पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/६२६

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५२८ विवाह होने पर भी कुछ समुन्नन हैं। फिर भी. इनमें विवाद- पहनके साथ विवाह कर नहीं सकते ; किन्तु सौतेली, सन्धनकी सच्छी प्रथा दिखाई नहीं देती। 'बहनके साथ विवाह करने में इनका कुछ भी बाधा नहीं। • ताहेतो ( Taheti) आदि जातियोंमें भी इस अतीत प्रतीच्य जगत्में भी भाई बहन के विवाहकी प्रथाका प्रयोजनीय सामाजिक कार्याको कोई भन्छो प्रथा नहीं है। बिलकुल असद्भाघे नही । इजिप्तको टलेमो ( Ptolemy) किसी किसी असभ्य जातिके लोगों में स्त्री-ग्रहणका | घंशमें भाई-बहन के विधाहके बहुतेरे प्रमाण हैं। स्कन्द.. विषय पशुओंको अपेक्षा भो घृणित है। इनमें पात्र. नाममें भी ऐसा विवाद होता है। हिमस्क'ला सागा पात्रियोंका घुछ भी विचार नहीं है। ये समाजकी प्रथा ( Heim skringla saga )में लिखा है, कि राजा निरोद अनुसार अपनी यहन तथा येटियों के साथ भी सम्भोग-क्रिया (Nirod )ने अपनी पहनके साथ विवाह किया था। सम्पादन कर सकते हैं। इस विषय चिपिघायन लोग। यह विवाह कानून द्वारा जायज'था। ...... उदाहरणीय है। कादियाश (Kadink ) जाति के लोगों में . चचेरी बहनके विवाह बन्धनका उदाहरण तो बहुन भी इस तरहकी प्रथा देखी जाती है । फरेन जातिके | अधिक दिखाई देता TTATRA अधिक दिखाई देता है । एब्राहमने साराफे साथ विवाह लोगोंमे पिता पुत्रीमें, भ्राता-भगिनीमें भी स्त्री-पुरुषः । किया था। कानानाइट (Cananites), अरबी, इजि. का सम्बन्ध होते देखा जाता है। वादियान (Bastian) प्तीय, आसीरोय और फारसवालों में इस तरहका ने लिखा है, कि अफरिका गनजलभस गौर गाधून | विवाई प्रचलित था। स्थानविशेषमें अब भी प्रचलित अन्तरोपके राजे अपने वशकी शुद्धताकी रक्षा करनेके , है। येद्दाओंको सामाजिक रीत्यनुसार अपनी जेठो बहन लिये अपनी कन्याको रानी बना लेते हैं। उधर रानियां | और मा, मौसी आदिके साथ विवाह नहीं कर सकते, पतिके मरने पर अपने ज्येष्ठ पुत्रको पतिका आसन दे | किन्तु छोटो पहनके साथ में कर लेते हैं। इसके देती हैं। सिवा इनमें विवाह-खण्डनका विधान नहीं है। ये लोग भाई बहनमें वियाह । कहते हैं, कि केवल मृत्यु ही एकमात्र विवाह बन्धन' असभ्य जातियों में पात्रापानका विचार करने को तोड़ने में समर्थ हो सकती है। किन्तु इसके पड़ोसी पद्धति है ही नहीं। पहले ही कहा जा चुका है, किः | काण्डीय लोग विविध प्रकारसे उनको अपेक्षा उन्नत हैं, चिपिवायनों में अपनो कन्यासे विवाह कर लेनेकी प्रथा ! लनका प्रथा | फिर भी, विवाह-यन्धनके सम्बन्धमे उनको ऐसो दूढ़ प्रमलित थी। पलाविजेरी (Clarigero ) कहते हैं, धारणा नहीं है। कि पानुविज ( Panuches- ) जातिके लोगों में भाई। ' त्रीपुरुषों का बहुविवाह । वहनमें भी विवाह-वन्धनकी प्रथा प्रचलित है। काली ( Cali ) जातिम मतीजी, भांजीके साथ भी धिवाह फ्यूजियन आदि कई असभ्य जातियोंके लोगोमें कई प्रचलित है। इस जातिमें जो सबसे प्रधान और पड़े। पुरुष मिल कर एक रमणीके साथ विवाह करनेकी प्रथा सम्भ्रान्त कहे जाते हैं, वे बेरोकटोक अपनी बहन के साथ है। किन्तु यह प्रथा उन्हो लोगोंम हो नही', घर सिहल,' विवाह सम्बन्ध कर लेते हैं। घरकुई मिटाने न्यू स्पेनमें मलयार और तिव्यतको उच्च श्रेणीके लोगों में भी यह भाई-बहनमें इस तरहके ३/४ विधाहों को वात लिखी है। प्रथा देखो जाती है । दूसरी ओर बहुपत्नोका ग्रहण समो पेरु प्रदेशमें डू जातिके लोगों ने प्रधान सामाजिक | देशमि सप समय दिखाई देता है। बहुत अचे दरजेके नियमानुसार सहोदरा जेठी वहनका पाणिग्रहण कर लोगों में मो, यह प्रथा जारी है। मुविख्यात् प्रध. लेते हैं। पलिनेसियाम भो ऐसा हो नियम है। साण्ड रचयिता मनित्यिका विश्वास है, कि यौन दुनीतिसे इच झोपर्क अधिवासियों में राजवशफे लोग भी सदो. समाजमें नित्य हो अशान्ति मचती रहती है। किन्तु यह दंरा वहनके साथ विवाह किया करते हैं । इ.रीने लिखा। बात इतिहासके सिद्धान्तसे सम्मत नहीं। एलिउटिन है, कि मालागासी ( Malāgass) जातियों में सहोदरा ( Aleutin ) द्वोपके अधिवासो स्त्री-पुरुषोंम नैतिक भाष