पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/४८४

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यथाक्रम-यथानियम ४८१ यथाक्रम (सं० अध्य०) क्रममनति कम्येति अव्ययीभावः।। दिरजात इव प्रतीयते विद्यया शौर्येण वा न कैरपि विदि- क्रमानुसाकमशः। तत्वात् । १ मूर्ख, वेवकूफ । २ नीच। यथाक्रोश ( सं अथ०) कोसके समान । यथाजाति (स अवा०) जात्यनुरूप, जातिके अनुसार । यथाक्षम (सं अव्य०) क्षमतानुरूप, यथाशक्ति । यथाजोष ( स० अवा० ) सन्तोपके समान । यथाखात ( सं अव्य० ) खातके समान, जिस तरह गड्डा । यथाज्ञप्त (स० वि०) यथा ज्ञापि-क्त । जिस प्रकार आदिष्ट, खोदा हुआ है उसी तरह। जैसा कहा गया है। यथांच्या (स० त्रि०) १ यथा आख्यायुक्त । ( अव्य०) | यथाज्ञान (सं० अवा० ) ज्ञानमनतिक्रम्य अवायीभावः । २ आख्यानुरूप । ज्ञानानुरूप, समझके मुताविक । यथाख्यानचरित्र ( स० पु०) सब कषायों अर्थात् काम यथाज्येष्ठ (स अवा०) ज्येष्ठानुसार, बड़े के मुताविक । क्रोधादि पावकोंका जिन साधुओ ने क्षय किया हो उनका यथातत्त्व (स अवा०) यथार्थ, प्रकृत। चरित। । यथातथ ( स० अवा० ) यथा वर्तते तथा नातिक्रम्य इति यथाख्यान ( स० अध्य० ) आख्यानानुरूप, जिस प्रकार अतिवृत्तौ अवायीभावः ( अव्ययीभावः । पा ५।२।१८) आख्यान है उस प्रकार। ' इति नपुसकत्व (हस्खो न सके प्रातिपदिकस्य । पा २२९४७) यथागत (सं०नि०) जैसा आया है वैसा। इति ह्रस्वः। यथार्थ, उचित । यथागम (सं० अव्य० ) आगममनतिक्रम्य इत्यव्ययीभावः । यथातथ्य ( स० अवा० ) यथार्था, जैसाका तैसा, हू-बहू, १ आगमानुरूप, शास्त्रके समान । प्रवादानुरूप, जो पूर्वाः । ज्योंका त्यों। पर चला आ रहा है। यथात्मक ( स० त्रि०) स्वभावानुरूप, प्रकृतिके समान । यथागान (सं० अव्य० ) १ प्रतिगात्र, देह देहमें। २ यथोदत्त ( स०नि०) जैसा दिया गया है वैसा। गातानुरूप । यथादर्शन ( स० अवा० ) जैसा दर्शन वैसा, देखने के यथागुण (सं० अव्य० ) गुणमनतिक्रम्य इत्यव्ययीभावः। मुताविक । गुणानुरूप, गुणको तरह। यथादाय (स अवा० ) अंशानुरूप, जिसका जैसा अंश यथागृह (सं० अध्य० ) १ गृहानुरूप. घरके समान। २ है वैसा । गृहप्रति । यथादिश् ( स० अवा० ) सव तरफ, प्रतिदिश् । यथाग्नि (सं० अवा० ) अग्निके समान । यथादिश (सं० अवा० ) यथादिश् देखो। यथाङ्ग (सं० अवा० ) प्रतिगात्र, अङ्ग अङ्ग । यथादिष्ट (स० त्रि०) यथा-दिश-क । जैसा कहा गया है यथाचमस (स' अवा० ) प्रतिचमस, एक एक चमचा | वैसा। करके। | यथादीक्षा (स० अवा०) दीक्षानुरूप, शिक्षाके मुताविक । यथाचार (सं० अवा० ) कुलानुरूप, रोतिके अनुसार। यथादृष्ट ( स० अवा० ) दृष्टके अनुरूप, जैसा देखना। यथाचारिन् (सं० त्रि०) यथा चरति चर-णिनि । पूर्वा यथाष्टि (सं० अवा०) जैसी दृष्टि, जिस भावमें देखना। चारविशिष्ट, पूर्व आचार पर चलनेवाला । यथादैवत (स० भवा०) जिस प्रकार देवता, प्रतिदेवता। यथाचिन्तित (सं०नि०) जिस तरह चिन्ता को गई है। यथाधर्म (स अव्य०) धर्ममनतिक्रम्य इत्यव्ययीभावः। चिन्तानुसार। धर्मानुरूप, धर्मानुसार। . यथाचोदित (सं० त्रि०) उपदेशानुसार, उपदेशके मुता-- यथाधात ( स० अव्य०) अधीतानुरूप । विक। यथानियम (सं० अव्य० ) नियमानुसार, कायदेके मुता. यथाजात (स० वि०) यथा न जातः, इति जातोऽपि पुत्रा- विक । Vol. XVIII, 121