पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/७०७

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७०४ येजद्-येमेन येजद्-खुरासानके अन्तर्गत एक विभाग और उसका वीरभद्र मन्दिर वहुत पुराना हैं। १८३० ई०में मन्दिरको प्रधान नगर। यहांके अधिवासी बहुत पहलेसे भारतमें मरम्मतके समय उसकी गठनमें बहुत कुछ परिवर्तन आ कर रेशमका वाणिज्य करते हैं। यह नगर पारस्य- हुआ है। महाशिवरात्रि त्योहारके दिन यहां एक मास के मरदेशके बीच 'ओयेसिस' कहलाता है। यहांके | तक एक मेला लगता है। १७५४ ई० में पेशवा वालाजी अधिवासी प्रधानतः मुसलमान, सूर्योपासक और बाजीरावने यहा दलवलके साथ आ कर छावनी डाली यहूदी हैं। थी। १७६० ई०में परशुराम भाउ-परिचालित कप्तान येज्देगई ३य-पारस्यके अन्तिम राजा। ये खलीफा लिटलके अधीनस्थ अंगरेजी सेना टीपू सुलतान पर ओमरके पुत्र अबदुल्ला द्वारा पराजित हुए थे। उनके | चढ़ाई करनेके लिये इसी स्थान हो कर गई थी। सेनापति रुस्तमने ६३६ ई०में कदेशियाका युद्धमें अरबी येदेतोर-१ महिसुर राज्यके अन्तर्गत एक तालुक । भूपरि- सेनाको खदेड़ा था। अन्तमें रुस्तमके मरने पर अर| माण १६८ वर्गमील है। बियोंने शसनियोंका छत्र और युद्ध में जयो हो कर असि- २ उक्त उपविभागके अन्तर्गत एक नगर । यह रोयराज्य और टेसिफोन दखल कर लिया। यलुना और अक्षा० १२२८ २०” उ० तथा देशा० ७५ २५/२० नहबन्द लड़ाई में हार खा पेजदेगई ६४१ ई० में भाग गये। पू०के मध्य कावेरी नदीके किनारे अवस्थित है। यहांका इस समय पारसिक राजशक्ति क्षीण हो गई। नहबन्द- | अर्केश्वर मन्दिर देखने योग्य है। नगर मिदियकी राजधानी हकवतान नगर पर स्थापित | येहतुर-महिसुर राज्यके अन्तर्गत एक नगर । यह कावेरी नदी के किनारे अवस्थित है। यहां नदीतट पर एक सुन्दर ___ उद्धत अरवगण रुस्तमके भाई इसफान्दियरकी सहा- | मन्दिर है। यताले पारस्यराजका पीछा कर अक्षु नदीतीर तक चले | येनूर-मद्रासप्रदेशके दक्षिण कनाड़ा जिलान्तर्गत एक गये। राजा बोन सम्राट् और खाकन तुर्कोको सहायता| नगर । यह अक्षा० १३१३० उ० तथा देशा० ७५११५ पा कई वर्षों तक लड़ता रहा । अन्तमें तुकै लोग उन्हें । पू०के बीच पड़ता है। यहां ३८ फुट ऊंची एक जैनकी छोड़ चले गये। ६५२ ई०में अरबियोंके भयसे पलायमान | प्रतिमूर्ति है। राजा एक कुटीमें कठोरतासे मारे गये। उस समय येन-सातारा जिलेके अन्तर्गत एक नदीप्रपात । खलीफा ओमान आठ वर्ष तक राज्य करते रहे। फदरे-बम्बईप्रदेशके अमदनगर जिलान्तर्गत एक नगर। येजिद् श्म--ओम्मय वंशीय द्वितीय राजा। उन्होंने अली. पाववत्तीं पर्वतमें महाकालीके उद्देश्यसे बनी दो के पुत्र हुसेनको कला-रणक्षेत्र में मारा था। इसलिये | गुफा है। पारसिक लोग उसकी बड़ी निन्दा करते थे। उनके अधि. येमेन-अरवदेशके दक्षिण-पश्चिम कोणमें अवस्थित एक कारमें मुसलमानोंने समन खुरासान और ख्वारजम प्रदेश । इसके पश्चिम लोहितसागर और दक्षिण में भारत- प्रदेशमें आधिपत्य विस्तार किया था। ये एक सुवक्ता और महासागर है। भूपरिमाण ७० हजार वर्गमील है। कवि थे। हाफिज समय समय पर उनकी कविता उद्धत इस स्थानका उत्तरी अश पहाड़ी है तथा दक्षिण कर गये हैं। ये ६८० ई०में राजसिंहासन पर बैठे और समतल भूमि तेहामा कहलाता है। दक्षिणविभाग मरु 'तीन ही वर्ष बाद ६८३ ईमें परलोक सिधारे। स्थान होने पर भी समुद्रके किनारे बहुतसे वाणिज्य- पेजिद् श्य और ३य-ओम्मयवंशके नवें और दश प्रधान नगर हैं। उन नगरोंमेंसे तरसेन, लोहार, वैत. खलीफो। एल-फकी, मोचा, जेविद, आजिया, नेजरान, हामदान येजिदि-यूमोटिस नदीके किनारे रहनेवाली एक मुसल. और सान आदि नगर उल्लेखनीय हैं। इनमें से कुछ तो मान जाति। उपकूलवत्ती प्रवालद्वीपमें और कुछ एक एक उपविभाग- येदुर-कृष्णानदीतीरवती एक प्राचीन नगर। यहांका | के सदररूपमें गिने जाते हैं।