पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/२३५

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मूलतान 'नगरमें घेरा डाला। उसने इस नगर और सिन्धुराज्य स्थान प्रायः जनशून्य हो गया था। दीवान शिवान को जय कर यहां मुसलमान शासक नियुक्त किया। मलने अनेक स्थानोंसे लोगोंको वुलो बुला कर अपने इसके बाद कुछ समय तक सुमरा और गोर राजाओंके अधिकृत प्रदेशमें वसाया था। इन्होंने अनेक स्थानों में अधीन रह मूलतान फिर १४४२ ई० में खाधीन हो गया। नहर और तालाव खुदवा कर कृषि और वाणिज्यको . यहाँके रहनेवालोंने शेख युसूफ नामक एक मुसलमान- उन्नति की थी। .को अपना शासक बनाया था। उत्तर भारतमें मुगल. रणजित सिंहकी मृत्युके बाद शिवानमल्लके साथ सम्राटोंके अधिकार बढ़ने पर मूलतान भी उनके शासन- काश्मीर राज्यका विरोध खड़ा हुआ। १८४४ ई०की में आ गया और मुगलसाम्राज्यके अन्त तक एक सूवेको ११वीं सेप्टम्बरको शत्रुओं की गोली हृदयमें लगनेसे इनकी राजधानी रहा। १७३८-३६ ई में नादिरशाहके भारता- भूत्यु हुई। बाद में इनका लड़का मूलराज मूलतानके शासक क्रमणके बाद सदोजै अफगान वंशीय जाहिद् खांको | नियुक्त हुए, लेकिन लाहोर सरकारसे इनको भी अनवन महम्मद शाहने यहांका नवाव बनाया। उसके वंशजोंने । रही। लाहोरसरकारको सन्तुष्ट करनेके लिये रुपये अफगानों और मरहठोंके दिन रात आक्रमण और अत्या- देनेगें ये असमर्थ थे, अतः इन्होंने पदत्याग करना निश्चय चार करने पर भी यहाँके वड़ि दोभान अंचलमें अपना किया। शासन फैला लिया था। ___ लाहोरमें प्रतिनिधि-सभा (Council of regeucy ) - १८वीं शताब्दीके शेषाद्ध में मुसलमानों और सिक्ख | के स्थापित होने पर अंग्रेज कर्मचारियोंसे मूलराजकी जातिके अन्तविप्लवके कारण यहांका इतिहास विश्व नहीं पटती थी। विवाद दिनों दिन बढ़ता ही गया । मूल- हाल हो गया है। इस विद्रोहके कारण परस्पर युद्ध राजके आदेशसे दो अंगरेज कर्मचारियोंके मारे जाने पर हुआ और शक्तिका बहुत हास हुआ, पश्चात् १७७६ ई०में मूलतानमें एक बड़ा विद्रोह उठ खड़ा हुआ । यही इतिहास- सदोजै अफगानवंशीय मुजफ्फर खाँ मूलतानका शासक प्रसिद्ध प्रथम सिक्ख युद्ध है। फिर द्वितीय सिक्ख युद्ध- वना | भंगी सरदारोंके अत्याचारोंसे पीड़ित होने पर के वाद हो मूलतानके साथ समूचा पंजाब अंग्रेजी राज्यमें भी अपने अधिकृत प्रदेशकी रक्षा के लिये उसने कितने ही मिला लिया गया। १८४६ ई०की २री.जनवरीको म'प्रेजी उपाय निकाले। पंजावकेशरी रणजित् सिंह कई वार सेनाने मूलतान अधिकार किया, किन्तु २२वी जनवरी आक्रमण करके भी मूलतानको विजय न कर सके । वार तक दुर्गमें रह मूलराज अपनी रक्षा करते रहे। अन्तमें बार पराजित हो अपनेको अपमानित भझ उन्होंने १८१८ अपनेको अंग्रेजोंसे कमजोर देख इन्हें आत्मसमर्पण करना ईमें अपनी दुर्जय सिक्ख लेना ले फिरसे मूलतान आ| पड़ा! अंग्रेजी सरकार के विचारसे इन्हें प्राणदण्ड घेरा। इस वार घोरतर युद्धके बाद उन्होंने मुजफर मिला, लेकिन सरकारने दया दिखा कर इन्हें प्राणदण्डके खां और उसके पांच लड़कोंको रणक्षेत्रमें मार मूलतान वदले कालापानी दिया। उसी समयझे मूलतान पर आंधकार कर लिया। . अंगरेजोंके शासनमें आ रहा है। ___रणजित् सिंह मूलतानमें अपना कर्मचारी नियुक्त मूलतानके शिल्प. ये हैं।-ऊनी कपड़े, कई और ऊन- कर इस.प्रदेशका शासन करते थे, लेकिन शासक लोग के कार्पेट, कलई किये हुए वर्तन, चांदीके काम और अनुचित कर संग्रह और अत्याचारसे प्रजाको पीड़ित जेवर, रेशमी कपड़े, रेशम और रूईके मिश्रित कपड़े, करने लगे और फलतः अपने पदसे हाथ धो बैठे। पीछे और हाथी दांतके काम आदि। १८२६ ईमें दीवान शिवानमल मूलतानके शासनकर्ता यहाँको रफ्तनो गेहूं, कई, नील, चमड़े, हट्टी और हो कर आये। ये साथ ही साथ डेरा इस्माइल खां, डेरा सोडाके कार्बोनेट और आमदनी चावल, तेलहन, तेल, गाजी खां, मुजफ्फरगढ़ और भंग जिलेके भो शासक हुए चीनी, घी, लोहा और फुटकर चीजे हैं। यह जिला एक डिपुटी कमिश्नरके शासनमें है। यह थे। पहिलेके शासकोंके अत्याचारों और युद्धोंके कारण यह