पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/२६८

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मृत्तिजसैल २६५ तेलका एक बड़ा कृप है। उस मिट्टी तेलकी गन्ध आराकानके निकटबत्ती होयोंमें भेजते हैं। माराकान् प्रायः गन्धककी जैसी है। उस खानले प्रतिवर्ष प्रायः विभागके कौपी और आकायाव ; इरावती विभागके ५० हजार पोपा तेल चाणिज्यके लिये अनेक देशोंमें भेजा थयेत्माभी और हेनजादा तथा उत्तर वर्माके दक्षिण जाता है। गाढ़ा और लसलसा होने के कारण उस तेलको विभागके पकोक्कु और मागवे नामक स्थानमें बड़े बड़े निकालने में बड़ी कठिनाई होती है। उसका आपेक्षिक तेलके कुएं दीख पड़ते हैं। मेसर्स फिनले, फ्लेमिंगे एएड गुरुत्व सबसे अधिक है। २८० फोरेन हिटके उत्तापसे को०, वर्मा ओयाल को० और माराकान पेद्रोलियम कम्पनी वह जल सकता है। उसमें हाइड्रोकार्वन न रहनेके आदि अणिक सम्प्रदायका जोरों घ्यवसाय चल रहा है। कारण यह जलनेके तेल रूपमें व्यवहृत नहीं होता। इनके अतिरिक्त इस देशवाले भी अनेक खानोंसे तेल इजिन, कल पुरजे आदिमें यह तेल ( lubricate ) दिया| निकाल कर व्यापार करते हैं। दुःखको वात है, कि इस जाता है। इसका फो सैकड़ा ५० अंश बुआ कर फेक देशके व्यपारियोंका भेजा हुआ तेल उपरोक कम्पनियों देनेसे, परिष्कृतत लके ऊपरके प्रथम तृतीयांशका आपेक्षिक के परिष्कृत तेलको वरावरी नहीं कर सकता। गुरुत्व ६१० तथा शेष अंशका -६३० होता है। आपे- __ आराकनके बोरोंगां, लिदौंगा, मिनचिन्, रामरी और क्षिक गुरुत्वके साथ तुलना करनेसे उक्त परिष्कृत तेल. चेदुरा द्वीपमें मिट्टीके तेलका बड़ा कारवार है। उनमें का लसलसापन ( Viscosity ) अनेक अंशोंमें कम वोरोंगा-ओयाल वर्कस क. और रमरी-ओयाल-चक्स- दोखता है। अत्यन्त उत्तप्त वापसे परिष्कार करने पर परिष्कृत तेलका ' (अर्थात् अपरिष्कृत तेलका Y) अंश प्ररूपेक्टिग कम्पनीने विशेष ख्याति प्राप्त की है। जो प्राप्त होता है उसका आपेक्षिक गुरुत्व •६५८ तथा भिन्न भिन्न स्थानके मिट्टी तेलका वर्ण, मिश्रित पदार्थ, ६० फा०, उसका गोंद १६८ है ( ६० फा0 सरसों लसलसापन, गन्ध और आपेक्षिक गुरुत्वको विभिन्नता- तेलके गोंद साधारणतया १०० रक्षी जाती है। । के कारण उन सबोंकी भिन्न भिन्न रासायनिक प्रक्रिया- ___ डेरा इस्माइल खांके निकट शिराणी पर्वतके चिन्- | | का यहाँ उल्लेख नहीं किया गया। खेल प्राममें मिट्टीसे तेल निकाला जाता है, (१५५ मेसर्स सि, एम, चारने और एफ, एच, टोररने रंगूनके सेन्टि० ) उसका आपेक्षिक गुरुत्व :८२०६ तथा ज्वालन- मिट्टीके तेल में 08 H १८ से १३ H २६ तक मोलि- माता ६१ फा० है। यह हल्दी रंगका सुगंधयुक्त तेल बहुत कुछ वाणिज्यके लिये परिष्कृत रूस देशके तेल. फाइन (Olefines) तथा ७ । १६ से CE H २० तक पाराफिन ( Paraffins ) का अस्तित्व पाया था। इन- के जैसा होता है । पंजाब सरकारसे भेजे गये डा० वार्डनने एक दूसरे स्थानके तेलकी परीक्षा कर कहा है, के अतिरिक्त उन्होंने परीक्षा द्वारा नापथलीन (Naphtha. कि यह अमेरिका या रसियाके किरोसिन तेलसे किसी léne) और उसके साथ जिलिन् (xylene) और क्युमिन् गुणमें कम नहीं है। देखा था। मेसर्स फिन्ले, फ्लेमिंग एण्ड कोके ___ अफगानिस्तानमें "मोमियाइ" नामका जो मिट्टीको तेलके नमूनेमें फो सैकड़ा 4% भाग पाराफिन पाया . एक प्रकारका तेल (Bituminous product) वोजारमें जाता है। अपरिष्कृत अवस्थामें इस पदार्थको द्रावण- विकता है वह असली चीज नहीं है। परीक्षा करनेसे माता (Melting Point) १२५॥ फा० है। अन्य द्रष्यों- उसमें पक्षी आदिका मल पाया गया है। में ८१३ आपेक्षिक गुरुत्वको नापथा (उसकी ज्वालन- ___ वर्मा हीमें मिट्टीके तेलके कुएं अधिक पाये जाते मात्रा ६७ फा० ) तथा लुब्रिकेटिंग और अन्य तैल भाग हैं। अत्यन्त प्राचीनकालसे उत्तर वर्मामें मिट्टीके तेल- मिश्रित रहते हैं। का व्यवसाय चला आ रहा है। दक्षिण वर्मामें भी इस ___रासायनिक प्रक्रिया द्वारा, वाप्य या उत्तापकी सहा- तेलको खाने हैं। वहाँके रहनेवाले तेल निकाल कर ) यतासे या साधारण चुआनेकी विधिसे परिष्कृत कर Vol. XVIII. G7