पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/७१०

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६२२ . विश्वनाथ पण्डित-विश्वपात नैयायिक। ये १७वीं शताब्दीके मध्यभागमें विद्यमान | रूपमें नियुक्त रह कर उक्त प्रन्यकी रचना की। इनके . थे। इन्होंने छन्दोसूत्रको पिङ्गलप्रकाशिका नानो पिताका नाम नरसिंह सेन और पितामहका नाम तपन टीकामें था। "विद्यानिवाससूनो कृतिरेषा विश्वनाथस्य" विश्वनाथाश्रम-तर्कदीपिकाके प्रणेता, महादेवाश्रमके ___ अर्थात् विद्यानिवासका पुत्र कह कर अपना परिचय | शिष्य। दिया है। राढीपत्राह्मणकुलप्रन्यसे जाना जाता है, कि विश्वनायोन ( स० वि०) विश्वनाथसम्बन्धीय, विश्व : सुप्रसिद्ध आखण्डलयंद्यवंशमें विश्वनाथका जन्म हुआ। नाथ प्रोक्त या तल्लिखित । इनके पिताका नाम काशीनाथ विद्यानिवास तथा पिता- विश्वनाम ( स० पु० ) यिश्चं नाभौ यस्य । विष्णु, . महका नाम रताकर विद्यावाचस्पति था। ये विद्या- परमेश्वर । वाचस्पति सुविख्यात वासुदेव सा भीमके छोटे भाई विश्वनाभि (सं. स्त्री०) विश्वस्य नामि। विश्यका थे। सव्वाचस्पति और नारायण नामक विश्वनाथके ' नाभिस्वरूप, पर्यादिका आध्रपभूत, विष्णुका चक्र। ... दो व सहोदरका नाम मिलता है। भाषापरिच्छेदका इसी चक्रका माश्रय कर सूर्यादि प्रह अवस्थित है। . कारिकावली तथा न्यायसिद्धांतमुक्तावली नामकी रीका, । । भागवत २२२२२५) । न्यायतत्वबोधिनी या न्याययोधिनी, न्यायसूत्रवृत्ति, पदा विश्वनामन् ( स० पु.) १ ईश्वर । २ जगत्, संसार। . र्थतत्वावलोक, पिङ्गालमतप्रकाश, सुवर्थ तयावलोक, विश्वन्तर ( पु.) १ युद्ध । २ सौपद्मनका गोत्रज . तर्क भाषा आदि प्रन्थ इनके वनापे मिलते हैं। 'न्याय- | राजपुतमेद । (ऐतरेपग्रा० ७१२७) शब्द' में इनके अन्यान्य प्रन्योंका परिचय दिया गया है। ' न्याय शब्द देखो। विश्वनाथ पण्डित-योरसिंहोदयजातकके रचयिता। ( शक्तिरनाकर०) विश्वपति (स'. पु०) विश्वस्य पतिः। विश्वका पति, - विश्वनाथ वाजपेयी-तुरगसिद्धिफे प्रणेता। गिश्वपालक, महापुरुष, कृष्ण । विश्वनाथभट्ट-१ गणेशात तत्त्वप्रबोधिनीको न्याय : बिलासनानी टोकाके प्रणेता । २ शृङ्गारयापिका नाग्नी , । विश्यपति-१ घेदाङ्गतीर्थकृत माधयविजयटीकाकी पदार्थाः नाटिका रचयिता । ३ मोर्ध्वदेहि काक्रिया वा श्राद्ध । दोपिका गाम्नी टीकाकार। २ प्रयोगशिखामणिके . प्रणेता। इनके पिताका नाम केशय था! पद्धतिके प्रणेता । ४ श्रीतप्रायश्चित्तचन्द्रिका रचयिता। . . ५ तकतरङ्गिणीनाम्नी तर्कामृतटोकाके प्रणेता। विश्वपद् ( स० वि० ) विश्वपाता, जगदीश्वर। । । विश्वनाथ मिश्र-मेघदूतार्थमुक्तावलीफे प्रणेता। __ (हरिवश २५६ म०) विश्वनाथ रामानुजदास-रहस्यत्रयविधिके रचयिता। विश्वपर्णी (स'• स्त्री०) भूम्यामलकी, भूईमावला। विश्वनाथ सिंहदेव-रामगीताटोका, रामचन्द्राहिक और (राजनिक) उसको टीका, राममन्त्रार्थनिर्णय, घेदान्तसत्रभाष्य, सन | विश्यपा ( स० पु०) विश्व पातीति पा-विच । विश्व । सिद्धान्त मादि प्रन्योंके प्रणेता । आप प्रियदासके शिष्य पालक, परमेश्वर । ' और राजा श्रीसीतारामचन्द्र बहादुरके मन्त्री थे। कोई : विश्वपायक ( स० पु. ) विश्व पाचयति पव-णिच : . कोई प्रन्थकारको राजकुमार कहते हैं। ण्वुल । भगवान् विष्णु, परमेश्वर । विश्वनाथ सूरि-आयविज्ञप्तिका रामार्यविश्चप्ति काध्यके । (मार्या पु० ६६६) प्रणेता। ........... .: विश्यपाणि (स.पु. ) ध्यानिदोधिसत्त्वभेद । विश्वनाथसेन--पथ्यापथ्यविनिश्चय नामक पैद्यक अन्धके विश्वपात (स. त्रि०) विश्वस्य पाता । १ विश्व के प्रणेत।। इन्होंने महाराज प्रतापरुद्र गजपति राजवैध पालनकर्ता, परमेश्वर । (पु०) २ पितृगणमेद। वर,