नगर। यह अक्षा० ३० १२ उ० तथा देशा० ७७१३