पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/१८०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मुहब्बत खाँ-मुहर्रम १७७ पकड़ा और कुछ दिनके लिये बंदोभावमें अपने खेमे में | मुहव्वत गाजी-बङ्गेश्वर अलोवदी खाँ। बल्लीवर्दी खाँ देखो। रखा। नूरजहां यह संवाद पा कर अपनी सेनाकै साथ सम्राटको छुड़ा लानेकी इच्छासे अग्रसर हुई। दोनों मुहम्मद (अ० पु०) अरवके एक प्रसिद्ध धर्माचार्य जिन्होंने पक्षमें धनघोर युद्ध हुआ। किन्तु इस पर भी वह , इस्लाम वा मुसलमानी धर्मका प्रवर्तन किया था। सम्राटको छुड़ा न सको। पीछे बड़े कौशलसे उसने ___ विशेष विवरण महम्मद शब्दमें देखो। सम्राटका उद्धार किया। मुहम्मदी ' अ० पु०) मुहम्मद साहवका अनुयायी, मुसल- मुहन्वतने नूरजहांके प्राणनाशके लिये जिस प्रकार मान । सम्राटको उभाडा था, नूरजहां भी उसी प्रकार वदला मुहर (फा० स्त्री०) मोहर देखो। चुकाने लगी। मुहब्बत ताड, गया, पर जरा भी परवाह मुहरा (हिं० ०) १ सामनेका भाग, आगा। २ निशाना । न की। कुत्तेको तरह नाना स्थानों में खदेरे जाने पर भी ३ मुहकी आकृति । ४ शतरंजकी कोई गोटी। ५ पन्नी उसको जिघांसावृत्ति अटूट रही । मलिनवेशमें वह आसफ घोटनेका शीशा। ६घोडे का एक साज जो उसके मुंह खांके शिविर में और शाहजहांको मुगलसिंहासन देनेका पर पहनाया जाता है। वचन दिया । जहांगीरके मरने पर मुहब्बतके ही उद्यमसे , मुहरी (हि. स्त्रो०) १ मोरी देखो। २ मोहरी देखो। अनेक विघ्नबाधाओंको झेलते हुए शाहजहां भारत । मुहर्रम-१ मुसलमानोंका पहला महीना। हिन्दुओंके साम्राज्यके अधीश्वर हुए। | निकट जिस प्रकार वैशाख मास पुण्यप्रद समझा शाहजहांके शासनकालके दूसरे वर्ष मुहब्बत दिल्ली : जाता है, उसी प्रकार मुसलमानोंके लिये मुहर्रम है। का शासनकर्ता हुआ । १६३४ ई०को दाक्षिणात्यमें रहते । इसीसे इस महीनेको मुसलमान लोग 'मुहर्रम-उल हराम' समय इसको मृत्यु हुई। दाक्षिणात्यसे मृतदेह दिल्ली. नगर ला कर दफनाई गई। इसके बडे लड के मिर्जा । २ मुहर्रमके महीनेमें अनुष्ठेय मुसलमान पर्वभेद । आमनउल्ला खानजमान' और छोटे लहरास्पने 'मुहब्वत यह पर्व प्रधानतः तीन भागोंमें विभक्त है,-१ला मुह- खाँ'को उपाधि पाई। आगरा नगरमें यमुनाके किनारे मुहव्वतके प्रासाद-। रंमकी ईद, २रा हसन हुसेनका आत्मोत्सर्ग और का ध्वंसावशिष्ट निदर्शन आज भी देखने में आता है। । ३रा आशुरा या मुहर्रमके महीनेका आद्य दशाहसाध्य अनुष्ठान। मुहव्यत खां-विख्यात मुगलसेनापति मुहब्बत खाँका श्ला मुहर्रमकी ईद। लड़का। इसका असल नाम लुहरारूप था । शाहजहांके | __ मुसलमानोंका कहना है, कि मुहम्मद मुस्ताफाका शासनकालमें १६३४ ई०में पिताके मरने पर यह दो वार ! मुहर्रम उत्सव बहुत पहलेसे हो प्रचलित था। पैगम्बर काबुलका शासनकर्ता बनाया गया था। १६७० ईमें महम्मदने अपने शिष्योंको इस उत्सबके साथ (आशुरा- सम्राट् आलमगीरने इसे कावुलसे ला कर महाराज यशो- के समय ) १० कार्य करनेकी अनुमति दो-१ला स्नान, चन्तके बदले इसीको दाक्षिणात्य जीतनेके लिये भेजा २रा नया कपड़ा पहनना, ३रा आंखोंमें काजल या सुरमा था। १६७४ ई०में कावुलसे लौटते समय इसकी मृत्यु लगाना, ४था उपवास, ५वां भजन वा बन्दना, ६ठा मुहन्वत उल्ला खाँ (नघाव )-लखनऊवासी एक मुसल- तरह तरहको रसोई बनाना, वां शत्रुमित्रमें समभाव मान कवि। इसके पिताका नाम हाफिज रहमत खाँ अर्थात शत्रुके साथ मेल रखना, वां साधु और पण्डितों- था। इसने मिर्जा जाफरभलो हजरत और मकोनसे का साथ करना, स्वां अनाथके प्रति दया और उन्हें' विद्या सीखी थी। इसके बनाये हुए 'अनार मुहब्बत' भिक्षा देना, १०वां साधारण दरिद्रको भिक्षा देना। नामक मसनविका जनसाधारणके निकट विशेष ____ मुसलमानोंके अनेक धर्मग्रन्थों में लिखा है, कि मुह- आदर है। मके १०वें दिन ऐसी घटना हुई थी,-१ वृष्टिपात, __Vol. XVIII 45