पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/६००

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यहूदी सैल्युकसने वोविलन और सिरीयाका राज्य पाया राजके विरुद्ध अस्त्रग्रहण किया था । कालीगुलाने अपनी था। उसके वंशधर अन्तिभोक एपिफेनिसने यहूदियों- मूर्ति प्रतिष्ठा कर जेरुसलेमका पवित्र मन्दिर अपवित्र का विद्वषी वग उनके नगर जेरुसलेम पर अधिकार | कर डाला था, जिससे यहूदी प्रकाश्यरूपसे विद्रोहाचरण किया और वहांके अधिवासियोंकी निष्ठुरताके करनेमें प्रवृत्त हुए । गेसियल क्लोरस इस विद्रोहके नेता साथ हत्या की। इस समय उनको रक्षाके लिये जग- हुए। अत्याचारी सम्राट् निरोके राज्यकालमें रोभ और दीश्वरने युदास् माक्कावियसको भेजा। इन्हीं के नाम पर | युदिया जो युद्धाग्नि प्रज्ज्वलित हुई, वह तितस् द्वारा युदिया नगरी प्रतिष्ठित हुई थी। मन्तिोककी चलाई जेरुसलम नगरीके ध्वंस होनेके वाद सन् ७४ ई० में जा पौलिक उपासना छोड़ कर सनातन ईश्वरोपासना कर शान्त हुई। इस युद्धमें प्रायः ११ लाख यहृदो मारे प्रचारित हुई। इस समय यहूदी बड़े हो शक्तिशाली गये और असंख्य वालवृद्धवनिता पकड़ कर दास दासी हो उठे थे । निकटके राजे उनसे मित्रता स्थापित बना वेच दो गई। ईसाके प्रति अत्याचारके प्रतिशोध- करने पर वद्धपरिकर हुए थे। और तो क्या-जातोय! स्वरूप कई सूलो पर चढ़ाये गये और कितने हो जोते ही महत्त्व में समुन्नत रोमकजाति भी उनके साथ मित्रता- हिस्र जन्तुओंके मुख में फेंके गये। आज भी प्रत्येक देश- सूत्र में बंध जानेके लिये यनवान हो चुकी थी। इस वासो यहुदो आव-मासके ( Month of Ab ) नवें दिन खाधीनतावस्थामैं धर्मगुरु ही ( High priest ) उनके अपने विभिन्न देशमै प्रस्थान भीर जेरुसलेम नगरीके फर्म और धर्मगुरु हुए थे। वे ही यथार्थमें यहूदियोंके ध्वंसको पात याद रखने के लिये एक शोकव्रत करते जातोय शक्तिका परिचालक राजा थे। पूरी शताब्दी तक। आये हैं। स्वाधीनतापूर्णक राज्यशासन कर रोमक-सेनापति पम्पी. रोमकों द्वारा सन् ७० ई०में जेरुसलेम नगरी (Pomps) द्वारा जेरुसलेम नगरी अधिकृत हो गई तथा : ध्वंस है। जाने के बाद यहूदियोंने विभिन्न स्थानों में भाग वहांके यहूदी रोमशक्तिके अधीन हो गये। ईसासे ६३, कर अपनी जान बचाई । तवसे ४० वर्षों तक उनमें कोई वर्ण पूर्वको यह घटना है। इदुमीय जातीय हिरोद दि प्रेट उल्ल खनीय घटना न हुई। रोमकोंने जेरुसलेम नगरीके नामक एक वैदेशिकने रोमिकोंसे यदियाका राज्य-शासन संस्कारमै वाधा देनेके लिये यहां सेना रख कोटी प्रहण किया । यहूदियों पर अपनी राज-शक्ति अक्षण्ण, यहदो अपने नगरसे भाग कर भी अपने दलको पनि रखनेका इसे आदेश मिला था। इसीके राज्यकालमें | करते रहे। इसके बाद ये जेरुसलेम नगरीकी चहार- महात्मा ईसाका जन्म हुआ। हिरोदको अत्याचार- दोवारोके भीतर आ कर अपनी यस्तो कायम करने कहानी और वेथलहेमके अधिवासियोंका (Children लगे। of Bethlehem ) हत्याकाण्ड चिरप्रसिद्ध है। ___नगरके ध्वंस होनेके प्रायः माधो शताब्दी वाद ____हिरोदकी मृत्युके वाद युदा रोमसाम्राज्यभुत और | युदियावासी फिर विद्रोही हो उठे। इस समय वार्गों पेलेटाइन राज्य आर्किलाउस, अन्तिपास और फिलिप | खां नामके एक आदमीने मेसाया रूपमें आवित हो नामक उसके तीन पुत्रों में विभक्त हुआ था। आर्किला. विद्रोहि दलका नेतृत्व ग्रहण किया और दैवज्ञ आकिवा उस युदिया, इदुमियों और समरियाका शासनकर्ता तथा उसके सहायकरूपसे उपस्थित हुआ था। अन्तिपास और फिलिप यथाक्रमसे गेलिली और त्रिको सम्राट् ट्रेजानके राज्यकालमें भूमध्य सागरके किनारे. नाइतका नायक हुआ। कई शासनकर्ताओंक वाद पंटि के अधिवासी सभी यहदियोने रोमकों के विरुद्ध हथियार यास पिलेटने ( Pontius pilate ) जेरुसलेम नगरमें | उठाया। सम्राट् उनको दण्ड देनेके लिये आगे बढ़ा. आ कर एक महल वनवाया । इन्हीं रोमन शाही शासन किंतु शीघ्र ही वह परलोकगामी हुओ । इसके बाद कर्ताओंको अधीनतामें यहदियों की दुर्गति हुई थी। | आडियानके राज्यकालमें जेरुसलममे रोमक उपनिवेश पिलेट के अत्याचारसे उत्पीड़ित हो कर यहूदियोंने रोम-' स्थापन के प्रस्ताव होने पर और इसरोयल-सन्तानोंको Vol. XVIII, 150