पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/३९१

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विजागापट्टम् २२३ .पत्तन नामके दो नगरोंकी उत्पन्न पोजीको रफ्तनो करनेके था। अतपय उक्त दो राजशौफे इतिहास में इस प्रदेशका लिपे बग्दर प्रतिष्ठित रहने के कारण इस स्थानके अघि इतिहास विशेषरूपसे संश्लिए है। वासियोंने लामको प्रत्याशा में गत २० या ३० वर्षके घोच ____अपेक्षायन पिछले समय दाक्षिणात्यफे वाहाणी ur. दुगुने उत्साहसे इस स्थानको शस्यशाली बना रखा है। घंशके मुसलमान राजा २२ महम्मदने उडोसेके सिंहा. • यहाँको सब जगह पितर्पित श्यामल धाग्यक्षेत्रोंसे सन पर किसी राजकुमारको घेठानेकी चेया करने के उप. परिपूरित है। कहीं कहीं तापात और ईग्यको श्याम शिर. लक्षमें पुरस्कारस्वरूप उनसे खण्डपल्ली और राजमहेन्द्रो. मण्डित विस्तीर्ण उद्यानमाला परिशोमित है। कयल को पाया था। इसके बाद वाह्मणी राजघंशके मधापतनके ममुद्रोपकूलपत्तो क्षेत्र इधर उधर गएपशैलमालासे परि. कारण राज्य भरमें घोर विश्वमा उहाग्न हो गई। इस च्छिन्न हैं। स शैलराजिके किसी एक शिपर पर स्वास्थय समयमें उड़ीसेफे राजाने इन सब स्थानों पर फिर काना घाम बनाने की चेष्टा हुई गो, किन्तु विजागापटम्मे यहा कर लिया। किन्तु अधिक दिन त म सका यह उपभोग माने जानेका पम रहने के कारण यह चेटा कार्यमें परि न कर सके। कुतुयशादीराज इमाहिमने इन सब प्रदेशको णत न हुई। .. तो जीता हो था, पर इसके साथ साथ उन्होंने उत्तरमें ' जपर पर्वतोपरिहय धनमालाको जो बात कही गई, विकाफोल तक समम देश अधिकार कर गपने राज्यमें उसका कुछ अंश अप्रेजेकी देख-रेख में और कुछ अंश उन्हें मिला लिया था। यहाँफे जमीदारोंके यत्नसे सुरक्षित है। उत्तरमें पाल. ___सन् १६८७०में दाक्षिणात्यका प्रसिद्ध गोलपुएडा कुंएडा शैलमाला पर, दक्षिण पश्चिममें गोलकुएडा शैल. राज्य मुगल बादशाह मौरजेवने ६७प लिया। यह शिखर पर और ससिमितालुके उपफूलमागर्म सर मुगल साम्राज्यका नाममात्र अधिकारमुक होने पर भी कार द्वारा रक्षित वनमाला दिखाई देती है। जयपुरो, यथामि मुगल यहां सुशासनका विस्तार नहीं विजयनगरम, पोनीलक्ष्मीपुरम्, गोलकुण्डा, सर्वसिद्धि | कर सके। ये यहां केवल सामयिक प्रभुस्य स्थापित कर ‘गौर पार्वतीपुर तालुक्फे पनमें नानाजातीय यक्ष उत्पा सके थे। उन्होंने इन प्रदेशोंको जमींदार और सामरिक होते हैं। सर्वसिद्धि तालुकके तृणाच्छादित मयमय सरदारों को बांट दिया था। फेयल विजागापटम् पाद- प्रान्तरमें जो सप गुल्म उत्पन्न होते हैं, यह केवल जलानेको शाहके शासन में था। सनाटका प्रतिनिधि यहाँका लकही तथा पशुओंके लिपे चारेके काममें जाते हैं। यहां शासन करता था। यह प्रतिनिधि विकाकोल में रहता गुग्गुल, सि, शाल, भागन, गर्जुन, हरीतकी (छोटो हरें). पा . भायला पानि मायश्यकीय पक्षों की कमी नहीं है। . | ईस्वी सन्को १७ गमाग्दोके मध्यमाग गरेमोने पतमान विजागापरम जिना विन्दू इतिहास के प्रथम प्रथम विशापपत्तनम बन्दर स्थापित किया। सन् १६८६ काल में प्राचीन कलिङ्गराज्यके मरत क था। कुछ दिनों. १० बङ्गालके झगः पर पारगाहफे साथ मरेजो .फे. बाद प्राम्य चालुक्य के एक राजाने प६ यान | कम्पनीका मनोमालिन्य उपस्थित पुमा । म कारण पदक अधिकार कर पहले इलोराके निकटयत्तों पेंगी नगरमे राज मुमलमान-प्रतिनिधिने कम्पनीफे कर्ममारियोंको केरकर पाट प्रतिष्ठित किया। इसके बाद उन्होंने यहांले उठाए उनको कोठोको लूट लिया और यहां धियासो मह. राजमहेन्द्रो में सपनो राजधानी कायम की। गामसे रेजोको मार डाला। पितु मरे यां गाल फुगडा म्य. गोदाघरोफे किनारे तक समुदतोरपती भूमग एक गरतर्गत मन्द्राज, मछलीपरम् मदप म. विमानपत्तन समय जो राजशासन प्रतिष्ठिा , इम अगह भी उस मादि समुद्र किनारे प्रसित बन्दरोंनि रोमानिध्य राम्पशासमका कोई निकम नहीं दुमा । यह जनपद करनेक लिये दादशाहको मोरसे सेनापति फिार मिसो समय उडोसे के गणपति-राजयंश और किमी शनि मंश पम्पनीको मागपत प्रधान किया। म समय तलिङ्गमा मयोभ्वरों के शासन में परिचालित हुमा लिपे सन् १६९२० जुलफाराने मरेशको