पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३२६

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देखा जाती है। प्रायः १३ हाथ (४ फुट ४ इञ्च)। पोलिनेसिया द्वोपपुञ्जमें पहले पहल मेष नहीं ऊंचे और इनके सींग प्रायः ३ फुट ४ इञ्च लम्वे था। वादमें विभिन्न देशवासी वणिक्रोंसे उन देशों- होते हैं। सींगकी परिधि १७ से २४ इञ्च मोटो होतो में लाया गया था। सभ्यजातिके समागममें प्रयोजनीय है। इस प्रकार इनके दो बड़े बड़े सींग और खोपडी। और व्यवहारोपयोगी घोड़े आदि सभी पशु वहां लाये गये थे। एक साथ तौलमें २० सेर तक देखी गई है। इनके बड़े। फिलहाल संसारमें सब जगह मेपके ऊनका वाणिज्य बडे सांग होनेके कारण ये स्वेच्छासे समतलभूमिमें शिर | प्रचलित है । स्पेन, जर्मन आदि यूरोपीय देश, अफ्रिका,मद्रास मुका कर चर नहीं सकते। मुंह मिट्टीमें लगनेसे | वम्बई आदि भारतीय नगर, अष्ट्रेलिया द्वीप, अमेरिका सोंगकी नोक मिट्टी तक छू जाती है। इस प्रकार सींग. और अपरापर प्राच्य और प्रतीच्य देशोंसे इंगलैण्ड के खोलमें एक खरगोश अचानक लुका सकता है। मादा- और भारतमे लोम आता है। देशी और कश्मीरी शाल, मेषका सीग १८ इञ्च तक लम्बा होता है। आलवान, आदि ऊनसे बनते है। मध्य-एशियो, __ये प्रायः १५ हजार फुट ऊँचे पर्वतवक्षमें घूमते हिमालयजात मेप और वकरेका ऊन सदले अच्छा फिरते हैं । शोतकालमें हिमालयके तुपारशिखर होता है। पर ये अनायास ही जाते आते हैं। इसी कारण ठंड __ वंगालमें ऊनी कपडे, नहीं बनते इसलिये कोई भी लगने पर ये झएडके झुण्ड मर जाते हैं। स्त्री-पुरुष पर- | मेप नहीं पालता है । वङ्गालमें चीनी और रेशमके ध्यव- स्पर विभिन्न स्थानोंमें रहता है । ये हरिणके समान छलांग सायसे जितना लाभ होता है, मद्रास और वम्बईवासी मार सकते हैं। इसलिये सहजमें इनका शिकार करना केवल उनके कारोबारमें उससे अधिक लाभ उठाते हैं। मुश्किल है । लादक आदि चौद्धोंके प्रधान देशोंमें देवताके | विशेष चेष्टा करने पर यहां भी प्रचुर ऊन उत्पन्न हो उद्देश्यसे रखे गये पवित्र पत्थरके टुकड़े पर स्ना अथवा सकता है। आइवेकका सींग सजा रहता है। पचास वर्ष पहले अस्ट्रेलिया द्वीपमें लाख रुपयेका ____ बोखाराके पूर्व अञ्चलमें पामीर आधित्यकासे १६ / भी ऊन उत्पन्न नहीं होता था तथा सौसे अधिक वर्ष हजार फुट ऊंचे रुश या रस (Orispolii ) नामक और पहले वहां एक भी मेष नहीं था। अगरेज-वणिकोंके भी एक प्रकारके मेष देखे जाते हैं। अलावा इसके अर्मे उत्साहले वहां आज कल इतने मेप रखे गये हैं जिससे णियामें 0.Gmclini, कामस्कटकाक O,nivicola काकेशस प्रति वर्ष ३ करोड़ रुपयेसे अधिकका ऊन उत्पन्न पर्वतके Cylindricornis, कर्शिका और सार्डिनियाको | होता है। वनभूमिके 0. musimon, अटलास पर्वतका O. tragel- ____ भारतमें तृण या शस्यादिको कमती नहीं है। phus, अमेरिकाके रफी पर्वतके 0. montana और उत्साह रहनेसे वंगाल देशके प्रत्येक जिलेमें बिना 0. Californiana आदिको आकृतिमें विचित्रता रहने खर्चके लाखों मेप पाले जा सकते हैं। बीरभूग, मान- पर मुह और देहको गठनप्रणालीको ले कर मेषश्रेणीके भूम, हजारोवाग, राजमहल, भागलपुर सादि प्रदेशों में अन्तर्भुक किया आ सकता है। इनके शरोरमें काफी बहुतसे पहाड़ी स्थान हैं। वहांकी धाससे विना खर्चके पशम होती है । चमरी-गो और दक्षिण अमेरिकाका पर्वत करोड़ों मेप प्रतिपालित हो सकते हैं जिनको वेरनेसे प्रिय लामा नामक पशु मेष जातिके अन्दर तो नहीं आता' करोड़ों रुपयेकी आमदनी हो सकती है। अलावा इसके पर पशमके कारण यहाँ उल्लेख किया गया.। विन्ध्य पर्वतकी ऊंची अधित्यकामें मेष पोसनेसे उनका प्राणितत्वविदोंने खोज कर निकाला है, कि आज ऊन शीतप्रधान हिमालयवक्ष काश्मीरसे उत्तर आसाम तक समन भूमण्डलमें २१ प्रकारके विभिन्नजातोय मेष तक पहाड़ी मेषके ऊनके समान हो सकता है। विन्ध्य- हैं। उनमेंसे एशियामें १५, यूरोपमें ४, अफ्रिकामे ३ और पर्वतके एक मेषसे ५से ६ सेर ऊन होता है जो १०-१५) रुपमें विकता है। मेष जातिविशेष हो लोमको उत्पत्ति- अमेरिकामें २ प्रकारके मेष हैं। अष्ट्रेलिया और । का अवान्तर कारण है।