पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५५४

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यवन युनानी राज्यसे साहाय्यकी प्रार्थना की। इसके अनु! रूपसे विपर्यस्त हुओ। जङ्गी जहाजों में अधिकांश इव सार इरेद्रियावासियोंने ५ और एथेन्सवासियोंने २० जड़ो गये और कुछ भाग निकले। जरोस भाग कर एशिया. जहाज भेजे थे। सम्मिलित यनानी सेनाओंने एकाएक में लौट आये। उसके प्रधान सेनापति केवल ३ लाख सर्डिस पर आक्रमण कर उस नगरको छारखार कर फौजोंको ही ले कर जयको आशासे वहां युद्ध करता दिया। किन्तु देर न लगी, कि वहां वालोंने इन जङ्गी वेड़ों रहा। को वहांसे भगा दिया। एथेन्सके जहाज अपनेदेश लौट ईसाले पूर्ण ४७६वें वर्गमें पारस्य-सेनापति आये। एथेन्सको छारखार कर उस पर कब्जा कर लिया। दरायुस इस योनविद्रोहको वात सुन कर क्रोधसे पारसी उन पर अत्याचार करने लगे। उनके अधीर हो उठा। उसने समान पारसी सैन्य-वाहिनी- अत्याचारको सह न सकनेके कारण एथेन्स- को साथ ले योनराज्य पर आक्रमण कर दिया। मिले- वासियोंने अपने देशको उद्धार करनेके लिये एक बार तस् नगरी जल और स्थल पथसे आक्रान्त हो उठी। फिर शिर उठाया। लिउनिदसके नावालिग पुत्रका मिलेतस्के निकट लाडे द्वोपकी थोड़ी दूर समुद्रवक्ष, अभिभावक पौसनियस ११०००० साहाय्यकारी सैन्य- पर विकट संग्राम उपस्थित हुआ। ईसासे ४६६ वर्ष दल ले कर विशोसियाकी ओर दौड़ा और प्लाटियाके युद्ध- पूर्व सेमिया और लेसवियोंने योनीका साथ छोड़ क्षेत्रमें मादानियसको समूल विनष्ट किया। इस दिन दिया। इससे चे पराजित हो गये और एक वर्षके वाद हो मिलेतसके निकटस्थ मिकले नगरके किनारे यूनानी पारसी फौजने मिलेतस पर दर्पके साथ कब्जा कर जलसेनाके साथ पारसी जङ्गो जहाजोंका सङ्घर्ष हुआ। लिया। स्सके वाद एशियाके किनारे यनानी जहाजों। इस युद्ध में यूनानो जीत गये। फलतः योनराज्य एक पर और थोसिय प्रायोद्वीपके भाग पर भी धीरे धीरे पार- वार फिर सम्पूर्णरूपले खाधीन हो गया। इसके बाद सिकोंका कब्जा हो गया। | यानी ७७८ से ४०४ वर्ण ईसाके पहले तक यूनानमें एथे. इससे भी दरायुसकी प्रतिहिंसाग्नि बुझ न सकी। नियोंका प्रताप फैला हुआ था। इसी समय (ईसासे उन्होंने योनोंको सहायता देनेवाले और सर्डिस नगरीके ४६०से ४३० पूर्व तक) एथेन्सका सौभाग्यकाल है। ध्वंसकर्ता इरेद्रिया तथा एथेन्सकी फौजोंका गर्व चूर्ण इतिहासमें "The age of Pericles" कहा गया है। करनेके लिये हेलेसपएट प्रणालीको चीरती हुई अपनो य नानी इतिहासके प्रसिद्ध पिलोपनिस के युद्ध में ४३१से फौजोंको थेसराज्य होते हुए भेजा। मार्दोनियस ४०४ वर्ष ईसासे पूर्व तक विभिन्न समयों में और विभिन्न पारसी सैन्यका अधिनायक बनाया गया । किन्तु स्थानों में संघटित होने पर ४१३ से ४०४ ईसासे पूर्णतक आथोस पर्वतसे घुम कर जानेके समय तूफानमें पड़, जलीय युद्ध एशिया-माइनरमें होनेसे यह यवनोंकी लड़ाई पारसो जङ्गी जहाज डूब गये। किन्तु फिर भी मादों विख्यात है। नियस ने घचे जहाजोंको ले कर ही एथेन्स पर आक्रमण| ईसास ४७६ वर्ष पूर्ण मिकलके युद्धमें और ४६६ वर्ष कर दिया। फल जो होनेवाला था, वही हुआ अर्थात् | ईसासे पूर्व साइमन विजयके वाद य नानियोंने इजिय- मादौनियसको हार खा कर एशियामें लौटना पड़ा। इसके सागर पर प्रभुत्व विस्तार कर पारसी सैन्यको भगा बाद वानी ईसाके पूर्व ४६०३ वर्षमें माराथनको लड़ाई दिया। उसी समयसे पथेनियन इजियाके पूर्वी किनारे- हुई और दश वर्ष वाद जरक्षेस परिचालित विपुलवाहिनी के देशों पर अधिकार किया। योननगरवासियोंने उस जल और स्थलसे एथेन्स पर आक्रमण करनेके लये अग्रसर समय एथेन्सके राजाको ही अपना राजा कबूल किया। हुई। यह कहनेकी आवश्यकता नहीं, जरक्षेसको पैदल ईसासे पूर्ण ४०४ वर्षमें पिलरेपनिसकी लड़ाई शेष फौज योन राज्यको चीरती हुई गई थी। हो जाने पर लाकिदिमोनियोंका अभ्युदय हुआ। उक्त वर्षके सालामोस युद्ध में पारसी सैन्य संपूर्ण-1 इस समय एशियाके किनारे नगरों और शासनकमि