पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/४५५

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यज्ञक्रतु-यज्ञपथ हो। २ रावणके दलका एक राक्षस जिसका उल्लेख यज्ञ करनेमें प्रवृत्त होनेका नाम यज्ञदीक्षा है। ब्राह्मणों वाल्मीकीय रामायण में है। की उत्पत्ति पहला जन्म, उपनयन दूसरा जन्म तथा यज्ञ- यज्ञकतु (स० पु० ) १ सम्पूर्ण याग, यशका शेष । २ दीक्षा तीसरा जन्म है। विष्णु। ३ यज्ञ । ४ क्रतुयाग। यज्ञदीक्षित-अग्नीध्रप्रयोगके रचयिता । यज्ञक्रिया ( स० स्त्री०) १ यज्ञके काम । २ कर्मकाण्ड | यज्ञदेष-जैनहरिवंशके अनुसार एक व्यक्ति । यज्ञगाथा ( स० स्त्री०) यज्ञार्थ विहित मन्त्र । । यज्ञद्रव्य ( सं क्ली० ) यज्ञस्य द्रव्य । यज्ञीय द्रष्यादि, वह यज्ञगिरि (स' पु० ) पुराणानुसार एक पर्वतका नाम | द्रव्य जिससे यज्ञ हो। यज्ञगीता (सं० स्त्री० ) यज्ञप्रकरण निर्वाह करनेका मन्त्र | यज्ञगुह (सं० पु.) यज्ञ द्रुह्यति गृह-विप् । यज्ञमे विघ्न यज्ञगुप्त-एक प्रसिद्ध जैन । वाधा डालनेवाला राक्षस । यज्ञघोष-एक प्राचीन कवि । यज्ञधर (सं० पु०) धरतीति धृ-अच, यज्ञस्य धरः। विष्णु । यज्ञघ्न (स' त्रि०) यज्ञ इन्ति इन-टक । १ यज्ञनाश- | यज्ञधीर (सं० वि० ) यज्ञ आदिमें विलक्षण बुद्धि । कारी, यज्ञ विध्वंस करनेवाला । २ राक्षस । यज्ञधूप (सं० पु०) सज्ज वृक्ष, धूनाका पेड़। यज्ञछाग (स' पु० ) वह चकरा जो यज्ञमें वलि दिया | यज्ञनारायण-१ महाभारत व्याख्यान और रघुनाविलास- जाता है। के प्रणेता। २ एक वैयाकरण। माधवीय धातुवृत्तिमे यज्ञज्ञ (सं० वि०) यज्ञ यज्ञावधानं जानाति ज्ञा-क । यज्ञविद् इनका नामोल्लेख है। यज्ञक विधान जाननेवाला । यज्ञनारायण दीक्षित-१ प्रभामण्डल नामक शास्त्रप्रदीपन- यक्षतति (स० स्त्री०) १ वलि । २ यज्ञमें उत्सर्ग करने योग्य | टीकाके रचयिता। २ वेङ्कटेश्वर कृत चित्रवन्ध, रामा- उपकरण आदि। यणके एक टीकाकार, गोविन्ददीक्षितके पुत्र। ये अपने यशतनु ( स० स्त्री०) १ यज्ञ प्राकार । २ यज्ञाङ्गको ईट भाई ( वाटिकाभरणके प्रणेता ) वेङ्कटेश्वर दीक्षितके गुरु आदि। ३ ध्याहृतिभेद । थे। ३ आचार्यभेद। यज्ञताता (स० पु०) १ यज्ञरक्षाकर्ता, वह जो यज्ञकी रक्षा | यज्ञनिष्कृत (सं० वि० ) यज्ञके निर्गमनकर्ता । करता हो । २ विष्णु। | यज्ञनो (सं०नि०) यज्ञ नयति नि-क्विप्। यज्ञनिर्वाहक, यज्ञदक्षिणा (सं० स्त्री० ) यह दक्षिणा जो यज्ञके समाप्त हो | यज्ञके नेता। जाने पर यज्ञ करनेवाले पुरोहितकी तृप्तिके लिये दी जाय। यज्ञनेता (सं० पु० ) महासोमलता। यज्ञदत्त (सपु०) १ रामायणमे वर्णित एक व्यक्ति । इस यज्ञनेमि (सं० पु०) श्रीकृष्ण । का वध-वृत्तान्त ले कर प्रसिद्ध फरासीसी पण्डित M. लपति (सं०५०) यज्ञस्य पतिः। १ यजमान, वह जो Chezy एक कविता वना गये हैं। २ जैन हरिवंश और यज्ञ करता हो । २ यज्ञपालक सोम। ३ विष्णु। कथासरित्सागर-वर्णित दो व्यक्ति । यक्षपति उपाध्याय-तत्त्वचिन्तामणिप्रभाके प्रणेता। रघु- यज्ञदत्तक (स० पु०) वह पुत्र जो यज्ञके प्रसादस्वरूप नाथ और गदाधरने इनका मत उल्लेख किया है। प्राप्त हुआ हो। यज्ञपत्नी (सं० स्त्री०) यक्षस्य पत्नी। १ पनकी स्त्री, यज्ञदत्तशर्मा-यजुर्वेदी एक ब्राह्यण । दक्षिणा । २पुराणानुसार यज्ञ करनेवाले माथुर ब्राह्मणों- यज्ञदीक्षा (सं० स्त्री०) यज्ञस्य दीक्षा । यज्ञविषयक-दीक्षा। की वे स्त्रियां जो अपने पतियोंके मना करने पर भी श्री- ब्राह्मणोंकी यज्ञदीक्षा होनेसे उनका तीसरा जन्म होता है। कृष्णके लिये भोजन ले कर धनमें गई थीं। . "मातुरऽधिजननं द्वितीयं मौजीवन्धने। यज्ञपथ (सं० पु०) १ यज्ञकी प्रणाली। २ वह रास्ता तृतीय यशदीक्षायां द्विजस्य श्रुतिचोदनात् ॥" (मनु०२।१६९) / जिससे यज्ञमें जाया जाता है।