पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/५९८

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५६५ यहूदी ध्वंस किया था। इस समय यहूदी तितर वितर हो. च्छेद-विधि या सुन्नत (Ordinance of Circumci- गये। तवसे फिर कभी उस नगरीका उद्धार न हो| sion) प्रचलित दिखाई देती है। सका। __"जगत्के रक्षक उनके ही वंशमें पैदा होंगे" इसी सन् १३ ई० में रचित जोसेफके 'प्राचीन यहूदियोंके | विश्वास वशवती हो कर पहलेसे ही इसरायलके वंशज इतिहास' प्रत्यक ११वें अध्यायमें लिखा है, कि एजरा अन्यान्य जातियोंसे पृथकरूपमें वास कर रहे हैं। के साथ जब यहूदी बन्धनमुक्त हुए, तब वे दो दलोंमें | इसका आभास याव-इब्राहिम और इसाकको मिला विभक्त हो गये। अतएव रोमके अधिकारमें एशिया | था, कि ईश्वर जगत्में अवतार लेंगे। इसीसे उन्होंने भौर यूरोपवासो दो तरहके यहूदियों तथा पूर्वोक्त १२ जनसमाजमें प्रचार भी किया था, कि ईश्वर हमारे ही जातियोंको मिला कर यहूदी जाति बहुत बढ़ गई । ५वीं | वंशमें अवतार ग्रहण करेंगे। शताब्दी में महात्मा जेरोम ( St. Jerome )ने लिखा है, जगदीश्वरकी कृपासे याकूबके वंशधर मित्र राज्यमें कि इस समय भी यहूदियों की दश शाखायें पारदराज- रहते रहे और वहां एक महासमृद्ध ज्ञातिके रूपमें उनकी क अधीन हैं। आज भो उनकी अधीनताकी वेडो नहीं गणना होने लगी। चार सौ वर्ष तक मित्रमें रह चुकने कट सकी। पर वे मूसा द्वारा विमुक्त हो कर चालीस वर्षों तक उस ____वाविलनके अवरोधके वाद इतिहासमें यह कुछ भी नियन्ताके आज्ञानुसार बनमें घुमते रहे। इसके बाद वे लिखा नहीं है, कि किस तरह युदाके गुरुवशके सिवा जोसुयाके तत्वावधानमें कानान राज्यमें लाये गये। दूसरी १० यहूदो शाखायें अन्यान्य जातियोंसे मिश्रित वाइविलमें लिखा है, कि इब्राहिमके प्रत्यादेशसे ही इस- हो गई थी और किस तरह इस जातिकी अतीत स्मृति रलीने ( Isralites) मिस्रसे मुक्ति तक प्रायः ४३०.वष घोर अन्धकारमें विलुप्त हो गई। चिताया । इस समय २१५ वर्षों में इसरायल वंशमें पाश्चात्य या युरोपीय जगत्में जिन सव प्राचीन कुल प्रायः ७० या ७५ हो वच गये थे। उसके २१५ जातियोंका उल्लेख मिलता है, उनमें यहूदो ही सर्वापेक्षा वर्षों में इस तरहकी वंशवृद्धि हुई, कि उनमें छः लाख . पाचीनतम और विशेष प्रसिद्ध हैं और इनका इतिहास योद्धा और भावालवृद्धवनिता सभी मिला कर २ लाख कौतुहलपूर्ण तथा आलोचनाको एक सामग्री है। आदमी और हो गये। ___ यद्यपि वे प्रायः १८वीं शताब्दी तक भूमण्डलके किसी स्थलमें जातीय शक्ति रक्षा कर विराजित नहीं जव इसरलीके वंशधर मिस्रमें रहते थे, तब फेरो- है, फिर भी सव देशों के सव सम्प्रदायोंमें विमिश्र-| चंशके १२ राजाओंने राज्य किया था। इस वशके नवें भावसे पास कर रहे हैं, तथापि कहा जा सकता है, कि राजाने इनको संख्या तथा वंशवृद्धिसे ईर्षान्वित हो कर उस प्राचीन युगसे आज भी उन्होंने जनसमाजमें अपने उनके द्वासका उपाय निकाला। उसने कई तरहसे उनके जातीय स्वातन्त्रा, धर्म और भाषाको रक्षा कर अपनी वंशोंका नाश करना चाहा , किन्तु कृतकार्य न हो सका। जातिक विशेषत्वको कायम रखा है। अन्तमें उसने हुक्म दिया, कि उनके बच्चे माताकी गोदसे युरोप या अफ्रिकामें ऐसी कोई जाति नहीं, जो सृष्टि- छीन कर नीलनदमें डाल दिये जायें। इसका पता नहीं के आरम्भसे अपनी उत्पत्ति, विस्तृति और प्रतिपत्ति- | लगता, कि इस नृशंस कार्यने इसरालयोंको कितने वर्षों का इतिहास प्रकट कर सके । ये यहूदी आज भी जगत् | तक उत्पीडित किया था। फिर, यहां तक कहा जा में स्वतंत्र भावसे विद्यमान रह कर अपनी उत्पत्तिकी | सकता है, कि जब मिस्रराजकी कठोर आज्ञासे इस तरह- धारावाहिक पर्याय रक्षा करते आ रहे हैं। ये अपनेको का कठोर अत्याचार प्रचलित था, तव इसरायलोंके ( Abraham ) इब्राहिम इसाक ( Isac ) और याकूब | मुक्तिदातारूपसे आमराम और याकूबके वंशमें मूसा (jacub)के सन्तान कहते है। प्रमाणस्वरूप इनमें त्वक: ( Moses ) पैदा हुए । मिस्रदेशके स्मृतिस्तम्भों पर