पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/८७

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मुद्रीयन्त्र है। इस यन्त्रसे अक्षर ढाले और कम्पोज भी किये | है। अगरेजी वर्णमालाके भविश्यक अनुयायी परि- जाते हैं। माणकी गणना कर उस साटके अक्षरोंको संख्या निणींत ___ यूरोपीय वैज्ञानिक मुद्रक मुदातन्त्रको सर्वाङ्गीन हो चुकी है। इङ्गलैण्डके हाउस अफ कामनको एक उन्नति कर चुके हैं। हिन्दी या अन्य किसी भाषामें | विस्तृत वक्तृता अवलम्बन कर अंग्रेजी भाषामें जो जो ऐसा यन्त्र अभी तक तय्यार नहीं हुआ है। अंगरेजो अक्षर जितना हुए थे, प्राचीन मुद्रक बहुत परिश्रमके या अन्य यूरोपीय वर्णमालामें कुल २६ अक्षर हैं। युक्ता । फलसे एक फिहरिस्त संग्रह कर अक्षरोंके साटके .क्षर, १.२ आदि संख्या, .; अदि चिह्न तथा अपर और निर्णय करनेमें समर्थ हुए हैं। किन्तु सव विपयोंमें उस लोअर केसका कैप और स्माल कैप और बड़ा टाइप माटके अक्षर समान भावसे नियोजित नहीं होते। बड़े लेकर कुल १५१ खाने होते है। इससे टाइप राइटरको आश्चर्यका विषय है, कि इग्लैण्डके विख्यात औपन्या- तरह थोड़ी चावियों को सजाने में कोई विशेष असुविधा सिक Charles Dikens की पुस्तकोंके कम्पोज करने । नहीं होती। संस्कृत तथा हिन्दी आदि भाषाओं में प्यञ्जनवर्णाक्षर (Consonants) व्यवहार के पूर्व स्वरवर्णा- अक्षरोंकी संख्या अधिक है, इससे चावीवाले यन्त्रसे इन क्षरों ( Voirelts ) को कमो हो गई। इसके विपरीत भाषाओंका काम न चलेगा। यद्यपि अन्यान्य मापाओं- । राजनीति विशारद Lord Altcaular की गाम्भीर्य- की अपेक्षा हिन्दी भाषाका भादर दिनों दिन वढ रहा मयो भापाके ( statelier style) खरवर्णके खाने है, फिर भी इस समय इसका अंगरेजीके अनुरूप चावी- स्त्राली होनेसे पहले व्यञ्जन वर्णके अक्षर कम्पोजमें लग वाले यन्त्रको तय्यार करना असम्भव-सा दिखाई दे रहा जाते हैं। इसके द्वारा यद्यपि अक्षर मालाको प्रयोजनो- है। लोग कहा करते हैं, कि अंगरेजोंके राज्यमें कभी । यता सुस्पष्ट रूपसे निरूपित की जा नहीं सकती यह · सूर्यास्त नहीं होता। ऐसे विस्तृत साम्राज्यमें अंगरेजी सत्य है, किन्तु फिर भी जिस संग्रहसे साधारण मुद्रा भाषाका प्रचार होना बहुत सम्भव है। इसमें आश्चर्यको डूणकायमें सुविधा हो सके, इसके लिये उसका आभास कोई वात.नहीं। | मात्र उक्त साटकी फिहरिस्तमें दिया गया है। . ऊपर कह आये हैं,कि अङ्रेजी अक्षर एक इञ्चके ' अगरेजी अनरमालाको निर्दिष्ट उक्त फिहरिस्तके g ' तय्यार होते हैं। अक्षरसे शब्दयोजना करने पर कुछ और ॥ अक्षर, लेटिन एवं फारसी भापाके व्यवहारके अक्षरोंके अधिक और कुछ अक्षरोंके कम अक्षरको जरूरत हिसावले कम लगता है। ॥ अक्षर बहुत अधिक और स अनावश्यकीय अनुमित होता है। होती है। इस तरह एक साट तय्यार रहता है। इस | कभी कभी अक्षरोंको संख्या वजनके हिसावसे हो साट (Fount) में कितने टाइप रहते हैं, उसकी फिह- निणीत होती है। ढलाई करनेवाले साट निर्देशके लिये रिस्तको अङ्ग्रेजीमें Bill of type कहते हैं। इस तरहको एक नई प्रथा (Schemes) निकालो है । १२५ किसी किसी कारखाने ( Foundry )में उपरोक्त पाउण्डके अन्दाजसे रोमन अक्षरोंके एक साटमें १० निर्दिष्ट साटमें ( Fount ) परिवर्तन दिखाई देता है । वे पाउण्ड वजन इटालिक हरफ, E, AI, C. ८ आउन्स, 1 1 = ८५००, c= १२०० आदि घटा कर १, २, अड्डोंको | नौ आउन्स E,८पाउण्ड, a h mot प्रत्येक ५पाउण्ड अधिक दिया करते हैं। इससे जोव (Job ) कायमें | इस प्रकार क्रमशः २३ औंस तक लेनेसे साट पूरा होता है। विशेष सुविधा होने पर भी पुस्तकमुद्रण योग्य अक्षरोंकी छापनेके लिये एक पाण्डुलिपि मिलने पर पहले कमी हो जाती है। इसी कारणसे सब सुविधाओंके यह जान लेना आवश्यक है, कि किस टाइमें कम्पोज लिये एक तरहका नया साट तय्यार हुआ है। होनेसे किताव अच्छो निकलेगी। पीछे उस पाण्डुलिपिका इस साटमें पाइका अक्षर ७५० पाउण्ड (Ibs) लोग कुछ भाग कम्पोज करके एक पेज वांध लेना चत है ! प्राइमर-४८० पाउण्ड, बर्जेस ४००, ब्रिभियर ३३०, पाण्डुलिपिके कितने पृष्ठ कम्पोज होने पर एक पेज हुआ, मिनियन २८० और ननपेरेल २२० पाउण्ड वजनमें होता स्थिर करके उसके द्वारा मूललिपिके पृष्ठोंमें भाग देनेसे पृष्ठ