पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टादश भाग.djvu/९१

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मुद्रायन्त्र (a code of the instruction for the guidance of | कृरोंने कानून निकाला कि, 'राजकर्म में नियुक्त साधारण editos ) को अतिक्रम कर भारतीय संवादपनके सम्पा- भद्रव्यक्ति (civil ), सैनिक वृत्तिधारी (military ), दक लोग नियम-लड्नके अपराध अभियुक्त हुए हैं। चिकित्सा-व्यवसायी ( medical ) अधया धर्माध्यक्ष अतएव उनका इस अत्याचारका दमन करनेके लिये ( ccclesiastical ) मान ही किसी संवादपत्रके खत्वा- पार्लियामेण्टके आदेशानुरूप एक अतिरिक्त शक्ति । धिकारी हो सकते हैं, सम्पादक वा उसका अशीदार (additional powers) काममें लाई गई है।" सौभाग्य नहीं हो सकते। जो कोई इस नियमका उल्लङ्घन करेगा का विषय था, कि पार्लियामेण्टको सलाह लेनेसे पहले, उन्हें ७ मासके अन्दर कर्मच्युत और भारतवर्ष. हो कोर्ट की प्रार्थना कार्यमें परिणत हो गई। से विताड़ित क्रिया जायगा।' ऐसो कठोर दण्डाज्ञाके लार्ड हेष्टिग्सके स्वदेश लौटने पर कौंसिल के प्रधान प्रचार होनेसे श्रीरामपुरके मिशनरी-सम्प्रदायने राजद्रोह मेग्यर मिः एडम्सने कुछ दिनके लिये भारत-प्रतिनिधि- सूचक कोई भी प्रबन्ध समाचारदर्पणमें प्रकाशित नहीं • का पद ग्रहण किया। हेटिंग्सके शासनकालमें कलकत्ते किया । उन लोगोंका यह निर्लिप्त भाव देख कर लार्ड के मासिकपत्रके सम्पादक मिः जेम्स सिल्क पाकिहम आमहीं उक्त पत्रिकाको वद न कर सके। द्वारा सम्पादित Calcutta Journal नामक पत्रिकामें , इसके बाद भारत प्रतिनिधि लाई आमहष्ट ने उक्त राजनीतिके प्रतिपक्षमें बहुतसे राजद्रोहसूचक प्रबन्ध पत्रिकाको पारसी भाषामें निकालनेको बहुत कोशिश प्रकाशित हुए। भारत-प्रतिनिधि एडम्सने उक्त संपा- को। उन्होंने मुद्रायन्त्रको जो स्वाधीनता छोन लो थी, दकको दो वार अच्छी तरह लांछित किया था सही, किन्तु उसके लिये घे वहुत दुखित थे। पत्रिकाको बंद करनेकी उनकी विलकुल इच्छा न थी। कम्पनीको १८१३ ई०को सनदके अनुसार लाख अंगरेज शासनाधीन चाहिम भारतवर्षसे भगाये गये, रुपये लार्ड विलियम वेण्टिङ्गके शासनकालमें १८३३ ई० परन्तु पत्रिकाका भार एक भारतवासी यूरोपोयके हाथ तक पुस्तक छापने और विद्यालयको सहायता देनेमें खर्च सौंपा गया था। इसी कारण वृटिश-सरकार उन्हें । हुए थे। इसके बाद 'तिनिधि सर चार्ल्स मेटकाफ राज्यसे वहिष्कृत न कर सकी। इस समय इसी ढंग १८२५ ई के सितम्बर मासमें मुद्रायन्त्रको स्वाधीनता पर गहरेज कर्मचारी द्वारा परिचालित John Bull नाम , प्रदान कर देशी लोगोंके निकट पूजनीय हो गये हैं। से एक दूसरी पत्रिका प्रकाशित हुई। उनके प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिये लोगोंने कलकत्तंमें ___ इसके बाद ऐसी राजविद्वे पो पत्रिकाको भी बंद कर 'मेटकाफ हाल' नामक पुस्तकालय रोल कर उनके देनेकी इच्छासे महामति एडम्सने मुद्रातन्त्रके नये नामको चिरस्मरणीय कर रखा है। इसके पहले संवाद नियमों ( New Press law ) को परिवर्तन कर मुदा- पत्रके सम्पादक अपने इच्छानुसार कुछ भी लिख नहीं यन्त्रको स्वाधीनता छीननेकी कोशिश की । लाई | सकते थे तथा गवएट द्वारा नियुक्त कर्मचारी जब तक आमहटने कलकत्ता पदार्पण करते ही इस आईनके जांच नहीं कर लेते थे, तब तक कोई भी प्रस्ताव प्रका- सम्बन्धमें बहुत जांच पड़ताल की । १८१५ ई में | शित नहीं होने पाता था। उन्होंने कलकत्ता जरनलके सम्पादक मि० आनटको नये . २य और ३य अफगान-युद्धके बाद लाई लोटनने कानूनके अनुसार अभियुक्त कर भारतवर्षसे निर्वासित फिरसे देशीय संवादपत्रोंकी वाधीनता छीन कर नया किया। इसके कुछ समय बाद ही लण्डन नगरमें | कानून ( Press Act वा Gagging Act ) जारी किया। प्रकाशित एक पुस्तिका (Pamphlet )-के मूलांशको १८८१ ई०में अगरेजी सेनाके काबुलमें शृङ्खला-स्थापन दोषावह समझ कर उन्होंने उस पत्रिकाका निकलना कर लौटने पर लार्ड रीपनने संवाद पत्रोंको फिरसे बंद कर दिया तथा स्वत्वाधिकारीको बहुत जेरवार, स्वाधीनता प्रदान की। इसके लिये भारतवासी उनके ‘किया। इतने पर भी संतुष्ट न हो कर कोर्ट आफ दिर- बड़े कृतज्ञ हैं । अनन्तर मुद्रायन्त्रको स्वाधीनता छीननेके