पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३८७

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- मोम .. शाम, फारसी-माम; चीन-पेह-ला (सफेद), हवङ्ग-ला) भी मैल रहने नहीं पाता। पहले छत्तेके मोममें कोयला (पोला); फरासी-Cire; जमनी-Wachs ; इटली और (भिन्न जातिका पदार्थ ) मिला रहता है। गरमी स्पेन-Cere ; रुसिया-wosk, Wosh और मलय लगनेसे चह कड़ाहमें पिघल जाता है, केवल तरल मोम लेलिन् । तेलके समान ऊपरमें वहने लगता है। पीछे उस तरल ____ मधुमक्खियां तरह तरहके फुलोंसे मधु चुसती हैं। मोमको उठा कर दूसरे वरतन में रखते अथवा उसी उस फुलोंके सारसे उनके शरीर में रसके आकारमें मोठा कड़ाहमें ठंढ लगनेके लिये छोड़ देते हैं । ठंढ लगने मधु और मलरूपमें मोम जमा होता है। उनके पेटके | पर मोम पुनः. कड़ा हो कर जम जाता है । तब उसे नीचे अंगूठीकी समान जो गड्ढ़ा रहता है उससे टुकड़े टुकड़े कर कड़ाहसे निकाला जाता है। जव शारीरिक क्लेदस्वरूप भिन्न भिन्न पदार्थ मिश्रित मोमका | तक मोमका मैल दूर न हो जाय तब तक इसी प्रकार टुकड़ा निकालता है । उस टुकड़े से वे एक एक मधु उसे साफ करते रहना उचित है। गरम जलमें छत्ते मक्खोका अडा रहने लायक घर वनाती है। वही सव डुवानेके पहले उसमें दो चार बुद नाहद्रिक एसिड डाल घर छत्ता कहलाता है । जव तक अंडे फोड़ कर बच्चे | देनेसे जलको परिष्कारक शक्ति बढ़ती है। बाहर नहीं निकलते तव तक मक्खियां उस छत्तीको ____ कड़ाहके नीचे जो मैल जम जाता है, उसमें भी नहीं छोड़ती हैं। बच्चे के निकलने पट वे अन्यत्र उड़ - मोम रहता है। उस मैल समेत मोमको फिरसे दूसरे जाती हैं। छत्तेके साथ गलाया जाता है। पुराने छत्तेसे भी मोम पर्वत, वनप्रदेश, पारस, कमलाचन, साधारण उद्यान | पाया जाता है। उस सूखे और धूल मिले हुए छत्तेसे और उपवनादिमें भिन्न भिन्न प्रकारकी मक्खियोंसे भिन्न | जब माम निकालना होता है, तब पहले उसे एक भिन्न प्रकारके छत्ते बनाये जाते हैं। उन सब छत्तों तथा जलपूर्ण वरतनमें पांच सप्ताह तक रख छोड़ते हैं ! मोमका उपादान एक-सा नहीं है जुदा जुदा है। सभी | उसमेंसे निकली दुगधसे वचनेके लिये मामके कारखान. प्रकारका मधु, विशेषतः कमला मधु उपकारी और सुगं में ढंकनीदार बरतन रहता है। पुराने माममें गरमी धित होता है । . .. . . देनेसे वह स्वभावतः ही पीले रंगका हो जाता है। .. मधुका संग्रह करनेके लिये पृथिवीके प्रायः सभी सभ्य | वह पीला माम सफेद मोमसे किसी अंगमें घटिया देशोंमें इसका खासा प्रबंध है। किस उपायसे छत्तेकी नहीं है। बढ़िया सफेद माम तैयार करनेमें ताजे छत्ते- रक्षा और वृद्धि करनी होगी तथा मधु संग्रहके बाद को थोड़े, जलके साथ कड़ाहमें पाक करना होता है। छत्तोंको तोड़ फोड़ कर किस प्रकार मोम संचय किया | गरमी देनेके समय सर्वदा सावधान रहना उचित हैं। . जाता है, उसका विवरण यथास्थानमें दिया गया है। | मोम तथा कडाह जिससे जलने न पाबे इसके लिये.बीच ____एक एक छत्तेमें आध सेरसे पांच सेर तक माम| वीचमें जल देते रहना चाहिये । पीछे उसगरम कड़ाहसे पाया जाता है। कभी कभी छत्तेके साथ और कमी जव गन्धविशिष्ट हल्दी रंगका फेन निकलने लगे, तब छत्नेसे मधु निचोड़ कर बाजारमें बेचा जाता है। जो उसे उठा कर दूसरे बरतनमें रखना होगा। जव फेन सिट्ठी बच जाती है उसे थोड़ी गरमीसे साफ करने पर | फेन निकलना बंद हो जाय, तव उस रसको किसी दूसरे माम पाया जाता है। यही मोम बाजारमें विकने ठंढे बरतनमें रखे पीछे उसमें फिरसे छत्ते डाल कर ऊपर कहे गये तरीकेसे आँच दे। इससे बढ़िया माम तो आता है। ... बाजारमें साधारणतः सफेद और पीले रंगका माम) निकलेगा, पर वह माम विलकुल सफेद नहीं होता। · देखनेमें आता है। मधु निकालनेके बाद सूखे छत्तेको उसमें एक खाभाविक हल्दो रंगकी आभा रहती है । गरम जलसे परिपूर्ण कड़ाहके ऊपर रख देनेसे मोम गल सफेद मोम सभी कार्यों में व्यवहृत होता है, इस कारण 'या पिघल जाता है। अव इस पिघले हुए मोममें जरा मोमको सफेद बनाना परमावश्यक है।