पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/२२३

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'वारणावतक-यापक भ्रातामों के साथ छावेशमें गड़ा पार कर गये। कुछ शुभ बतलाया है। राजाका गभिषेक, राजाको यात्रा, रा. लोग इसे करनाल के मासपास मानते हैं और कुछ लोग कार्य और राजदर्शन तथा अग्निकार्ग आदि रपियारफो इलाहायाद जिलेफे हडिया नामक स्थानके पास। |हो प्रशस्त है। भेदाभिघात, सेनापतियों का राजाहा. यारणावतक (सं० त्रि०) घारणावतसम्बन्धोय, धारणा• पालन और पुरवासियोंका दएड इत्यादि पन्द्र प्रहारफे घितवासी। व्यायाम आहार गल्प इत्यादि तथा चोरीका काम मङ्गल. यारणाहय ( स० पु०) धारणसाहय, इस्तिनापुर। धारको ही शुभ है। यारणोय (सं०नि० ) घ- णिनीयर। १ प्रतिषेध • स्थापन करना दा कार्य समाप्त करना, पुण्यकर्मादि योग्य। करना, गृहप्रयेश, हाधीको मयारी, घोड़े की सवारी, "धारणेन्द्र (60पु0) उत्कृष्ट हस्ती, 'सुन्दर हाथी । प्रामप्रवेश तथा नगर मौर'पुरप्रवेश शनिवारको ही शुभ 'पारतन्तय (सं० पु० ) परतन्तुके गोत्रापत्य । कहा गया है। 'पारतन्तबीय (सं० पु०') यरतन्तुरचिन । (पा ४।३।१०२) | घारफेर (हि. खी० ) १ निछापर, पलि। २ यह रुपयश वारतीय (दि. स्त्रो०) घेश्या, यह शब्द केवल पच पैसा जो दुल्हा या दुलहिनफे सिर पर घुमा कर डाम- प्रयुक्त होता है। । नियों को दिया जाता है। पारन (स फ्लो०) वरना-अण। धर्मपन्धनी । | पारवाण (सं० पु० को०) चार धारणीय वाणं यस्मात् । 'पारत्रक (सं०नि०) वरलादेश-भय, घरलासम्बन्धीय 1] फ क, 'वखतर। पारद (दि.३०) बादल, मेघ। पारयुपा (सं० स्त्री० ) पारप्पयुषा देखो। धारदात (1० स्त्री०) दुर्घटना, कोई भीषण या शोचनीय चारमासीय (सं० पु०) पारद मासके अनुटप कार्ग, (कोण्ड। २मार फाट-दंगा पसाए । '३ घटना सम्बन्धी 'चारह मासको अबस्था। समाचार। . पारमास्या ( स० स्त्री० ) धारमानीय देखो। 'पारधाम (स पु०) पौराणिक जनपदभेद, इसे यारधान यारमुली (सं० सी० ) यारागना, घेश्या । भी कहते है। यारमुख्या (स० स्रो०) पारेषु घेश्यासगृहेषु मुग्ध्या धारन (हि रखी निछावर, पलि। यह शाद फेयल Jष्टा । श्रेष्ठ याराङ्गना । (मागवत० ६१३३३८) गध प्रयक्त होता है। बारम्बार (स. अय०) पुनः पुना, फिर फिर। 'याग्ना (दि.० कि० ) १ निछायर करना; उत्सर्ग करना। यारयितथ्य (सं० त्रि०) प्रतिपेध योग्य, निवारण करने (पु०)२ उत्सर्ग, निष्ठाघर । 'दायका .' धारमारो (सं० "स्त्री०) धाराङ्गना, घेश्या। . धारयिता (स.पु०) धारयति दुनोंतरिति यूणिच-तथ् । पारमितम्यिनी (सं० बी० ) चारनारी, घेश्या। पति, स्वामो। पारपार (हि.पु.)१ नदी यादिका यह रिनारा गौर पारयुवती (संकरी०) घेश्या, रंयो। या पिनास, 'भार पार। ( मप०) २ इस किनारे । चारयोपिस् ( स० सो० ) यारनारी, येश्या। से उम किनारे तक। ३ एक पाय से दुसरे पाय तक, पारयच (स'०.वि.) पायनि-आण । बरचिएस प्राय । एक बगलसे दुमरी बगल तक। वारल-एक प्राचीन बड़ा प्राम। (दिग्विजयमकाय) यारपाशि (म0पु0) पौराणिक जनपदभेद। वारला (स. स्त्री०) पार लातीति ला-क। १ पाया, यारपाय (सं० पु.) चारपाशि देखो। . | गंधिया कोड़ा। राजहमी। ३ कदली, फेला। गारफल (म० ) प्रणिधारका शुभाशुम निर्देश। पारलोक (संपु०) यल्पना तृण, वगम्स ! सोग, सुभाः मार दम्पनिपार समी काम शुग है, किन्तु यायक-एक छोटो गदी। यह देख पर्यंतसे निकलो शनि, रथि मौर महरचारको किसी किसी काम के लिये है। इसका पर्तमान गाम यार की है। . .