पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५४२

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५३६ . tichum Uणोके अन्तर्गत है। वत्तमान समयमें H. S 'Pear-ldust' अलग कर देनेसे पलं वाली तय्यार I nigare श्रेणीका जो जौ उत्पन्न होता है, वह उक्त | होती है। दोनों श्रेणीसे बिलकुल स्वतन्त्र है। किस समय इस पलवाली वनाते समय चूर्ण नष्ट हो जाता है । यद्यपि श्रेणीको वीज भारतवर्षमें लाया गया था उसका कोई | लोग उसे काममें नहीं लाते, पर उसमें यथेष्ट पुष्टिकर प्रमाण नहीं मिलता। इस वीजको आर्योंने भारतः । शक्ति रहती है। वैज्ञानिक चर्चने रासायनिक परीक्षा धर्षके उत्तरसे यहां लाया होगा, यही का.ण है, कि द्वारा उसका पार्थिव उपादान इस प्रकार स्थिर किया है- हमलोग इन्द्रको यवपक्ककारी आदि प्रशंसावाफ्यमें भूसी वारीक चूर्ण भी नारी बहुत बारीक चूर्ण ऋग्वेदमें पूजाह देखते हैं। आर्यजातिकी आदि वस्तु जल १४-२ १३.३ होनेके कारण तभीसे हिन्दूके प्रत्येक क्रियाकर्ममें इसक वीजशस्य ७.० २२१ व्यवहार चला भाता है। . तेल १७ ६. ३.४ । वर्तमान कालमें इस जौ गेहूं की तरह पीस कर | मांड ४६.६ ५०५ ६७२ रोटी बनाते हैं। भूने हुए जौको पीस कर सत्त अच्छी तरह पर्यवेक्षण कर मि० चर्चने कहा है, किं तय्यार किया जाता है। विलायतसे टिनके डव्येमें इस अनाजमें यवक्षार ( Nitrogen) का अंश कुछ भी भर कर जो यवचूर्ण (Powdered Barley) यहां माता न रहने के कारण उसका कार्यकारित्व बहुत कुछ होन हो है, उसे जलमें सिद्ध कर रोगियोंको पथ्यरूपमें दिया गया है। अतएव ऊपरको तालिकामें जो परिमाण जाता है। यूरोपको प्रसिद्ध रोविन्सन कम्पनीका "वारली दिया गया है और तिहाई कम करके मानना होगा। पाउडर" सबसे उमदा है। इङ्गलैएडके भैषज्यतत्त्वमें इन सब वालीको सिद्ध कर शिरवा या जूस बनाया। इस जी की भूसीको अलग कर उसके भीतरी वीजसे · जाता है, दुर्वल और अजीर्ण रोगीके लिये यह बहुत एक प्रकारका दाना तय्यार करनेको वात लिखी है। वह | उमदा भोजन है। जौके पाटेको रोटी अथवा आटेको "पर्ल वाली" (Pearl Barley वा Hordeum deconte सिद्ध कर उसका जूस पिलानेके सिवा बहुतेरे उसमें catum ) कहलाता है । इस पालवालीके वनानेके मैदा और चनेके सत्तू अथवा वेसन मिला कर घी आदि सम्बन्धमें Church साहबने ऐसा लिखा है,- .. के साथ वढ़िया रोटी तैयार करते हैं। प्याज लहशुन अथवा लालमिचैके साथ निम्न श्रेणीके लोग इसे यरोपीय खास कर इलैण्डके जौ को भिन्न प्रकारसे : खाते हैं। साफ कर भिन्न श्रेणीको पाली तय्यार की जाती है। जौको जलमें अच्छी तरह धोकर जाते में आहिस्ते आहिस्त! जौमें सैकडे पीछे ६३ अंश मांड ७ अंश मजाका उप- रासायनिक परीक्षासे जाना जाता है, कि भारतीय इस प्रकार पीसे, कि उसको कुल भूसी निकल जाय, पर रिस्थ आवरण, ११-५ वीजका गूदा, १२-५ जल और दाना एक भी न टूटे। इस प्रकार साफ किया हुआ जौ याकी तेल, अंश और क्षार है। इङ्गलैण्डके जौके गूदेका याकी तेल और भार है। इस गटके जो : वाजारमें भिन्न भिन्न नामसे विकता है। १०० पाउण्ड | भाग भारतीय वोजसे वहुत कम होता है। सैकड़े पीछे जौ को जातमें पोस कर १२॥ पाउण्ड भूसी आदि वाद ३ अंश तेल और २-४ धातव क्षार (ash ) रहता है। देनेसे Blocked Barley वनती है। पीछे फिरसे ब्लोकु तैलांशमें ग्लिसिरिन्, पामिटिक और लुरिक एसिड पाया बालीको अच्छी तरह जलमें मल कर १४॥ पाउण्ड सूक्ष्म जाता है। सारांशमें २६ भाग साइलिक एसिड, २२.७ चूर्ण (Fine dnst) वाहर कर लेनेसे जो दाना रह जाता फोस्फरिफ एसिड, २२ ७ पोटाश और ३७ चूर्ण विद्य- है. उसे Pot वा Scotch Barley कहते हैं। फिर स्कोच | मान है । १८६८ ई में लिएटनरने परीक्षा द्वारा Choles- वालोंको घिस कर २५। पाउण्ड बहुत बारीक चूर्ण | terin (चरवीके जैसा पदार्थ विशेष ) और उनके