पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

५५० यवन लगे थे; किन्तु यथार्थमें वे स्वाधीन भावसे अपने अत्याचारसे ध्याकुल हो योनवासियोंने राज्यों छोटे छोटे नगरोंका शासन-कार्य परिचालित करते थे।। विप्लव मचा दिया। यह भी किमी राजनीतिक कुछ योनराजे विदेशियोंसे पराजित होने पर धन देकर अवस्था परिवर्तनके लिये नहीं' वरं दो शासकों- या खुशामद करके उन्हें सन्तुष्ट कर लिया करते थे। के स्वाधीनताके लिये उत्तेजित होने पर उन्होंने इसी तरह कोई पचास वर्ष बीत गये। क्रिसस । उनका साथ दे यह विप्लव उपस्थित किया था। ईसासे (. Croesus ) के राजस्वकालमें बारह यवनराजे सम्पूर्ण- . पूर्व ५१०वें वर्णमें हिष्टिइयोसने पारसिक सैन्यके भगाने- रूपसे लिदोय राजवंशके अधीन हुए। ईसासे पूर्व का रास्ता साफ रखनेके लिये दानियुव नदी परके पुल ५५७३ वर्षमें क्रिसस दयावान् और न्यायपरायण राजा नष्ट करनेको नानी सरदारोंको उभाड़ा था। .शका. थे। उन्होंने निरपेक्षताका अवलम्बन कर यूनानियोंकी भियानके समयमें इस महती उपकारिताके लिये दरा- सुख-समृद्धिकी वृद्धि के लिये पूर्णरूपसे उद्योग करना ' युस मिलेतसके यथेच्छाचारी राजो हिटिइयास को आरम्भ किया। उन्होंने अपनी सदाशयताके वश । थेसका सामन्तराज्य प्रदान किया। हिटिइयास अपनी वती हो कर इन य नानियोंके तीर्थ क्षेत्रोंको बहुत . सौभाग्यवृद्धि के साथ साथ अपनी उन्नति करनेमें तथा कुछ उन्नति की। प्रकों के आचरित धर्ममें उनका ' राजपाट स्थापित करने प्रवृत्त हुए । पारस्यके राजाने अटूट विश्वास था । थे प्रसिद्ध यूनानी साहित्य-: उनकी यह दशा देख सूसामें उन्हें बुला कर कैद कर रथियोंको अपनो राजधानी सर्डिस नगरीमें ला कर लिया। इसके बाद उसने अपने दामाद मिलेतसको विशेषरूपसे उनको पूजा आदर सत्कार किया था । कर , वहांका शासक बना कर भेज दिया। असूलीके सिवा उन्हीं प्रजाके साथ कोई बुराई नहीं की। ईसाके पूर्व ५०२ वर्ष पहले अरिष्टगोरसने नक्सस. समग्र योनजाति किससको अपना राजा मानती थी।। के निर्वासित शासनकर्ताओं को पुनः प्रतिष्ठित करनेका ईसासे पूर्व ५४७३ वर्गामें कयरूस-परिचालित पारसके : वचन दे कर पश्चिम एशिया माइनरके क्षत्रप आर्ट- सैनिक दलने किससको पराजित कर लिदिया पर फार्णिससे २०० जङ्गो जहाज लिये । किंतु दुर्भाग्यवश अधिकार कर लिया और कयरूसके अन्यतम सेनापति । वह अपने कार्यमें असफल हो गया। इस असफलता. हगासने एशिया-माइनरके पश्चिमीय किनारों पर के कारण क्षत्रप आर्ट फार्निसके भयसे उसने एक अधिकार कर विजय वैजयन्ती फहराई थी। विद्रोहकी सृष्टि कर दी। इस समय हिटिइयास छिप . यह पारसी एकेश्वरवादी थे। उन्होंने यवनोंकी पौत्त. कर इस विद्रोहको बढ़ाने के लिये उसे उत्तेजित करने लिकतासे आजिज आ कर वहुतेरे देवताओं के मन्दिरोंको लगा। उसको आशा थो, कि विद्रोह दवानेके लिये मिट्टी में मिला दिया था। इस तरह खण्ड अत्याचारके | वही भेजा जायगा। सिवा योनोंको अन्य किसी अधीनतापाशरूपी क्लेशों का | अरिटगोरसने अपने कठोर शासनको उस समय सामना करना न पड़ा। अन्तमें फम्बयसेस वंशधर | जरा ढोला कर दिया और वह सारे मिलेतसवासियोंको दारयवूसके अभ्युदयके समय ईसासे पूर्व ५२०वें वर्षमें | आदरके साथ बुला कर पारसकी अधीनताको बेड़ी योनगण सम्पूर्णरूपसे पारसिकी के अधीन हो गये। तोडनेका उपदेश देने लगा। अन्यान्य योन नगरोने इसी- सम्राट दरायुसने अपने विश्वासी नौकरी में बारह आद- | का अनुसरण किया। इसके अनुसार उन्होंने मिल कर मियोंको वारह सामन्त राज्यों पर अभिषिक्त कर उन्हीं सभी अत्याचारी राजाओंको राज्यच्युत कर अपनेको पर शासन-भार छोड़ दिया| राज्यप्राप्तिके वाद ये स्वाधीन होनेकी घोषणा कर दी। इओलीय और उहोरोय नौकर अपने कर्तव्य पथसे विच्युत हो विश्वासघातक वन उपनिवेशिकोंने भी दो वर्ष पीछे इस वलवे में साथ दिया गये। उच्छडल शासनसे सारे योनराज्यमें एक अत्या- था। इसी समय साइप्रसवालोंने भी साथ दिया। इस- चारका प्रवाह वह निकला था। प्रायः सभी नगराधिप प्रजापीड़क हो उठे थे। के बाद अरिष्टगोरसने इजियन समुद्रके दूसरे तीरवत्तौं