पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/६३३

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विवाह ५४७ पड़ेगा भार सोपो पनि धाम निगुनादी का प्रगतसंहितासदमे मालग होता है, कि राज. पनिको MIREET पालन गरी' न.रेगी. उमो मायाहीन्या पपुगोस गाही आतो थो। पदों ५ पाप लगा। मपाल। पंगे पासपूर्ण मग ६. एनाशिनायाग पिता उपरेख प्रायोग मायने म ign नियमको बना र योति रामाको पम्पा उनका विवादमा शा। ___महामार. पदनां मार भी मादन होता है.fr. म मा मारणने पर गत साया वर्णना swer पुत्र दीका गोत्रियों काद। को है। पुर राति भनियंगीप गर्चनागा. विहारमया। बम किया। का दानी गरण किया । गनानाने पिसाफ महाभारत पर विवरण द निगा।- मीप राजयोग सपने पुत्र शाणायके साथ दाँतमाशी परनी पुर उगन हो जाने पर पतिको उसका पियार करने के लिपे समास प्रार्थना को। मातुए नदी कर माता पी। दरतिमानेकदा,-शुम सानो पदमाय किया ।म पर रामीने मापति मुरगपपयों करती दर इम उत्तमको पना तादा! इमा उत्तर उगा पाना कर कहा, 'गार की सगो कम्पनीका विषाद ऋषि. प्रपोने कहा-मामी का भात पोषण दमा, यो मापदमाशापाय प्रापिगी। उनके माथ मोसे उनका पin' गाम हुमा; किन्तु तुम जगमा म्यादा विवाद नहीं हो साता।' रागी इस ।। मैं intir.तुम्मा पु रण पेपर पर सरह मान करने पर नियारपस्ताप का एडम हो कटिनन भनुप कर रहो। सर मुझमे तुम गया। पाचावयद सुन कर अधिषद प्राप्त करने मेगोका पालन पोषण दम मगा। क्षणोकी र पिtramम प्रत हुए। पाटन सम्प पास गुन कर पिन पापित सपनो पोल काना- शायागीमनुगण मेंट दी गई। मरदुगनने उनको 'मुभा रहा यहाँले मला, गहमि पनामगा। वियपद प्रक्षाnिामपं. पादश्शाया ऋषिक इम पर परमी प्रपने कद"तुम्हारे द्वारा आमित मागमा विवादमा। यानि गजा. घरको गदी पानी । मुम जो हो रे।। मैं को कम्पा पग प्राविधायिका हुमागा। (१म परलेसीदतुम्हारा भाप पोरग महा' फर गगी।", म न प्रतिदितायो।) सरद मम इम पर कम होकर दोगनगराने कपा-मामे मैं यद, वाद, हिने उदाहरण है। फिर, श्रो. निपग पगाता.कि.पाट पशिदीपक पानास . मागगन में भी देणा जाता. प्रति शुतो कन्या गिमापन, बाध्यतंग । म्यामां के मरने पर या पामो. देवयानीका विपाशा नहुपग परासिका हुआ था। जीवित रहने पर पपुगामे संग मदों का गम.गो। फरतमका उत्तम ममूना गदी मिरता, कि भति प्रा. यदि यह ऐसा करेगी सोपा परिता माहो जायेगी। पीर माय मरा मगोया भसगोता भादि विचार- मासे जो त्रियां पतिको त्याग कर मरे पुसम्म मह पूर्वक गिया पति मातयाम प्रचलित की या नहीं। पाम करेगो, उनमी पाप लगेगा। मा तरणका धग! पिछले ममयी मयां गोता भीर मसपिएडा कन्याफ, मौजूद रहते हुए भी मप पनका भोग न कर पानिप्ररणको प्रया प्रयसित हुई। 'मफे गौ कौर नित्य हो पाया मपयादको पानी को गी। मनुलोम मापसे पसया पियारका विधान मन्यादि महामारकोना प्रमाणात मालूम होता है, लिभारत, पानी कट फूट कर भरा है। फिन्तु कलियुगने पर्प मेगाले सिमामा थियार बना पसंमाम सकी मनाही कर दी गई है। सवर्णा भायांक मिया ममपकी गरर मुहद गोपा शिं कोबार ___हायोग्य स्त्रियाँ कामपरमों है । पास. पशिष्ट, गौतम, पा, कालमदीया पर पुमसे मायाम पर सती! गी। उमफे इस कार्य में पाई कायर नहीं थी। विणु. भारोत, भातम्य, पैरामसि, शोर शाता. सम्ममाज मा पदरचारप गिना नहीं जाता। पारिसंहिता बनानेया ने इस पयस्याका मम. iधंग किया है। सगोता कम्पाका वियाद इस देशक