पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/३९५

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मोरी-पोष मोरी-सन्थाल परगनेके गोदा उपविभागके ध्मान इ-को। यहांके सरदार लोग ठाकुर उपाधिधारी तथा नामक स्थानका एक बड़ा शैल। यह राजमहल शैल झाड़े जावंशके राजपूत हैं। ये अपनेको कच्छका राज- मालाके एक सबसे ऊंचा शिखर है। वंशज बतलाते है । नवगढ़ वंशके साथ इनका कुछ भी मोरेलगञ्ज-खुलना जिलान्तर्गत एक नगर और धन्दर।। सम्पर्क नहीं है। कहते है, कि कच्छके कोई राववंशीय यह पांगुरी नदीके किनारे हरिणघाटा या बलेश्वर संगम. सरदारके बड़े लड़के १७वीं सदीमे अपने छोटे भाई द्वारा से ढाई मोल उत्तर अवस्थित है । चावल और अनेक चुपकेसे मारे गये थे, इसीसे वे सपरिवार भाग कर यहां प्रकारके शस्यकी सामुद्रिक वाणिज्य-परिचालनाके लिये आये। पहले यह कच्छके दखलमें था। बाद उसके १८६६ ई०में बंगाल गवर्मेण्टने यह स्थान वन्दर कह कर | कच्छराजोंने इनकी स्वाधीनता मानो। आज तक भी घोषणा किया। १८७२ ई में मेसर्स मोरेल और लाइट | मोवींसरदार कच्छका जंगी वन्दर और उपविभाग दखल फुटने स्थानीय जंगल कटवा कर इसे आवाद किया था।। कर रहे है। धीरे धीरे मोरेलगा एक वाणिज्यकेन्द्र हो गया । उक्त अगरेजोंकी राजसामन्त-तालिकामे यह राज्य द्वितीय दो अन्रेज पुडयोंने इस स्थानको उनतिके लिये बहुत श्रेणीके अन्तभुक्त किया गया है। १८०७ ई०मे दूसरे रुपये खर्च किये थे। दूसरे काठियावाड़के सरदारोने जिस सूत्र पर अङ्ग्रेज- मोरेश्वरभट्ट-वैद्यामृतके रचयिता । राजको अंगोकारपत्र लिख दिया इन्होंने भी अवनत मोरो-१ सिन्धुप्रदेशके हैदरावाद जिलेके नौसहर उप- मस्तकको उसी शर्त पर खाक्षर किया । जूनागढ़के नवाव, बड़ोदाराज और अङ्रेजराजको सरदारगण कर विभागान्तर्गत एक तालुक। देते हैं। इनकी सैन्यसंख्या ४५० हैं। मालिया नामक २ उक्त विभागका विद्यार-सदर । यह अक्षा! ४थी श्रेणीका सामन्तराज्य इसी राजवंश द्वारा विछिन्न २६४० उ० तथा देशा० ६८ २ पू० मोरो वंशोध हो कर गठित हुआ है। वाजिद् फकोर नामक एक फकीरने दो सौ वर्ष पहले यह ___ यहांके सरदारोका अपनी प्रजा पर पूरा स्वत्व है। नगर स्थापित किया। यहां तक, कि दोषीको प्राणदण्डको आज्ञा देने पर भी मोर्चा ( फा० पु०) मोरचा देखो। उन्हें पोलिटिकल एजेण्टको अनुमति नहीं लेनी पड़ती। मोर्णा-रार राज्य में प्रवाहित एक नदी । यह पूर्णानदीको जनसंख्या ८७४६६ है। इस सामन्तराज्यमे १४० प्राम दूसरी शाखा है । इसके किनारे आकोला नगर अव- लगते है। यहां ५ कैदखाने, ४६ स्कूल और ६ मेडिकल स्थित है। स्कूल हैं। जिनमें पचीस हजार रोगी रखे जाते हैं। मोधनीकर-नरहरिदीक्षितका नामान्तर । २ उक्त सामन्तराज्यका प्रधान नगर। यह अक्षा० मोवी-बम्बईप्रदेश के काठियावाड़के हाला विभान्तर्गत | २२४६ उ० तथा देशा० ७०५३ पू० मच्छुनदोके एक देशीय सामन्तराज्य । यह अक्षा० २२ २३ से ले कर पश्चिम किनारे पर अवस्थित है। जनसंख्या १७८२० २३६ उ० तथा० देशा०७० ३० से ले कर ७१३ पू०- है। के मध्य अवस्थित है। भू-परिमाण ८२२ वर्गमील है। मच्छु नदीके किनारे मोवीं नगर अवस्थित है। यहां मोल (हिं० पु०) १ वह धन जो किसी वस्तुके बदलेमें बेचनेवालेको दिवा जाय, कीमत । २ दूकानदारकी नदी पर एक बांध है। कछोपसागरतीरवत्ती, वाषा- औरसे वस्तुका मूल्य कुछ बढ़ा कर कहा जाना । निया नगर यहांका वाणिज्य-चन्दर है। यहां तरह तरह- का शस्य, ऊख और रूई पैदा होती है तथा नमक और. ) मोष (सं० पु०) मुष-स्तेये घञ्। १ प्रत्याहरण, चोरो। २ लुण्ठन, लूटना। छेदन, छेदना। ४ वध करना। ५ सूतो कपड़े का यहां एक विस्तीर्ण कारवार है। राज- आच्छेद, दण्ड देना । ६ प्रतारणा, ठगो । कोरसे मोवी नगर जाने के लिये एक सड़क है।