पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/४८५

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पर: यथानित-यथाहवर्ण यथानिरुप्त (स अवा०) यथा प्रदत्त, जिस तरह उत्सर्ग यथाभिप्रेत (स अवा० ) इच्छानुसार। किया गया है। यथाभिरुचित (सं० अवा० ) यथेप्सित, इच्छानुसार। यथान्याय ( स० अवा.) न्यायमनतिकम्प इत्यवायी- यथाभिलषित (सं० वि०) यथेप्सित, जैसी इच्छाको भावः। न्यायके अनुसार, यथोचित । हुई हो। यथानुसार (सं० त्रि०) जिस प्रकार। यथाभिलिखित (सं० वि०) लिखनेके मुताविक । यथान्युप्त (सं० अवा० ) जिस तरह दिया गया है। यथाभिवृष्ट (सं० भवा) १ वर्षणानुरूप, वर्षाके मुता यथापद् (स अवा०) पद या शब्दके समात। विक । २ दूष्टिपथ तक पृष्टिपात । यथापराध (स अवा० ) जैसा दोष, अपराधानुसार। यथामति ( स० अवा०) वुद्धिके अनुसार, समझके यधापर्व ( स० अवा० ) १ मेल मेलमें। २ अङ्ग| मुताबिक । अङ्गमें। यथामुखीन (स त्रि०) यथामुख ( यथामुख समुखस्य यथापूर्व. ( स० अवा०) पूर्वमनतिक्रम्य इत्यवायीभावः। दर्शनः ख । पा ५।२६) इति ख। मुखप्रतिविम्वाश्रय, -१ जैसा पहले था वैसा ही, पहलेकी नाई। २ ज्योंका | एक सा। त्यों। यथामुख्य (स अवा०) प्राधान्यक्रमसे, प्रधानतासे। यथाप्रज्ञ (सं० अवा० ) ज्ञानानुरूप, प्रज्ञानुसार। यथाम्नाय ( स० अवा० ) वेदोके अनुसार। यथाप्रतिरूप ( स ० अवा० ) जे सारूप वसा, प्रतिरूपा- यथायजुस (सं० अवा०) यजुर्मन्त्रके समान । 'नुसार। यथायथ (स अवा०) (यथास्वे यथायथम् । पा ८१।१४) यथाप्रदिष्ट ( स० स्त्री० ) जैसी आज्ञाकी गई है वैसा यथास्व, तुल्य, समान, मुताविक । ही। यथायुक्त ( स० अवा० ) यथोचित, मुनासिव । यथाप्रदेश (स० अवा० ) १ उपदेशानुसार। २ ठोक यथायुक्ति (सं० अवा०) युक्ति के अनुसार, परामर्शक तरहसे। ३यथास्थानमें। मुताविक। यथाप्राण (सं० अवा० ) यथाशक्ति, शक्तिकी अनुसार । यथायोग्य (स' अवा० ) योग्यतानुसार, जैसा चाहिए 'यथाप्रार्थित (स अवा० ) जिस तरह प्रार्थना की गई। वैसा-मुनासिब, उपयुक्त। थी वैसा ही। | यथारम्भ (स'० अवा० ) जिस तरह आरम्भ हुआ है यथाप्रीति (सत्रि०) प्रीतिको समान। वैसा। यथावल ( स० अवा० ) वलानुसार, यथाशक्ति ।। | यथारुचि ( स० अवा० ) रुचिके अनुसार, पसंदके मुता. यथाबुद्धि ( स० अपा० ) बुद्धिके अनुसार, समझके विक। मुताविक। 'यथाभक्ति ( स० भवा० ) भक्तिके अनुसार। यथारूप ( स० त्रि०) रूपके समान, प्रकृतिके मुताविक । यथाभक्षित (सं० अवा० ) भक्षणानुरूप, जिस तरह खाया | यथार्थ ( स० अवा० ) अर्धा' अनतिक्रम्य इति यथार्थ । गया है उसी तरह। १ यथारूप, जैसा ठोक होना चाहिए वैसा, जैसाका यथाभवन ( स० 'अवा० ) १ प्रतिभवन, प्रतिगृह। २ तैसा। १ ठीक, वाजिय । ‘भवमानुरूप। ३ निर्दिष्ठ भवन ।। यथार्थता (स० स्त्री० ) यथार्थस्य भावः तल-टाप् । यथाभाग (स अवा) १ भागके अनुसार जितना वथार्थाका भाव, सचाई। | यथार्ह ( स० वि०) यथा योग्य । चाहिए उतना, हिस्से के मुताविक । २ यथोचित । यथाभांजन (स अवा० ) भाजन यः पात्रके समान। | यथाहण (सं० अवा० ) योग्यतानुसार । । यथा वर्ण (सं० पु०) यथाहं यथायोग्य वर्णयतीति वर्ण- यथामिकाम (स अवा० ) यथाभिरूचि।