पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/३८९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

• विजयासप्तमो-पिनागापट्टम ३२१ विजामतमो (२०. स्रो०) - विजयाय सप्तमी । फलिन | विजरा (सस्रो० ) ग्रललोगो पर नदीका नाम । . ज्योतिष के अनुसार किमी मास शुक्ल पक्षको यह | विजर्जर (सति विशेष प्रकार जोर्णशीर्ण, भरपन्त सप्तमी जो रविवारको पड़े। इस सप्तनो तिथिों दान . ज्ञाशार्ण । “पुग जरा कलेवरं विजब रोकगेत ते।" करनेसे विशेष फल हुआ करता है। .... . . (महाभारत) विजगिन् ( सनि.) रिशेपेग जैतु' 'शोलमस्य वि- जिविजन । मनि०) विगतं जलं यस्मात् । १ अन ए. (जि-दक्षियिश्रोति । पा३.२१५७) इति नि । १ जिमने जल या पर्या का समाय, सूना। २जटका ग होना, विजय प्राप्त की हो यिजय करनेयाला, जोतनेवाला। पानोका अभाव । ३ मि.ज . . पु)२ अर्जुन। .:: : . . . . विजा (स. खा० ) मञ्युशार, ६ या चेच नामका विजयिन (स.सिायिजिक, ऐसा भोजन जिममें मधिक साग।. ... परंस न हो। ....: :::: .. | विजला (सं० पु०) चिर पेण जापनम्। १ मन, झूट विजयो (स लिविजयिन देगे। . . . . | और तरह तरदको ऊटपटांग याते करना, प्यर्थको बहुत- पिजरोन्द्रयन-पर प्रसिद्ध मिक्ष दार्शनिक । मानन्द.सी वकवाद ! २ किमो सजन या भने आदमक सभ्यस्य तारतम्पादन्या पाकी मामोदटाका, ध्यासनोदिन | में दोषपूर्ण झूठा बातें कहना। • तार्यान्द्रका , 'चन्द्रिकोदानन्यायविवरण' मोर विजाल-विज पेन, पिच्छिल।. . यकोलटकामादियान रचे है। . | विज का--विनाका नाम्नी खोकपि। .. विजयोत त्यामो-चक्रमीमांसा रनयिता। विजागापट्टम् (विशाखपत्ता) मन्द्राज प्रेमिटेन्तीफे, मान- विज्ञपेश ( स०ए०)शियका एक नाम जो विजयात मज अधिकत एक जिला । पदमशा० १७१५ से एक देवता.माने जाते हैं। काश्मीरके एक सिद्ध शेय | २०७० भोर देगा० ८.८७ से ८४३.१० लगभग। HEL इसका र्शमान नाम विजयोर है। . , . जरपुर और विजयनगरम्झो भूमम्पत्ति मिला कर इसका विजपेवर (स.पु.) विजयेश देखो। भूरिमाण १७२२२ यर्गमाल है। स्थानका भापतन विजय बाद गो-(म खो) पहादीभेद, भाश्विन मास. और जनसंख्या दिसायसे यह जिला REAसिता. को शुला एकादशी और फागुनको एपणा एकादगो । के अन्यान्य शिलेसे पड़ा है.। इसको जनसंपया तोग विजयोत्सव (स ) विजयायामुत्मयः१ वह उत्सवलालसे ऊपर है

जो किसी प्रकारको विजय प्राप्त करने पर होता है। . . इसको उत्तरी सीमा पर गशाम जिला मी विहार-

२. यह उत्मय जो माचिन मामके शलाक्षको दशमीको उदोसे के देशोराय, पूों सीमा पर गजाम मौर वनोप. होता है, विजयादशमीको होनेवाला उत्मय । हरिभक्ति- सागर, दक्षिणी सीमा पर यहोपसागर भौर गोदावरी पिलामफे गतसे विजयादशमी के दिन विजयोत्सय करना जिला भीर पश्चिमी सीमा पर मध्यप्रदेश मस्थित है। होता है। इस उत्मयका विधान - इस प्रकार लिया १४ जनोग्यारियां, ३७ सस्याधिकारियों को भूमम्पत्तियां २, कि रक्षाकुम्नक धोरामगन्द्रको रामवेगमें विभूपिन और गोलकुगडा, सर्यादिमीर पाएहा मामा तीन करके रथ पर बैठा कर मोशन चे ले जाना होगा। सरकारो तालकों को ले कर यह मिला गडित है। इस. पहा विधिपूर्वक पूजादि कर धारामचन्द्रको मीर शमी.] का प्राचीन नाम विशामपत्तन है गौर विज्ञापन यसपनाकरमान पदमाहाता । - मगरमें हो जिले को मदालत प्रतिष्ठित है।. . : . . .:: . . (हरिभक्तका १५ वि०) | . पद जना मन्द्राज मोसटेन्सा उधर मंगम समुदो. पिजर(स.नि.)विगता रा . यस्य ।. १ जराहन पल पर मन्धित है। सहासमे यह देशमाग उत्तर. जिसे जरा या युद्धापान मापा दो। २ नयान, नया। सरकार ( Sorthern Circars) नाम लिre है। (96) ३ गुष्य। .............! पूर्णविभाग : यगोपसागरको मारा भौर उसके Vol. xxl 81