पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/६९३

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६६० यूनक-यूपातुति यू नक (सं० पु०) जरीकी खली। । कलिकालमें विल्व और बकुल वृक्षका यू प प्रशस्त यूनाइटेड (अ० वि० ) मिला हुआ, संयुक्त। यू नान-एशियाके सबसे अधिक पास पड़नेवाला यूरोप- "विल्वस्य वकुलस्य व कलौ यू पः प्रशस्यते ।" का प्रदेश। यह प्राचीनकालमें अपनी सभ्यता, शिल्प- | (सामवेदि-वृषोत्सर्गतत्त्व) कला, साहित्य, दर्शन इत्यादिके लिये जगत्में प्रसिद्ध | २जयस्तम्भ, वह स्तम्भ जो किसो विजय अथवा था। आयोनिया द्वीप इसी देश के अन्तर्गत था जिसके | कीर्ति आदिको स्मृतिमें बनाया गया हो। निवासियोंका आना जाना एशियाके शाम, पारस आदि यू पक (सं० पु० ) प्लक्षवृक्ष, पाकर नामका पेड़। देशोंमें बहुत था। इसीसे सारे देशको ही यू नान कहने | यू पकटक (सं० पु०) यू पस्य कटक इव । लोहे या लकड़ी लगे। भारतीयोंका यवन शब्द यू नान देशवासियोंका | का कड़ा या छल्ला जो यू पके सिरे पर अथवा नोचे हो सूचक है । सिकन्दर इसी देशका बादशाह था। होता था। यूनानी ( हिं० वि० ) १ यूनान देश सम्बन्धी, यूनानका।। यू पकर्ण ( स० पु०) यू पस्य कर्ण इव। यू पैकदेश, (स्त्री०) २ यूनानदेशको भाषा। ३ यूनान देशका यूपका वह भाग जो घृतसे अभिषिक्त किया जाता था। निवासी । ४ यू नानदेशको चिकित्सा-प्रणाली, हकीमी।। यू पकेतु ( स० पु० । भूरिश्रवाका एक नाम । पारस्यके प्राचीन बादशाह अपने यहां यू नानके चिकि यू पदारु ( सं० क्लो०) यू पनिर्माणार्थ बेल या गूलरकी त्सक रखते थे जिससे वहांकी चिकित्सा-प्रणालोका लकड़ी। प्रचार एशियाके पश्चिमी भागमें हुआ। इस प्रणालीम क्रमशः देशी चिकित्सा भी मिलती गई। आजकल जिसे यू प ( स० पु०) यू पाय द्र। खदिर वृक्ष, खैरका पेड़। यूनानी चिकित्सा कहते हैं वह मिली जुली है । खलीफा लोगोंके समयमें भारतवर्षसे भी अनेक वैद्य बगदाद गये यू पद्रुम (सं० पु०) यू पाय द्रुमः । खदिर वृक्ष, लाल खैरका पेड़। थे जिससे बहुतसे भारतीय प्रयोग भी वहांकी चिकित्सा- औषधमें शामिल हुए। यू पध्वज (सं० पु०) यज्ञ । यू नी (सं० स्त्री०) १ योग। २ मिश्रण, मिलावट । यूपलक्ष्य ( स० पु० ) यू पो लक्ष्य उपवेशनार्थमस्य । पक्षो। यूनिवर्सिटो (अ० स्त्री० ) वह संस्था जो लोगोंको सब | प्रकारकी उच्च कोटिको शिक्षाएं देती, उनकी परीक्षाए। यूपवत् ( सं० त्रि०) यूप-अस्त्यर्थे मतुप मस्य व। यू.प. लेती और उन्हें उपाधियां प्रदान करती हैं। ऐसी संस्था विशिष्ट, स्तम्भयुक्त। चा तो राजकीय हुमा करती है अथवा राज्यको आज्ञासे यू पवाह ( स०नि०) यू पवहनकारी, यज्ञीय यूप ढोने- स्थापित होती है ; और उसकी परीक्षाओं तथा उपाधियों घाला। आदिका सव जगह सामानरूपसे मान होता है, विश्वः यूपत्रस्क (सं० त्रि०) यूपार्ह वृक्षछेदनकारी, यक्षीय यू पके विद्यालय। लिये पेड़ काटनेवाला। य नी (सं० स्त्रो०) युवन ङीष् (श्वयुवमधोनामतद्धिते। पा यू पा (हिं० पु०) जूआ। ६।४।१३३) इति वस्य उत्वं । युवती। | यू पाक्ष (सपु०) रावणको सेनाका एक मुख्य नायक यू प (सं० पु० क्लो० ) यौति मिश्र-यतीति यूयते युज्यते. | जिसको हनुमानने प्रमदा वन उजाड़नेके समय मारा था। ऽस्मिन्नति वा (कुयु भ्या च। उण ३२७) इति प, दीर्घः | यू पान (स'० फलो०) यू पस्यान। यूपका अप्रभाग या त्वञ्च। १ यज्ञमे वह खम्भा जिसमें वलिका पशु बांधा | यूपा जाता है। यह यू प चार हाथ लम्वा गूलरके पेड़का बनाना चाहिए। इसे गोल, मोटा और सुन्दर बनाना यूपातुति (सं० स्त्री०) वह कृत्य जो यज्ञमें यूप गाड़नेके समय उचित है। इसके सिरे पर एक सांड़ अंकित करे। । किया जाता है। सि