पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/७२२

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म्यूपार्फ ___ विश्वविद्यालय मिसौरी नेयास्का . ५ । विश्वविद्यालधने शिक्षा विषयमें सुख्याति लाम को। न्यूहम्पसायर १ न्यूजासी ४ | अन्यान्य विषयोंमे शिक्षा देनेके सिवा यहां अध्यापक नार्श कारोलिना । कर्तव्योपयोगी विषय और विशिष्ट विषयमें शिक्षा दो ओहियो ओरेगन | जातो हैं। न्यूयार्क शहरके कोलम्विया कालेज, कल पेन्सिलभानिया २६ रोड आइलैण्ड १ युनिवर्सिटी प्रभिडेन्सको बाउन्स युनिवर्सिटी और साउथ कारोलिना . टेनेसी २० । प्रिन्सटन, मिचिगन, मर्जिनिया और कालिफोर्नियाको टेक्सास भार्मोण्ट २ । युनिवर्सिटी इस विषयमें बहुत कुछ अप्रसर हैं। भर्जिनिया - ७ थेष्ट भर्जिनिया २ अमेरिकाके अधिकांश विश्वविद्यालयों में हो Graduate . योइस कोम्सिन् ४ डाकोटा २ और Under graduate को पृथक रखने के लिये A. B.. कोलम्बिया शिष्ट्रिय ५ उंटा १ S, B Ph. B. आदि Baccalaurate उपाधि सृष्टि हुई है वासिङ्गटन १ भारतवर्ष में भी पाश्चात्य विश्वविद्यालयके अनुस- युक्तराज्यके विभिन्न केन्द्रों में इससे अधिक संख्यक रण पर सन् १८५७ ई०में कलकत्ते में, १८यी' जुलाईको विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित रहनेसे विद्यादान विषयमें बम्बई और ५ो सितम्बरको मन्द्राज नगरमें युनिवर्सि .. अनेक सुविधा हुई है । और तो फ्या, सालाना केवल टियां प्रतिष्ठित हुई। किंतु अंगरेजी भाषाके विस्तार- । ३० डालर खर्च करनेसे गोहियों जिलेके विश्वविद्या के व्यतीत इनके द्वारा और मना मापाकी शिक्षोन्नति, लयमें एक वर्ष तक शिक्षा दी जा सकती है। साधित नहीं हुई। भारतकं छोटे लाट सर रिचाई: सन् १८८६ ई० में जान्स दपकिन्स युनिवर्सिटीफे टेम्पलने "लिखा है, कि "भारतीय युनिवर्सिटियों में परी. प्रेसिडेएट हार्भाडेने वक्तृता देते समय विश्वविद्यालय 'क्षार्थियोंकी परीक्षा ले कर उनको उपाधि वितरण, को चार विभागों में घोट देने का प्रस्ताव किया। इसके | पाठ्यपुस्तक अवधारण और शिक्षा विषयक विधि निते. अनुसार विश्वविद्यालय (१) आदि ऐतिहासिक कालेज, शादि कार्योके सिवा यहां कोई शिक्षा देने की व्यवस्था (२) राजकीय विद्यालय, (३) धर्माध्यक्षों द्वारा परिवा- | नहीं कितने ही देशोय और यूरोपीय सुशिक्षित लित कालेज और (8) साधारणके चन्देसे या व्यक्ति प्यक्तियोंके तत्वावधानमें यह परिचालित होती है। विशेष दानसे प्रतिष्ठित 'विश्वविद्यालय, ये इसी इन संघ युनिसिरियाम केवल साधारण शिक्षा, दर्शन, .. तरह वांट दिपे गये। उससे पंक सूची तय्यार होने पर घ्यवस्था, डॉक्टरी, स्थापत्यविद्या और पदार्शविदया विश्वविद्यालयकी प्रतिष्ठाके इतिहास संग्रहको विशेष | विषयों में उपाधियां दो जाती हैं।" मुविधाको सम्भावना है। - सन् १८८२-८३ ई० में लाहोर नगरमे पाय युनि- सन् १७५१ ई० में येजामिन फ्राङ्कलिनको प्रणोदित वर्सिटी कालेज प्रतिष्ठित हुआ। उक्त वर्षसे पहले यहां - प्रथासे टमास और रिचाई पेश्नपेनपेनने सिल्भानिया | उत्तीर्ण छात्रोंको के यलं राइटेल दिया जाता था, धिप्री . जो विश्वविद्यालय स्थापित किया, उससे परोक्षोत्तीर्ण | देनेको व्यवस्था न थो। इस युनिवर्सिटी में प्राच्य भाषा- छान Ph D उपाधि पाते हैं । उच्च शिक्षाको माशासे | का अधिक समादर हैं और छात्र यूरोपियोंके गपणा. विभिन्न देशसे बहुतेरे शिक्षार्थी इस देशमे आते हैं। मूलक वैज्ञानिक विषयोंको स्वदेशी भाषा द्वारा ज्ञान हामरफोडे और लफापेट कालेजोमे और लेहाई युनि- सकते हैं। इसीलिये बहुत दिनोंसे यहां I0. L . धर्सिटीमे' कालेजशिक्षा निर्धारित प्रयोक अति-: ( Bachelar of Oriental Literature ) उपाधिको रिक उच्चतम विद्यानुशोलनके लिये उन्नत उपाधियां दो सटि हुई थो। इसके बाद सन् १८८७ ई० में मारतके जाती हैं। सन १८६७ ई में वाल्टिमोर नगरमें जान्स उत्तर-पश्निम (युक्तप्रदेश ) प्रदेशंक इलाहाबाद नगरमे पकिन्स युनिवर्सिटी प्रतिष्ठित हुई। उस समयसे ही इस मौर एक युनिवर्सिटी स्थापित हुई। इन सब विश्व