पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५७८

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यशोवन्तराव ५७५ वेलेस्लीको पत्र द्वारा सूचित किया, कि उन्होंने होलकर- मिले उन्हें यशोवतने अस्त्र और अग्निसे तहस नहस वंशके पूर्वाधिकृत कुछ जिले अधिकार कर लिये। इस कर डाला। इस प्रकार लूटपाट करते हुए महाराष्ट्रीय के साथ साथ उन्होंने सिन्देराजके अधिकृत अजमीर | दल दीग-दुर्गके समीप पहुंचा। अङ्ग्रेज सेनापति भी प्रदेशको भी लूटना आरम्भ कर दिया। धीरे धीरे उनके पीछे पीछे गये और एकाएक टूट पड़े। दीग-रण- इन्होंने अजमीर दुर्ग में भी घेरा डाला और दूसरा सेना- क्षेत्रमें पराजित और क्षतिग्रस्त हो यशोवन्त अश्वारोही दल जयपुर सीमा पर लूटपाट मचाने लगा। सेनादलके साथ फरू खावादको मार अग्रसर हुए । अत- ____ इस समय होलकरकी अन्याय प्रार्थनाका प्रस्ताव कित भावमें वहां पहुंच कर इन्होंने अस्त्रघातसे प्रायः३ भारतप्रतिनिधिक निकट पहुंचा। उन्होंने होलकरका हजार विपक्षसेनाको यमपुर भेज दिया। भाव समझ कर निश्चेष्ट रहना अच्छा न समझा । होल-! ___ यहांसे लेक द्वारा खदेरे जाने पर इन्होंने फिरसे करका औद्धत्य रोकने के लिये जनरल लेक और जनरल दीगको प्रस्थान किया। अरेजी सेनाके दोगमें घेरा वेलेस्लोको कहला भेजा। तदनुसार वेलेस्ली दलवल-1 डालने पर यशवन्त ससैन्य भरतपुरकी ओर चल के साथ मालवकी ओर रवाना हुए। सिन्दराजको भो | दिये । भरतपुरके राजासे मिल कर यशाच'त कहीं कहा गया, कि वे अङ्ग्रेजों के साथ मिल कर यशोचन्तकी । अगरेजोंके विरुद्ध खड़े न हो जायं, इस भयसे जनरल शक्ति चूर करें। लेक १८०५ ई०के आरम्भमें ही भरतपुरमें घेरो डालनेके १८वीं अप्रिलको जनरल लेक परिचालित सेनादल- लिये रवाना हुए । होलकर और अमीर खाँने इस युद्ध में ने जयपुरकी यात्रा कर दी। अङ्गरेजी सेनाको समागत | भरतपुर-राजको मदद पहुंचाई थी । भरतपुर देखो। देख होलकर अपनी राज्यलोमासे भाग आये तथा ___ भरतपुर-युद्धके बाद सिन्द पति दौलतरावके साथ चश्वल नदी पार कर गये। अरेजराजको अनवन हो गई । तदनुसार अन्यान्य ____ इधर लेकके अधीनस्थ सेनापति डानने वड़ी तेजोसे | महाराष्ट्र सरदारोंके उसकानेसे सिन्द पति दौलतरावने जा कर तोङ्कबासपुर-दुर्ग पर चढ़ाई कर दी। वेलस्लीकी होलकरका पक्ष लिया । होलकर और सिन्दराज परिचालित ब्रिगेडियार जनरल मनसनने यशोवन्तका एकत्र मिल कर कोटाले अजमीर आये। लार्ड लेक यह पीछा किया। सिन्दराजको सेना यद्यपि इस समय संवाद पा कर भरतपुर छोड़ उनके पीछे पीछे वढ़ी चढ़ी थी, तो भी मनसन खुशालगढ़के निकट होल चले। करके हाथले पराजित हो पीछे हटे। __ इस समय मराठोंके साथ युद्ध करके वृथा वलक्षय इस प्रकार मनसनको पीछे हटा कर यशोवतराव | करना भगरेजोंने अच्छा न समझा। फिरसे शांति- ६० हजार घुड़सवार, १५ हजार; पदातिक और कभान- स्थापन करनेके लिये मार्किस आव कार्नवालिस भारत- वाहो सेना तथा १६२ कमान ले कर असीम साहससे वर्ष आये। उन्होंने सिन्दराजका अपराध क्षमा कर मथुराको ओर अग्रसर हुए। मथुरा, महाराष्ट्र दलके उन्हें तधोन प्रदेश, गोहदके राणाको यमुना नदीके पहुंचने पर अगरेजी सेना जान ले कर भागी। पार्श्ववती और होलकरको तदधिकृत राज्य लौटा देना यहां आ कर महाराष्ट्रदलने पूर्ववत् अत्याचार और | चाहा। किंतु ऐसा करनेके पहले ही उनको मृत्यु हो उत्पीड़न करना आरम्भ कर दिया। इसके बाद होल- गई। कार्नवालिस देखो। कर सेनाके दिल्ली आक्रमण करने पर लाड लेक राजधानोकी इस समय सिन्देराजकी कार्यावलीका राजनैतिक रक्षाके लिये दलवलके साथ चल पड़े। दिल्लीके पार्श्व- परिवर्तन देख कर यशोवन्त दलवलके साथ पंजाव गये। वत्तीं स्थानोंमें दोनों पक्षमें कुछ दिन युद्ध चलता रहा।। लोगोंका ख्याल था, कि वे सिख और अफगानोंको पीछे लेक-परिचालित सेनाके आगे बढ़ने पर होलकर अपने दल में लानेके अभिप्रायसे वहां गये हैं। लार्ड लेक- भागे। भागते समय राहमें अगरेजोंके जो सव देश ने यह खवर पा कर स्वयं सेनादलके साथ उनका पीछा