पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वाणिज्य होता है। खरीददार माल खरीदने के बाद मालका दाम 1. हिरोदोतस्, प्रायो, प्लिनी आदि यूनानी ऐतिहासिको कम हुआ है या अधिक या येवनेयाला माल येच चुकने को विवरणोसे मालूम होता है, कि एकमान लास' पर मालका दाम अधिक है या नहीं यह न जाना समुद्रसे भारतीय वणिक यूरोप, माल ले जाते थे। कर माल खरीद फरोख्तके सम्बन्धमें दुःख प्रकट न कर | नगर कायम होनेसे पहले गरम मसाला, औषध और सकेगा। यदि चे करें, तो उस खरीद-फरोपत किपे | अन्यान्य माल पूर्व-भारतसे उक्त पथसे भेजा जाता था। हुए मालफे दामफे छठयां अंशक दण्डाधिकारी पणिगण शहाज लाद भारत महासागरको पार कर होंगे। धोरे घोरे लालसागरमें पहुंचते घे और कमसे आर्सिनो जो घणिक राजनिरूपित मूल्यसे कम और अधिक ( Suer ) चन्दरमें जहाजसे माल उतार लेते थे। यहाँसे जान पर और गुट्ट बांध फर लोगोंके कटकर मूल्यको | दल बांध कर पे पैदल चल कर भूमध्यसागरके किनारे दि करे, तो राजा उनको उत्तम साहस एटका विधान } पर गयस्थित ( Cassow ) कासी नगरमें पहुंचते थे। करे और जो देशान्तरसे आये हुए मालको दोन मुल्यमें | पे फासौ नगर मार्सिनो बन्दरसे १०५ गोलको दूरी पर लेने के लिये रोक रखे या एक मूल्य प्रहण कर यहु-मूल्य थयस्थित था। पर येचे तो भी उनका उत्तम साहस दण्ड होगा। जो स्ट्रायोने लिया है, कि वाणिज्यको सुविधा के लिये सहन व्यक्ति वजन करनेके समय एडोमें कम तौले, तो उसको और सुगम रास्ता निकालने में भारतके वणिक सम्पदाय- दो मी पण दण्ड होगा। औपध, घृत, तैलादि लेप को दोसार रास्ता बदलना पड़ा था। सुप्रसिद्ध फरासो. द्रव्य, नमक कुकुमादि गन्ध, धाम, गुड़ आदि चोमोम | .स्थपति u.de Lsscps सन १८६६ सय मोर रास्ता मिलायटी धीज येचने पर पेचनेयालेको सोलह पण दण्ड फैलाने के लिये स्वेज नहर काट कर प्राच्य और प्रतीष्य होगा। पाणिज्यका सुयोग संघटन कर गये है, बहु शताल पहले मालका परीदना, पेचना तथा एक देशकी उपजी मिनराज सिसोटिसने उस रास्तेका सूत्रपात कर सला हुई चोज दूसरे देशमें भेजना या दूसरे देशसे मंगाना था। ये लालसागरफे सरसे नीलमदकी एक शापातक इमोको प्यपसाप करते हैं। प्राचीन काल में इन्हीं निपों बाल करया कर सो रास्लेसे पण्पद्रध्य ले जानेके लिये का पालन कर भारतमें कारोवार होता था। बहुतसे जहाज पनपाते ये। किन्तु किसी कारणसे इस कामसे उनका जी हट गया। (याश०७० २०) इसके बाद प्रायास्योसन् १०००के पहले इनापल बहुत पुराने समय में भारत या पशिया महादेश पति सलोमनने वाणिज्य विस्तार के लिये लालसागरफे ममी भूमण्डों या यूरोप सादि देशो भी पक पेरोक पाणिज्य-प्रया प्रयाहित होता था। फेयल स्थलपमें किनारेसे एक भौर पप खोलकर उसी पपसे अहाश या समतल मैदानमें हो ध्ययसाय नहीं चलता था। द्वारा पण्यद्रव्य ले जानेको सुविधा को थी। उनफे मारतोय पणिक उस उत्साल नरमपूर्ण समुद्रको पाती. पाणिज्य जहाश मोफिर (सीयोर) भोर तासिस नगरसे पर और नदीयक्ष पर बड़ी या छोटो मार्योको सहायतासे फयल सोना, चांदी मोर देशभिमतो परयर ले कर शि. जातीय श्रीनिक मूल-पाणिज्यको फैलाया था। घर भोगगेषांको राशपामोमें जाते थे। सवाणिज्यप्तम्पस जिम तरह ये दक्षिण ममुद्र के पूर्व और पश्चिम भूभागों में उनकी बहुत कुछ धोगियी । उगके प्रासादमै भाते ज्ञाने थे, से हो ये यनसकुन्ट मपाय गिरि चांदीका इनमा असयाव था किनिसको गिनती तक संकरोंको पार कर पा पढ़ी पर्यत पोको पार कर मध्य. Solomonking of Israel. madea nary of पनिपा मोरय, युरोपकं प्रसिद्ध प्रसिद्ध नगगे जाते Ships in Ergioa-geber. which is beside cloth थे। अपनो माडीको गते तथा मावश्यक विदेशो। on the Shore of the Red Sea in the land ol पोजीरोदा माते थे। | EdomuKingsx.26) .. ।