पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/१९६

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वायुविज्ञान भाग। इस सरह प्राणिजगत् नित्य पापुरागिः। मायना, तम्बाका धुओ. पन मोर उत्नन किया को कायोमिक एमिट बरादूषित कर देता है। किन्तु | (Putretaction and re nientation) यस्तियों को दिया प्रतिष मुन्दर विधानसे उभिदु जगत् इस यिपयम् । जला। मायर्जना और मैलागाहो, मिट्टीमे मर दिघे ग . यापोय पदार्थको अपने कार्यों में पराहत कर पायु | तालावक ऊपरीभूमिसे यिपयापका निकनगा, पैगाना, प.. ' पिप भारस मुक पर देना तथा उसे निमल बना प्रणालियां मोरोको विडा , गोशाला (गोसार), ग्याल. देता। सबसे पहले इसका उल्लेन किया जा चुका पाड़ा, पशुविकपम्याग, वातार, मेहतरोंका दियो, गौशान है कि कार्योगिक पसिहमय घायु निपेवणसे पया अप-1 कार होना है। जलोपभूमि, कारखाना, (जैसे मोड़ के पारपानेसे हार. प्रश्वाससे परित्यक्त तरह-तरह के यान्त्रिक पदा! इमार दोहोरित पसिम, तायेके कारमानेसे सलपति मोर, ( Organte substance ) द्वारा यायुगति दूषित हो | सलफ्यूरस पमिए और मार्सेनिका धुर्मा, राम जाती। विशाद कार्यानिक पमिडको अपेक्षा प्रश्वास ! पजाये और सीभैएट के कारखानों में कार्यामपसाre स्थत कार्यानिक पसिस मधिक भपकारी है। पाकि पार, शिरोप गौर अस्थि-शहार कारमाने भौर गोसार उसमें यान्त्रिक पदाद मिला रहता है। कलकत्तेको काली : से प्रचुर परिमाणसे याग्निक भरगैनिक ( Organic ) पाउरोको घटना गदि सत्य हो, तो कहना होगा कि उन' पदाच -: पदार्थ, रयड़के कारगानेसे कार्यान-भार सलका प्रति भादमियों को मृत्युका एकमात्र कारण बन्द कोठरी मानो प्रकारको विषमय घायु निकला करती )शामुक पनेरे सादमियों के प्रयास परित्यक्त कार्यानिक एसिट संग्रा, मलिनयनसंह चमड़े के कारमाने और पयसाय... गय घायुका प्रहण हो है । अष्ट्रेलिस युद्ध के अन्तमें जिन ! यत्र आदिके रंगनेफे घर, गिलटो पारने के कारणाने, रा . ' ३०० फैदियोम २६० कैदियों को मृत्यु हो गई गो; यह भी यको धुलि मादि कारणोस शादरको पागु दूषित दोनो मी कारण हुई यो। ऐमो किानी हो ऐतिहासिक " रहती है। इसके बाद रोगजीयानो (pathogenic ger. घटनामों का उल्लेप किया जा सकता है। फलतः नश्याम imes) से पायुके दूपिम होगेका सा दर मारहमा है। शहरफे गेसाँग प्रकाशसं गो घायु अपित होती रहती है। परित्यक वायु मयदर विष्मय पदार्थ है, इम यातका ! इन सब कारणों यायु दृषित होती और उसो पापुणे ध्यान समीको रमाना चाहिये। किमी घरमें यह यायु। | निषेवणसे नाना प्रकार के रोग देहम अपम हो जाने के मशिन दो, तो याद घर दुर्गन्धमय हो जाता है। यदि उम परफे लोगोंकी उस दुर्गन्धा अनुभव न हो, तो ग सही.' C! कारण शारीरिक स्पाम्प नए हो जाता है। मोर गोपा ": इस दूषित पाप से सामान रोग भी किन्तु यादरसे भाये दूसरे पादमीको उम दुर्गन्ध अनु । राय भय मोन दी हो जाता है। नन्न घाम पानेरे मनुष्का होते हैं। यायुमै योदल्यान को तरहक रोगोत्पादक पच गयस्थान या कोनहितकर है। सिया इसके । दमागे पदार्थ भरे पड़े। समापदायीको गेयोंस में फायनि-अम्माट, कार्यान मार-माला सामोनियम दम्पने परमी दम इनके प्रमाय गाना नरपे सीके माए, नाइट्रिक मोर नाट्रिकसमिस, काम्दोल, धून रोगोंसे भारतमा कागे। प्ररपे गृहम पपिपलियामकोप, उगिग्व, उर, रेशमनप यादकता पातका ध्यान ना माहिये, शिमरे इन मा पिन माको धूमि, लोहाणा और नागा प्रसारण. जोयागुभों गदाशी पायुराशि पिन न होने पाये। मनोय पाया पारा पायु दूषित होता है। नामाप्रश्याम. पय प्रणालीश पायोलमा वाणिमा ध्यापिकी मायांना यायुमै भोर मी एका रिपाई देता है--उसका . आदि 3 मा प्रकाशमे पायुफे दुषित होनेहा गुम माम सीपया गाय गान भौर समे कारण। मताधिक परिमापसे जाटोपगार मिला रहा । मोरे मेरे सा मुस्यो पापम जान पाएका परिणत होगा। पर । फरवार्मकामा गोर यामा, पाणिज्य पाायका यागनिमें मिल रहा है।