पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/६८१

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६७८ युद्ध अपनेको छिपा रखना, पराई सेना वा प्रहरीका प्रतिघात | असम ; यह स्थिर कर पक वा एकसे अधिक यह. करना, दो दो तीन तीन वा चार चार एक, साथ हो कर | रचना करनी होगी। युद्धक्षेत्रको अवस्था देख सुन कर पंक्तिक्रममें जाना, पीछे हटना, सामने या पीछेको ओर सेनापति मिश्रव्य हकी रचना कर सकता है। भागना अथवा शत्रुको ओर दौड़ना,इत्यादि अनेक प्रकारके राजाओंके अनेक शत्रु होते हैं तथा दूसरे दूसरे कार्य पूर्वशिक्षाके अनुसार हो करेंगे, कभी भी इसका राजाओंके साथ उनका हमेशा युद्ध हुआ करता है। अन्यथाचरण न करें। इसलिये उन्हें एक एक दुर्गम्य स्थान प्रस्तुत रखना . प्यू हस्थित सैनिक अव्यर्थताके लिये पहले कुछ आवश्यक है। यही सव दुर्गम्य दुर्भेद्य स्थान दुर्ग आगे दौड़ कर बादमें कुछ पीछे हटे और अस्त्रत्याग कहलाते हैं। यह राजाओंकी एक प्रधान सम्पद है। करे। अस्त्र फेक कर सैनिक वह खड़ा न रहे, वरन् । राजा दुर्गमें रह कर वड़ी सेनांके साथ युद्ध कर सकते पीछे हट जाय । शत्रुको जव बैठा देखें, उसी समय उस- हैं। दुर्गका विवरण दुर्ग शब्दमें देखो। के नजदीक जा कर अस्त्र छोड़े। युद्धकालमें राजा वा सेनापति बार वार उत्साह- शुक्रनीतिमें व्य हुरचनाका विषय इस प्रकार लिखा। वर्द्धक वाक्य द्वारा योद्धाओंको उत्तेजित करते रहें। • है-राजा वा सेनापति जैसा सङ्केत करेंगे, सैनिक तद वोरगण उस वाक्यसे उत्तेजित हो हथेली पर प्राण रख नुसार चाहे एक एक, दो दो या चार चार करके शिक्षा• कर युद्ध करें। नुरूप आगे बढ़े। वालू जिस प्रकार आकाशमें पंक्तिक्रम, रणमें जयलाभ होनेसे राजा योद्धाओंको पारितो. से भ्रमण करता यानि उड़ता है, युद्धस्थान और सैन्य- षिक दें, इसका विषय यों लिखा है, रणक्षेत्रमें योद्धा वलकी विवेचना कर उसी प्रकार क्रौञ्चन्यू ह करना यदि सेनापतिके आज्ञानुसार कार्य करे, तो राजा उसका होगा । वगुला जिस प्रकार दल बांध कर उड़ता है, उसी आदर सबके सामने उसकी प्रशंसा तथा पारितोषिक प्रकार यह कई दलोंमें सजाया जाता है, इसोसे इस घ्यूह प्रदान करें । जो शूर शत्रु राजाका वध करता है, राजा को क्रौञ्चन्य ह कहते है। प्रसन्न हो कर नियत खर्व (सुवर्णमुद्रा) प्रदान करे। . श्येनव्यूह-पंक्तिकमसे इसको प्रोवादेश सूक्ष्म, पुच्छ युवराज वा प्रधान सेनापतिका वध करनेले उसका देश मध्यम, दोनों पक्ष स्थूल करना आवश्यक है । श्येन आधा, अक्षौहिणी-पतिका वध करनेसे उसका आधा, ध्य हका पक्ष विस्तृत गला और पुच्छ मध्यम तथा मुख मन्त्री वा प्रधान अमात्यका वध करनेसे उसका भी श्येनपक्षोकी तरह होता है। आधा पुरस्कार देना उचित है । अनीकिनी, चमू, ___ मकरव्यूह-चतुष्पदाकार, वक्त्रदेश स्थूल और दीर्घ पृतना, वाहिनी, गण, गुल्म, सेनामुख और पत्ति इन तथा ओंठ द्विगुण होते हैं। सूचीब्यू हका मुख सूक्ष्म, सव अधिपतियोंका वध कर सकनेसे अद्ध क्रमसे पारि- दीर्घा और समदण्डाकार तथा रन्ध्रयुक्त होता है। तोषिक देना चाहिये। . चक्रव्यूहका मार्ग अर्थात् प्रवेशयोग्य पथ एक है। वह जितनी बार रणयात्रा होगी, प्रत्येक यातामें राजा ८ कुन्तलाकृति पंक्ति द्वारा घिरा रहता है। सेना और नौकरको भोजन और वस्त्र अपने कोषसे देखें। . सर्वतोभद्रके चारों ओर ८ परिधि रहती है। इसमें किन्तु जब रणांदि नहीं होंगे, तब उन्हें केवल वेतन प्रवेशद्वार नहीं रहता। यह वलयाकृति ८ पंक्ति द्वारा मिलेगा। निर्मित और गोल है। सभी ओर इसका मुंह रहता . दूसरेके राज्यको जीत कर जो सब माल हाथ लगेगा है। शकटव्यूह शकटाकार और व्यालन्यू ह. सर्पा- राजा उसका आधा खयं ले और आधा सैनिकोंको कार होता है। इस प्रकार अन्यान्य व्यू ह भी अन्यान्य | बांट दें। जन्तुओंके आकारविशिष्ट होते है। | किसो सैनिकके रणक्षेत्रमें प्राण त्याग करनेसे राजा • शव सैन्य कम है या ज्यादा तथा रणभूमि सम है वा उसके परिवारको मासिकवृत्ति दें। किसीके घायल