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विलेप्य-विलोम
कुछ भुने चावलफो छः गुने जलमें पाक करनेसे । विलोचन (स० क्लो) विलोच्यते दृश्यतेऽनेनेति वि-लोचित
विलेपी बनती है । यह विलेपी लघु, अग्निद्धिकर | ल्युट्। १ चक्षः, मान्न ।। २ पुराणानुसार एक नरकका. .
तथा ज्वरनाशक है। .
नाम । इसमें मनुष्य अन्धा हो जाता है और नादेखने.
विलेप्य ( स० वि० ) वि.लिप-यत् । १ लेपनयोग्य, लेप के कारण अनेक यातना भोगता है। ३ लोचन रहित
देने लायक । (पु०) २ यवागू, जोको कांजो। । ।करनेकी क्रिया, आंखे फोड़नको क्रिया।। (त्रि०). ४ विकृत
विलेवासिन ( स० पु०) त्रिले गर्ते वसतीति विले-यस-1 नयनविशिष्ट . . . . . . . . . .
णिनि शयवासेति सप्तम्या अलुक । (१॥ ६३१८) सर्प, विलोचनपथ (स' पु०) नेत्रपथ, चक्ष गोचर। ।
सांप।
| विलोटक ( स०. पु०).वि-लुट-युल: । 1 एक प्रकारकी
विलेशय ( स० पु०) पिले शेते विले शा-अच अधिकरणे | मछली, वेला मछली।
शेतेः (पा ३२२२१५) शयवासेत्यलुक ! १ सर्प, सांप। विलोटन (सं० को०) विलुट् ल्युट् । विलुण्ठन-1 .
२ मूपिक, चूहा । ३ जो बिल या दरारमें रहता हो । गाह, विलोड़ ( स० पु० ) आलोड़न।
विच्छू, शशक आदि जन्तु विलमें रहते हैं, इसलिये विलोड़न ( स० क्ला०), वि लड़ ल्युट् । १ मन्थन । २,
उन्हें चिलेशय कहते हैं। इनके मांस वायुनाशक, रस | आलोहन ।
और पाकर्म मधुर, मलमूतरोधक, उष्णवीय और पृहण | विलोड़ना (हि० कि०.) यिनोड़ना देखो। . ..
होते हैं।
विलायित (सं०नि०) मालोड़न करनेछाला। .
राजनिघण्टुमे इनका मांस ध्यास, पात और कास. / विलोड़ित (i० त्रि०) विलुड़क्त । १ भालोड़ित, मथित ।
नाशक तथा पित्त और दाहकारक माना गया है। (को०) २ तक, महा।
___ कोकड नामक एक प्रकारका मृग होता है, वह भी विलोना (हिं० कि०), बिन्तोना देखो।
विलेशय कहलाता है। उसका मांस अतीय गहित | विलोप (सं० पु० ). पिलुप-धन । १ लोप, विनाश । ६..
होता है, क्योंकि यह अत्यन्त दुर्जर, गुरुपाक और हानि, नुकसान । ३ विघ्न, वाधा। ४ आघात । ' ५..
अग्निमान्यकर होता है।
| रुकावट । ६ किसी वस्तुको ले कर भाग जानेको क्रिया।
___(सिं०) ४ गत में शायित, विलमें सोया हुआ। विलोपक ('स० लि. ) १ लेोपकारी) नाश करनेवाला ।"
विलोक (सं० पु०) १ दृष्टि। २ विशिष्ट लोक, बड़ा ! '२ दूर करनेवाला। ३ ले कर भागनेवाला ।
भादमी।
विलोपन ( स० क्ली० ) विलुप ल्युट। विलाप करने की
विलोकन (सी०) वि.लोक ल्युट। मलेकिन, क्रिया । विलोप देखो। . ...।
मालोकन, देखना । २ नेत्र, जिससे देखा जाता है।"" | विलोपना (हिं० कि०) १ लोप फरना, नाश करना ।
विलोकना (हि० कि० ) १ देखना । २ अवलोकन करना।। २ ले कर भागना । ' ३ विघ्न डालना; बाधा उपस्थिता ।
विलोकना देखो। करना।
विलोकनि (सं० स्त्री० ) विलोकनि देखो। ... पिलोपिन् (सं० वि०) विलुप्-णिनि । विलोपकारी,
विलोकनीय (स.नि.) दर्शनीय, देखने पोग्य । | नाश करनेवाला।।: .... ..
विलोकित (सनि०) वि-लोक-क्त । भालोति, देखा किलोप्त, (.० वि०) विलुप्तच् । १ विलोपकर्ता।
हुआ।
'.
२ध्वंसका।
- :
विलोकिन (स' नि० ) अवलोकनकारी, देखनेवाला विलोप्य ( म०नि० ) विलोप करने या हानि करने योग्य] विलोकी (सं० वि०) विलोकिन देखो .. ' पिलोभ ( सं० पु० ).वि-लुभ-घन ।१ प्रलोभन । २ माह । विलोक्य (स.लि.) विलोक यत् । अवलोकन योग्य, माया, मम। (नि०)२ जिसके मनमें किसी प्रकारका देखने लायक । ( मायडेयपु० ४३३३६) . . ] लालच न हो, लोभरहित।. . . . . .