पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/६०९

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- विलासपुर.

• छत्तीसगढ़ राज्य पृधक भावसे एक डिपटी कमिश्नर इस साल खेती आप ही आप होगी। इस विश्वास पर द्वारा शासन करनेका वन्दोवस्त हुआ। उस समय राय | सभी किसान रह गये। खेती छोई न गई। फलता पुर ही उसका सदर माना गया था। किन्तु एक राजकर्म फसल नहीं हुई। मन्तमें मालगुजारी याकी पड गई। धारीके उक कार्यपरिचालनसे असमर्थ होने पर सन् | राजाको यह बात मालूम हुई। उन्होंने मङ्गलको गिरपतार १८६१ ई० में विलासपुर एक स्वतन्त्र जिले के रूपमे परि कर जेल में बन्द कर दिया। यहाँको भाषा हिन्दी है और गणित हुभा। इसके साथ ही उक्त छत्तीसगढ़का कुछ कुछ इसमें पहाड़ी यसभ्योंकी भापा भी शामिल है। ... -अंश अन्तनिविष्ट हुमा था। यहांकी जनसंख्या प्रायः १०१२६७२ है । .यहाँ फो ' सविख्यात सन १५ बलवेके समय सोनाखान-1 सैकड़े बघेली हिन्दी बोली जाती है। यहां सनातन- के सरदारके सिवा और कोई विद्रोही न हुआ। सोना- धर्मी और फकीरपन्थी इन दोनोंका जोर है। इम • खान दक्षिण-पूर्व दिशाम एक सामन्त राज्य है। इसका | संख्यामें प्रायः १२००० मुसलमान हैं। राजा डाका डाल कई हत्यागों के अपराधों पकडे शौर। २ उक्त जिलेका एक उपविभाग। यह अक्षा० २१ ४३ जेल भेजे गये थे। इस पलवेके समय जेलसे छूट कर | से ले कर २३७ उ तथा देशा०८११४से ले कर ४२ सोनाखानके राजाने अपने दुर्भेद्य किलेमें प्रवेश किया। ४० पु०के घोच अवस्थित है। इसका भूपरिमाण ५०८० फर्नल लूसी स्मिथने दलके साथ उनके दुर्ग पर भामण वर्गमील है। जनसंख्या ४७२६८२ है। ., यहाँ तीन किया और उनको गिरफ्तार कर उनके राज्यको अगरेजी थाने और ७ चौकियां हैं। राज्यमें मिला लिया। ____३ विलासपुर जिलेका प्रधान नगर । यह नगर बङ्गाल-नागपुर रेल-पथ इस राज्यके भीतरसे गया सर्पा (भरपा या अपरा) नदीक दक्षिण किनारे अव- है। इससे यहां व्यवसाय वाणिज्यको पड़ो सुविधा है। स्थित है। यह अक्षा० २२५ उ० और देशा० ४२.१० • यहाँके पैदावार धान, रुई, चोनी, गेहूं, सरसों आदि । पूर्वाफे मध्य , अवस्थित है। यह शहर वगालगागपुर प्रधान हैं ! लेामी शैल और लमनो शैल पर तथा सोना- रेलवेसे निकट है । यह वम्बईसे ७७६ मील तथा कल. खानके धन्यप्रदेश प्रभूत परिमाणसे शालवृक्ष पैदा होता | कत्ते से ४४५ मील पड़ता है। यहाँको जनसंख्या १८६३७ हैं। यनमागमे तसर और लाह अधिक होती है। यहां ) है । इस नगरकी स्थापनाके सम्बन्ध प्रवाद है, कि एक रेशमी और सूतो कपडे का कारोबार बहुत दिखाई देता। मछवाहेको पिलास नाम्नी एक पत्नीने इस नगरको है। सन १८७० ई० में यहां प्रायः ६ हजार वर्षे चलते | अपने नाम पर बसाया था। यह अवसे प्रायः सवा तीन थे। जुलाहोंके सिया यहांको पन्था जाति भी कपड़ा सौ घर्षको घटना है । पहले यह मछवाहोंका एक गांद युनने का काम करती है। : खेती-बारो पर भी इस जाति- था। एक सौ वर्ष पहले एक : महाराष्ट्र राजकर्मचारीने का वैसा ही हाथ है। जिले के अधिकांश कपड़े, इसी | अपने राजका परिचालनको सुविधा लिये रहना जाति के लोगों द्वारा तैयार होते हैं। प्रायः १८६१-६२/ निश्चय कर यहां एक प्रासाद बनवाया। यह प्रासाद ई०में इस पन्या जातिका मङ्गल नागके एक व्यक्तिने प्रका- अर्या, नदी किनारे बना था। इस प्रासादके माथ शित किया था, कि उसके शरीरमें देवताका आविर्भाय । ही यहां एक जिला भी बनाया गया था । • उस हुआ है। : यह सयाद चारों ओर प्रचारित होने पर | समयसे यह नगर -फमसे समृद्धिपूर्ण होता जा रहा है। लोग उसको देखने के लिये यहां आने लगे। यह किन्तु पिछले समयमें महाराष्ट्र जब राजपाट यहाँसे चुपचाप . एक दीप जला कर बैठा रहता और उठा रत्नपुर ले गये, तब इसकी कुछ श्री उतर गई थी। पूजा ग्रहण किया करता था। खेतीका काम करनेका सन् १८६२ ई०में ,यह नगर अगरेजों द्वारा सदररूपसे . समय उपस्थित हुआ। ऐसे समय महालने कहा कि कोई मनोनीत होने पर फिर एक बार समृद्धिपूर्ण हो उटा। खेती. न वोवे, क्योंकि हमारे देवताका . वर है, कि यहां वगालनागपुररेलवेका एक स्टेशन. है। . . __., Vol. XxI 132