पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/६७३

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६७० युगिन्-युग्य युगिन् (सं०नि०) दो। युग्मन् (सं० त्रि०) युग्म, जोड़ा। युगेश (सं० पु०) युगस्य ईशः। वृहस्पतिके साठ वर्ष- युग्मपत्र (सं० पु०) युग्म पत्रमस्य । १ रक्तकांचनवृश्न के राशिचक्र गतिके अनुसार पांच पांच वर्षके युगोंके लाल कचनारका पेड़। २ भूर्ज वृक्ष, भोजपत्रका पेड। ' अधिपति। यह चक्र उस समयसे प्रारम्भ होता है जव | ३ सप्तपर्णवृक्ष, छतिवनका पेड़। (क्लो०) ४ युगलपर्ण, वृहस्पति माघ माससे धनिष्ठा नक्षत्रके प्रथमांशमें उदय वह पेड़ जिसको शाखामें दो दो पत्ते एक साथ होता है। वृहस्पतिके साठ वर्षके कालमें पांच वर्षके | होते हों। वारह यग होते हैं जिनके अधिपति विष्णु, सुरेज्य, वल- युग्मपत्रिका (सं० स्त्रो०) यग्मं पत्रमस्याः ( शेषादिभाषा । भित्, अग्नि, त्वष्टा, उत्तर प्रोष्ठपद, पितृगण, विश्व, सोम, पा ५।४।१५४ ) इति कप, टापि अत-इत्वं । शिशपावृक्ष, शक्रानिल, अश्वि और भग हैं। प्रत्येक युगके पांच वर्षों शीशमका पेड़। के युग क्रमशः संवत्सर, परिवत्सर, इदावत्सर, अनु- युग्मपर्ण (सं० पु० ) युग्मं पर्णमस्य। १ कोविदारवृक्ष, वत्सर और इद्वत्सर कहलाते हैं। कचनारका पेड़ । २ सप्तपर्णवृक्ष, छतिवनका पेड़। युगोरस्य (सं० पु० ) सेनाके सनिवेशका एक भेद । । ३ युगलपन, वह पेड़ जिसकी शाखामें दो दो पत्ते एक युग्म (सं० लो०) युज्यते इति युज (युजिकचितिजांकुध । | साथ होते हों। उण १।१४५) इति मक्। १ द्वय, जोड़ा। पर्याय-युग्मपर्णा (सं० स्त्रो०) वृश्चिकाली, विच्छू नामको लता। द्वन्द्व, युगल, युग। २ मिलन । दो दो तिथियोंके मिलन- युग्मफला (सं० स्त्रो०) युग्मं फलमस्याः।१ इन्द्रचिमिटी। को तिथियुग्म कहते हैं। तिथिक व्यवस्था-विषयमें पहले | २ वृश्चिकाली लता, विच्छू नामको लता । ३ गंधिका। युग्मादर देख तिथिकी व्यवस्था करनी होगी। किस (रत्नमाला) तिथिके साथ किस तिथिका गुग्मत्व है, इसका विषय युग्मफलिनी (सं० स्त्री०) दुग्धिका, दुधिया। तिथितत्त्वमें इस प्रकार लिखा है- युग्मफरलोत्तम (सं० पु०) एक प्रकारका फल। . द्वितीया तिथिके साथ तृतीयाका इसी, प्रकार चतुथीं- युग्मविपुला (सं० स्त्री० ) छन्दोभेद । के साथ पञ्चमीका, पष्ठीके साथ सप्तमीका, अष्टमोके युग्माक्षन (सं० क्लो० युग्मं अञ्जनं कर्मधा० । स्रोतोरञ्जन साथ नवमोका, एकादशीके साथ द्वादशीका, चतुर्दशीके | और सौवीराजन इन दोनोंका समूह । साथ पूर्णिमाका तथा प्रतिपदके साथ अमावस्याका जो युग्मादर (सं० पु० ) युग्मस्य आदरः। तिथियोग द्वारा मिलन है उसीकी युग्म कहते हैं। इस तरह तिथियुग्म तिथिखण्डका आदर। स्थिर फर पीछे उसके कार्य आदि विषय निर्णय करने तिथिको व्यवस्था करनेमें युग्मादर द्वारा ही तिथिको होते हैं। व्यवस्था स्थिर की जाती है। जिस तरह द्वितीया तिथिके ३ मिथुनराशि। ४ अन्योन्याश्रित दो वस्तुए या साथ तृतीया तिथिका युग्मत्व है, किन्तु प्रतिपद्के साथ वातें, द्वन्द्व । ५ कुलका एक भेद जिसे युगलक भी | द्वितीयाका युग्मत्व नहीं। इसलिये प्रतिपयुक्ता द्वितीया कहते हैं। आदरके योग्य नहीं है, लेकिन द्वितीयाके साथ तृतीया युग्मक (सं० वि०) युगलक, जोड़ा। आदरणोया है। इसी प्रकार जिस तिथिके साथ युग्मकण्टक (सं० स्त्री०) वदरीवृक्ष, वेरका पेड़। जिस तिथिकी युग्मता है वही ग्रहण करनेके योग्य है। युग्मज (सं० पु०) युग्मं जायते जन-ड। युग्मजाति, एक | | इस लिये उसे 'युग्मादर' कहते हैं। युग्म देखो। साथ उत्पन्न दो बच्चे। युग्मादरण (सं० क्लो०) युग्मस्य आदरणं । युग्मतिथिको युग्मत् (सं० त्रि०) समान, वरावर। , पुजा या ओदर करना। युग्मधर्मन (सं०. त्रि०) १ मिलनशील, जो स्वभावतः मिलता | युग्मिन् (सं० त्रि०) य ग्मसम्बन्धीय। हो। २ मैथुनधर्म। | युग्य (सं० क्लो०) य गाय हितं युग ( उगवादिभ्यो यत् ।