पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३४२

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३३६ मैना-मैनाकस्वस पर्याय-मनोज्ञा, नागजिह्वा, नेपाली, शिला, कल्याणिका,। पसन्द करती है। किसी किसी पहाड़ी मैनाको वकरे- रोगशिला, गोला, दिव्यौषधि, कुनटी, मनोगुप्ता। . का मांस खाते देखा गया है। यह सहजमें पोस मानती मैना (हिं० स्त्री०) काले रंगका एक प्रकारका प्रसिद्ध पक्षी।। है। हिमालयके पहाड़ी प्रदेश और आसामसे उनके इसकी चोंच पीलो वा नारंगी रंगको होती है , समूचा वच्चेको पकड़ कर पक्षिव्यवसायी शहरमें वेचते हैं। इन शरीर चिकने काले परसे ढका होता है। यह पक्षी उतना सब बच्चोंका पालना बहुत कठिन है। क्योंकि, अपने सुन्दर नहीं होने पर भी सिखाने पर मनुष्यको तरह घोंसलेमें पाले पोसे जाने पर वह जैसा सवल और मीठो बोलो बोल सकता है। इसीलिये लोग इसे | फुरतीला होता है, वैसा गृहस्थ के पीजरेमें रह कर नहीं पोसते हैं। कोई कोई पक्षी अपने स्वाभाविक शक्ति होतो। से इस प्रकार बोलता है मानो कोई आदमी बोल पोस माननेके साथ साथ वह मनुष्यकी वोलीका रहा हो । राधाकृष्ण आदि देव नाम, अपने पालनेवालेके | अनुकरण करना सीखती है। मार्सडन सोहवने लिखा धरके सभी लोगोंका नाम जिसके मुंहसे जिस तरह । है, कि ऐसा कोई भी पक्षी नहीं जो स्पष्टरूपसे मैनाको सुनती है, अपने अभ्यास-वलसे ठीक उसी तरह वोलती ' तरह मनुष्यको बोलीका अनुकरण कर सकता हो । है। उसे सुननेसे अकसर गुरुजनको बोलीका भ्रम | Bontius साहव जावामें एक मुसलमान-रमणी द्वारा हो जाता है। पाली गई मैनाको देख कर चमत्कृत हो गये थे । M. ___ इङ्गलैण्डमें इस जातिके पक्षोको lino Bind, जावा- I Les-on-ने इस प्रकार और भो एक पक्षीको मलय-भाषा में वित्त और मेञ्चो तथा सुमात्रामें टिभोङ्ग कहते हैं। ' में बोलते सुना है। पक्षितत्त्वविदोंने इस जातिके पक्षियोंको शाखाचारी २एक जाति जो राजपूताने में पाई जाती है और मैना ( inses Sorial पक्षिश्रेणी में शामिल करके oracias कहलाती है। दलमें निवद्ध किया है। मैनाक (सं० पु० ) मेनकाया अपत्यं पुमान् मेनकायां स्थानभेदसे मैनामें आकृतिगत वहुत विलक्षणता भव इति वा मेनकाअण, पृपोदरादित्वात् साधुः। १ देखो जाती है । जावा, सुमात्रा और पूर्व समुद्रस्थ सभी पुराणानुसार पर्वतका नाम जो हिमालयका पुत्र माना द्वोपोंमे जो मैना पाई जाती है उसको आकृति भारतीय जाता है । कहते हैं, कि इन्दसे डर कर यह पर्वत समुद्र- पहाड़ो मनासे स्वतन्त्र है। में जा छिपा था, इस कारण यह अब तक सपक्ष है। पूर्वद्वीपमें मिलनेवाली मैनाकी चोंच स्वभावतः लंका जाते समय समुद्रकी आज्ञासे इसने हनुमानजीको. छोटो और मजबूत होती है। लम्वे मस्तकमें दो छोटो आश्रय देना चाहा था। पर्याय-हिरण्यनाम, सुनाभ, छोटी आंखें हैं। दोनों पैर छोटे होने पर भी भारतीय हिमवत सुत। मेनका देखो। मनाके जैसे हैं। पूंछ छोटो होती है, मस्तकके ऊपर । कलंगो, कानके पास और पोठ पर पीले चमड़े का दाग : 1 ___२ हिमालयको एक ऊंची चोटीका नाम । इस पर मेक्षिलवर्धिनी नामको देवमूर्ति प्रतिष्ठित है। तथा दोनों पंखके अप्रवत्ती दो पर हलदी रंगके दिखाई। देते हैं। (बृहत्नीलतन्त्र १३ अ.) भारतीय मैनाके दोनों पैर और पूछ अपेक्षाकृत मैनाकखस ( सं० स्त्री०) मैनाकस्य स्वसा। पार्वती। लम्बी होती है। किसी किसी पक्षितत्त्वविद्ने इनमें बहुत थोड़ा फर्क देख कर Eulabes Indicus, Mino Dumonatii, Gracula, Calra. Sturnus Indicus

  • "It has the faculty of imitating human

आदि नामोंसे श्रेणीविभाग किया है। speech in greater perfection than any other of the teathered tribe." Eng. Cy. Nat, vol. 11 .. मैना साधारणतः कीड़ा, सत्त और पक्का फल खाना | p 139. (हेम)