पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/३०१

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वास्पपोत-वाहक २७७ किसीने हस्तक्षेप नहीं किया । सन् १७८२ ई० में मासि । अमेरिकामें उपस्थित हुमा । इसके बादतगामी जहाज डी० जुमय जोनाथान हानके प्रस्तावको का रूपगें | तय्यार हुए । इस समय लिवरपुलसे अमेरिकाफे न्यूयार्क परिणत करने प्रयासी हुए। इन्होंने एक छोटो टीम तक जो टोमर आते जाते हैं, उनमें कई १० दिनमें ही बोट तय्यार कर सोननदोगें डाल एक अभिनय नाघ। पहुंच जाते हैं। सन् १८८३ ई० में बना “अलस्का" और पलानेकी चेष्ठा.की। किन्तु उनको वह चेष्टा फलवतो | "अरिसम" नामक टीमर लिघरपुलसे सात दिनों में हो नहीं हुई। सन् १७८७ ई०में स्काटलेण्डके गन्त:- न्यूयार्कमें पहुंच गये। अलस्का टोमर इस तरह सुन्दर पातो हालस उनटन निवासी मिटर मेट्रिक मिलरने एक रीतिसे परिचालित होता था, कि इसके आने जानेके पुस्तक, एक घोपणा प्रचारित की, कि वे टीम पञ्जिनमें | निर्दिश समयगे कभी पांच मिनटका भी फर्क नहीं साहाय्यसे नाप चलायेंगे। इस पञ्जिनके चपके भी रहेंगे। पड़ता था। वाष्पके बलसे चफका घुमने लगेगा और इसके फलसे वास्पेय (सं० पु. ) नागकेशर । ( रनमाला ) नाप चलने लगेगी। विलियम सिमिटन नामक एक तरुण वास्प ( स०नि०) वास-यत्। १ आच्छादनीय, ढकने वयस्क, इसीनियर द्वारा उन्होंने यह यन्त्र तैयार कराया, लायक । २ निवासनीय, रहने लायक । .या । • डाल्सउनटन झोलके निर्मल सलिलमें मिटर | वान ( स० पु०) दिन, रोज। वान देखो। मिलरने इस तरह नाय चलानेका कौशल दिखाया। पाकिटि (स० पु०) वारो जलस्य किटीः शकरः। — सन् १७८६ ई० में इन्होंने एक व आकारके टोमरमें | १ शिशुमार, सूस नामक जलजन्तु । यह यन्त सनिवेशित किया। इस टोमरने घण्टे में ७ मील | वामदन (सक्लो०) वारो दलस्य सदनं । जलाधार पथ तय किया था। इसके बाद सन १८०१ ई० मिष्टर | बाह ( स० पु०) उहतेऽनेनेति यह करने घन्। १ घोटक, सिमनने पक होमर सप्यार किया। यह टीमर फाइड घोड़ा। २ वृप, चैल। ३ महिप, मैं सा। ४ वायु, नहरसे लाया जाया करता था। किन्तु फ्लाइड नहरका | दया। ५ पाहु। ६ प्राचीन कालका एक तौल या किनारा र जानेके भयके कारण अधिकारियोंने रोका मान। चार पल (८ तोला- १ पल )का एक फुड़व, दिया। । । ४ कुष्ठपका एक प्राध, ४ प्रस्थका एक माढक, ८ माढक- अमेरिकाके एक इजीनियरने स्काटलेण्डसे टोमर को एक द्रोणो, २ द्रोणीका एक सूर्प, डेढ़ सूर्पको एक बनानेकी फलाको सोश सन् १८०७०में सबसे स्वारी, दो पारीकी एक गोणो और ४ गोणीका पक पाह .पहले हसन नदीमें धोमर चलानेको चेठा की। सन् | होता है। १८१२ ई०में ग्लैण्ड में टीमयोट प्रचारित हुमा: पहले . अमरटीकाकार स्वामीके मतले ४ भादकका एक छोण, एमर 'कमेट' नामसे प्रसिद्ध हुआ था। मिष्टर हेनरोघेल १६ द्रोणको एक खारी, २० द्रोणका एक कुम्म और १० इसके निर्माता थे, इसमें जो यापीय यन्त्र था, यह चार| कुम्मका एक चाह माना गया है। घोड़े का पलयाला था । सन् १८२१ ई में लण्डनसे लिये । प्रयाह । ८ वाहन, सवारी। (त्रि०) वाहक, तक ष्टीमर द्वारा माना-जाना जारी किया गया । । लाद कर या नींव कर ले चलनेवाला। सागर पार करनेके लिये इस समय सहस्र सहस्र टोमर बाह (फा० अ०) १ प्रशंसासूचक शब्द, धन्यवाद । कमी तैयार किये जा चुके हैं। किन्तु सबसे पहले अमेरिकासे कभी गत्यन्त हर्ष प्रकट करनेके लिये यह दो वार दी एक पोमर सागर पार कर लिवरपुल आया था। इस मी भाता है। जैसे, धाह, पाद, आ गये।२ भाश्चर्य- का नाम था-मभाना' । अमेरिकासे लएडन तक आने | सूचक शब्द। ३ घृणाधोतकाद। मानन्दसूचक में इस टीमरको २६ दिन लगे थे। इडलैएडके सर्वप्रथम शब्द । समुद्रगामी याप्पीय जहाजका नाम सिरियस ( Sirius) | चाइक (स० वि०) पहतीति यह-ण्युल ! १ बहनकर्ता, योझ .या। सन् १८३८ में सिरियस लएडनसे १७ दिन | ढोने या खींचनेवाला। (पु०)२सारथि। ___Vol, XxI,