पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५५२

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यवन यूलियवासी क्यूमियों ( Cumaean )-के अधिकृत एशियाके योनराज्यवासी यवोंने सामुद्रिक वाणिज्य- हमज ( Herinus ) नदीके उत्तर प्रदेशमें और फोकिस में समधिक उन्नतिलास किया था। युद्धविधामें भी ( Phocis) से एक दल फोकिया ( Phocrea) नामक वे बहुत निपुण थे। एक मिलेतस नगरीके अधीनमें स्थानमें जा कर अधिष्ठित हुआ। प्रायः ७५ नगर और उपनिवेश थे। मिलेतसमें योनों- उपयुक्त नगरों तथा किशोस और सामोस द्वीपके । की सौभाग्यलक्ष्मी इस तरह प्रसन्न थी, कि मातृभूमि- प्रधान नगरको मिला कर औपनिवेशिक यवनदलका एक | वासी यूनानी उनके साथ प्रतिद्वन्द्वितामें पराइमुख हुए दोदिकोपोलिस ( Dodecapolis या द्वादश भौमिक थे। यहाँका ध्वंसावशिष्ट मन्दिर, प्रासाद और स्मृति- राज्य ) संगठित हुआ था । इसको इङ्गलिशमें स्तम्भादिकं नमूने देखनेसे उनके शिल्प-नैपुण्य और अन्य "The Confederation of twelve cities of Ionia" कार्योका यथेष्ट परिचय मिलता है। यहां ययार्थमें कहते हैं। कोलोफोनसे निर्वाचित औपनिवेशकों द्वारा यनानी साहित्यको समधिक लोभ हुआ था। कवि, ई.साके पूर्व ७०० वर्ष स्मरना नगर अधिकृत हुआ था। दार्शनिक, ऐतिहासिक, चित्रकार और शिल्पी आदिसे इसके बाद इस समितिके कत्तत्वधोनमें उपकूल विभागके योनराज्य भर उठा था। ऐतिहासिकप्रवर हिकेटस, गिरि, मयोननेसस (Myonnesus), फ्लेरस, (Claros | और दार्शनिकश्रेष्ठ थेलिसने मिलेतस नगरीमें जन्मग्रहण आदि नगर स्थापित हुए। किया था। त्यसवासी अनक्रयूनने और दोरीय वंशो. ___ इस शासक-समितिको ( Confederation of the | भूत विख्यात ऐतिहासिक हिरोदोतसने योनभाषाको "welve cities ) एकताका कारण यह है, कि यवन उस गौरवरक्षा की है। समय सभी एक ही तरहको धर्मचर्या करते थे और उपयुक्त वारह योन नगरोंने (या द्वादश भौमिक- एक ही उत्सवमें सभी लोग एकन हो कर आमोद-1 राज्य ) पशिया-माइनरके पश्चिम किनारे एकतासूतमें प्रमोद किया करते थे। राज्यको किसी विशेष विपद्के , आवद्ध हो कर एक स्वतन्त्र जातिके रूपमें राज्यशासन सिवा इन विभिन्न नगरोंके मण्डलेश्वर (Deputies) एकत्र किया था। वे उत्तरके यूलिय तथा दक्षिणके दोरियोंसे हो कर परामर्श नहीं करते थे । मिकले पर्वतके सम्पूर्णरूपसे पृथक थे। प्राचीन यवनोंके उत्सव आज ( Afount Mycaie ) पाददेशमें पानिउनियम ( Pa., भो पकताके नमूने हैं। उन्होंने अपने देशमें रह कर nionium ) नामक स्थानमें अवस्थित पोसिडान ( Po- व्यवसाय तथा शिल्पकार्यमें यथेष्ट लाभ किया था। फिर seidon) मन्दिरमें एकत्र हो कर वे सामयिक परा- भी उन्होंने राजनीतिमें कभी चेष्टा नहीं को और तो मर्श किया करते थे। यह स्थान देवताके उद्देश्यसे दे | क्या, उनका किसी वैदेशिक शक्तिसे राजनीतिक दिया गया था। इससे इस स्थान पर किसीका अधि संघर्ष उपस्थित नहीं हुआ। इसका कारण यही है, कार न था। कि उनके यहां राजनीतिक नेताओंका पूर्णतया अभाव इसी समय एशियाका योनराज्य (Ionia ) उत्तर | था। क्यूमिया उपसागरसे मिलतसके दक्षिणी वासिलिकस सर्डिस नगरमें लिदीय राजाओंकी राजधानी थी। उपसागर तक और पश्चिम सागरोपकूलसे एशिया-माइ- ईसासे पूर्व ७१६वें वर्षों जव मार्मनदी ( Mermna नरके मध्यभागके सिपिलास और मोलास ( Mounts dae) लिदीय राजवंशने आसिरीयाकी अधीनताके पास Sipylus और Tmolus ) पर्वत तक प्रायः ४० मोल वे मुक्त होनेके लिये उद्योग आरम्भ किया। तबसे उदीय- विस्तृत था। इस योन राज्यके उचर पार्गामस, मान सूर्यकी नवीन प्रखर किरणकी तरह नव बोयवल- फ्यूमी आदि यूलिय नगरो, दक्षिण दोरीयोंका उपनिवेश, से बलवान् लिदीयोंसे धीरे धीरे पराभव स्वीकार कर पश्चिम इजिय सागर आर पूर्व फ्रिजिया आदि एशिया- यवनोंने अपनी स्वतन्त्रता खो दी। इसके बाद योन- का राज्य था। राजे करदराजके रूपमें लिदीय राजवंशके अधीन रहने Vol, xviii, 138