पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/२०५

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२०२ मूवविज्ञान अणुवीक्षणकी सहायतासे अर्थात् ऊपर कहे गये Iurc- | उसे मालूम करनेके लिये Moor's test, Trommer's xide Test द्वारा परीक्षा की जा सकती है। | test, Fehling's test, Hassa's test, Fermention ___सलफेटस रहनेसे नाइट्रेट आफ वैरेटालोशन | test, Dr. Johnson's वा Pieric acid test और Bis- मिलाने पर सलफेट आफ वैरेटा नीचे बैठ जाता है || muth test आदि विभिन्न परीक्षाका आविष्कार हुआ है। फोस्फेटस और एमोनिस-मागनेसियम टेट द्वारा एमो १ मुसटेट-एके ट्यूवमें समान भाग मूत्र और लाइकर निया और मागनेसियमकी परीक्षाके समय शुभवर्णका | पोटाश रख कर उसे गरम करनेसे वह पाटलवर्णमें परि- अधःक्षेप देखा जाता है। णत हो जाता है। वर्ण जैसा गाढ़ा होगा उसोके अनु- मूत्रमें अस्वाभाविक पदार्थ सञ्चित रहनेसे परीक्षा सार मूत्रशर्कराका परिमाण स्थिर किया जा सकता है। 'द्वारा उसका निर्णय किया जा सकता है। उन पदार्थोका | २ नोमस टेट-मूत्रमें कुछ खुद सलफेट आव विषय संक्षेपमें नीचे लिखा जाता है। कपार लोशन मिला कर उसका आधा लाइकर पोटाश अण्डलाला ( Albumen )-मूत्र में रक्त. रक्तका । मिलावे। पीछे उसे गरम करनेसे लोहिताम पाटल सव सिरम, काहल, लिम्फ, पूय या शुक्र रहनेसे उत्ताप, नाइ- | अक्साइड आव कपार नीचे बैठ जायगा। ट्रिक एसिड संमिश्रण और पाइकिक एसिड परीक्षा ३ फेलिस्टेट-पोटाश टार्ट, लाइकर सोडो, सल- द्वारा एलवुमेन ( अण्डलाला ) का अस्तित्त्व जाना जा फेट आव कपार और परिष्कृत जल द्वारा 'फेलिस् सकता है। पाण्डार्ड सोल्युशन' तैयार कर उसे (२०० सौ ग्रेन) ___एक टेट-ट्य वका तिहाई भाग मूत्रसे भर कर स्पिरिट एक कांचके वरतनमें गरम करे। जब तक उसका लैम्प द्वारा उसे गरम करनेसे मूत्रके अपर दूधके जैसा नीलापन दूर न हो जाय, तव तक उसमें क्रमशः सफेद और गाढा पदार्थ दिखाई देता है। मूत्र में अधिक ! मूत्रको नाप कर ढाले । जितने मूत्रसे २०० प्रेन सोल्यु. फोस्फेटस रहनेसे ताप द्वारा वह अधास्थ और ऊपर' शनका वर्ण पलट जाय उतने मूत्रमे १प्रेन शर्करा रहती कहे गये वर्णमें परिणत होता है। नाइट्रिक एसिड है। अतएव २४ घंटों अर्थात् दिनरातके मूत्रमे कितनी मिलानेसे फोस्फेटस गल जाता है, किन्तु एलवुमेन शर्करा निकलती है, इसीसे उसका पता लगाया जा नहीं गलता। अधिक पलवुमेन रहनेसे वह उत्ताप द्वारा : सकता है। इसमें उत्ताप देनेसे लोहिताभ वा पाटल- अत्यन्त गाढ़ा और सफेद हो जाता है। वर्णका सव अक्साइड पाव कपार नीचे जम जायगा। ___एक दूसरे टेष्ट-ट्य वमें कुछ मूत्र ले कर उसमें ५ वा ४ ह्याजेल सटेट-अनुवीक्षण द्वारा शर्करा मिले हुए ६ वुद नाइद्रिक एसिड डालनेसे यदि वह सफेद हो मूवमें टोरोवली नामक एक प्रकारका सूक्ष्म उद्भिज जाय तो, जानना चाहिये, कि उसमें पलवुमेन अथवा दिखाई देता है। मूत्रमे झाग माने अथवा सड़ जाने होसे युरेटस (मूत्रका अम्लज उपादानविशेष) है। आंच देने पर टोरिउला कोष ( Torula cells ) समूह दिखाई देना है, यदि वह गल जाय तो युरेटस, नहीं तो एलवुमेन जानना | किन्तु स्वाभाविक मूत्र में वैसा पदार्थ नहीं दिखाई देता। होगा। मूत्रमै पाइकिक एसिड मिलानेसे नाइट्रिक एसिड ५ फार्मेण्टेसन टेष्ट-शर्करायुक्त मूत्रमे थोड़ा जर्मन परीक्षाक तरह म.क्षेप होता है। इष्ट मिला कर उत्तप्त स्थानमे रख दे, इससे कावनिक एसिड गैस उत्पन्न होगा। पित्त Bile)-मूत्र में पित्त है वा नहों, Gmelin's | और Pettenkofer's test नामक परीक्षा द्वारा ६ डा० जोनसन्स वा पाइक्रिक पसिड टेट-लाइ. वह जाना जाता है। पित्त शब्द देखो। कर पोटासी और पाइक्रिक एसिडको मिला कर सिष्टिन्, ल्युशिन और टाइरोसिन रहनेसे मूलका | मूलके साथ उत्तप्त करनेसे वह गाढ़ा लाल हो मधास्थ पदार्थ सन्ज रंगका दिखाई देता है। जाता है। शर्करा (Sugar)-मूत्र में चीनीका भाग कितना है| ७ विस्मथ टेष्ट-विर.मथ, ग्लिसारिन, सोल्यु-