पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/२७१

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वासुदेवासुदेवप्रिय । २५ ध्यान करे । पीछे भायाहन और नियमपूर्णक पोडशोप १२ न्यायरत्नावली नामक न्यायसिद्धान्तमञ्जरीके बारसे पूजा करकं पञ्च पुष्पाञ्जलि द्वारा आवरण और टीकाकार । देवताको पूजा करनी होगी। जैसे-अग्नि, नैऋत, वायु १३ न्यायसारपदपक्षिकाके रचयिता। . ... और ईशान इन चार कोनों में, मध्यमें तथा पूर्वादि चारों १४ परोक्षापद्धति नामक स्मार्सप्रन्थः प्रणेता। , दिशा , मो हुद्याय नमः, ओ शिरसे स्वाहा, गों। . १५ एक चैयाकरण । माधवीय धातुति इनकी . शिखायै वषट, ओं कवचाय हुँ, ओं नेत्रत्रयाय वौपट , इस मत उद्धृत हुआ है। पञ्चाङ्गकी पूजा करके शान्त्यादि शक्तिके साथ वासुदेवादि १६ श्रीमद्भागवतके १०म स्कन्धको बुधरजिनी और केशयादिकी पूजा, पीछे इन्द्रादि और वनादिको नाम्नी टोकाके रचयिता। पूजा करके धूपादि विसर्जन तक सभी कर्म समाप्त करने १७ वास्तुप्रदीप नामक वास्तु सम्बन्धीय प्रय होते हैं। यह मन्त्र पुरश्चरण करने वारह लाख जप | रचयिता। . . . . + और जपका दशांश होग करना होगा। (तन्त्रसार ) १८ शाङ ख्यायनगृहासंग्रहके प्रणेता। वासुदेव-१ सुप्रसिद्ध शकाधिप । उत्तर भारत इनके अधि. १६ श्रुतयोधप्रबोधिनीको तयोधीकाके ___फारमें था । शकराजवंश देखो। रचयिता। २ धाराणसो.मञ्चलके एक राजा । ये काशीखएड. . २० सारस्वतप्रसाद नागक सारस्वत व्याकरण टोकाकार रमानन्दले प्रतिपालक थे। टीकाकार। .. ३ एक प्राचीन - कयि । शुभाषितावलो और युक्ति २१ प्रभाकरभट्टके पुत्र, परमारोप्रा और कर्णामृतम इनको कविता उद्धृत हुई है। ये सर्गश वासु. पोग्रहममनिप्रकार नाम : मोमांसाप्रत्यक प्रणेना। देव नामस भी प्रसिद्ध थे। महन्त यासुदेव नामक एक . .२२ द्विवेदी श्रीपतिके कनिष्ठ पुत्र, आधाणप्रमिता. , दूसरे फेविका नाम मिलता है, ये सर्वाश वासुदेवसे | राके रचयिता। भिन्न थे। ... .. .. वासुदेव मध्यरिन्-एक. प्रसिद्ध मीमांसक, वीरेश्वरके ...: ४ एक वैद्यक प्रकार, वासुदेवानुभवके, रचयिता, शिष्य और महादेव. वाजपेयीके पुत्र। इनके मनाये हुए .क्षेमादित्यके पुत्र। रसराजलक्ष्मी नामक वैद्यक ग्रन्थमें | बौधायनीय .पशुप्रयोग, पशुगन्धकारिका, प्रयोगरत्न, इनका मत उधृत हुमा है। . . . . , महाग्निचर्यनप्रयोग, बौधायनीय महाग्निसर्गभ्य, मीमांसा . ५ अद्वैतमकरन्द टीका रचयिता।। ... फतूरल, याशिकसाम्व, :सावित्रादि काठकचयन, सोम. . . ६ कात्यायनश्रौतसूत्रके एक प्राचीन टोकाकार । कारिका 'भीर. यासुदेवद शितकारिका भादि प्रन्य मनन्त और देयभट्टने इनका मत उद्धृत किया है। मिलने है। . . ., :, . ७ कृतिदीपिका नामक ज्योनिनन्धके रचयिता । यासुदेव (सं० पु.) यसुदेव गण नतः म्वाय कन् । कौशिकसूत्रपद्धति नामक अथर्ववेदीय संस्कार | चामुदेव, श्रीकृष्णचन्द्र। पद्धतिकार। घासुदेव विचक्रपत्ती-ताराविलासोदय नामक नान्त्रिक . एक प्रसिद्ध ज्योतिर्मिद, जातमुकुट, · मेघमाला | प्रग्यफे प्रणेता ।।। . . गौर वीरपराक्रमक रचयिता। यासुदेवशान--मद्वैतप्रकाश और काल्यानके प्रणेता। १०.फेरलवासी. पक प्रसिद्ध कवि । इन्दौन त्रिपुर- | वासुदेवदीक्षित-- पारस्करगृह्यपद्धति के प्रणेना । २ याल. दहन, भ्रमरदूत, युधिष्ठिरयिाय और घासुदेवविजय | मनोरमा नामक व्याकरण रचयिता।

मादि काथ्योंकी रचना की है।

"... ' ' पामुदेव अग्नि देखो। ____.११ धातुकाध्यकं रचयिता: भाप 'नारी' नामसे भी वासुदेय द्विवेदी-सांदस्यतयदोपकं प्रणेता। ... प्रसिद्ध थे। . . . . . . . यासुदेवप्रिय (सं० पु०) कृष्णप्रिय। । - .:.